चमोली: आपदा ग्रस्त क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी , सीएम करेंगे रात्रि प्रवास- पढ़िए अब तक की पूरी अपडेट
चमोली। आपदा प्रभावित क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दोबारा आपदा प्रभावित क्षेत्र में पहुंच गए हैं जहां उन्होंने प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया इस अवसर पर तमाम अधिकारी भी मौजूद रहे। आज मुख्यमंत्री आपदा प्रभावित क्षेत्र में ही रात्रि प्रवास करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेद्र सिह रावत ने सोमवार देर सांय तपोवन रितिक कंपनी के कार्यालय मे आईजी, डीआईजी, डीएम, एसपी, आर्मी, आईटीबीपी, बीआरओ के वरिष्ठ अधिकारियों एवं एनटीपीसी के प्रोजेक्ट इनचार्ज अधिकारियों की बैठक लेते हुए राहत एवं बचाव कार्यो की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को बेहतर तालमेल के साथ रेस्कयू कार्य मे तेजी लाने के निर्देश दिए। सुनियोजित तरीके से आवश्यकता अनुसार संशाधनों का प्रयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री ने ने हर प्रभावित परिवार तक रसद पहुंचाने के भी निर्देश दिए। कहा कि राशन किट वितरण मे कोई भी अनियमितता न हो। इसका विशेष ध्यान रखा जाए। डीएम को समय समय पर मीडिया को ब्रीफिंग करने को कहा ताकि भ्रामक और गलत खबरें न फैले।
इस दौरान एनटीपीसी के प्रोजेक्ट इन्चार्ज ने टनल के बारे मे पूरी जानकारी दी।
जिला प्रशासन ने आपदा प्रभावित 13 गांवों में हैली से पहुंचाई राहत सामग्री
चमोली। रविवार को आई आपदा के दूसरे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन युद्धस्तर पर जारी रहा। रेस्क्यू टीमों ने 15 लोगों को सुरक्षित बचाया। सोमवार शाम तक चमोली, रुद्रप्रयाग और पौड़ी जिले में अलकनंदा नदी के तटीय क्षेत्रों से 26 शव तथा 5 मानव अंग रिकवर कर लिए गए थे। जबकि, 197 लोग अभी भी लापता हैं। आपदा में सडक और पुल बहने के कारण नीति घाटी के जिन 13 गांवों से संपर्क टूट गया था, वहां जिला प्रशासन ने आज हैलीकॉप्टर से राशन, मेडिकल एवं रोजमर्रा की चीजें पहुंचाई। प्रभावित क्षेत्र में बिजली एवं पानी की आपूर्ति सुचारू हो गई है। वैज्ञानिक कल की घटना की वजह ताजा बर्फ के स्खलन को मान रहे हैं, जिसकी वजह से नदी के जल स्तर में तेजी से वृद्धि हुई।
इधर, सचिवालय में आज मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों, आपदा प्रबंधन, पुलिस, सेना एवं आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली। साथ ही राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ मद से 20 करोड़ रुपये जारी किए।
जोशीमठ में रविवार को आई आपदा के दूसरे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन पूरे दिनभर जारी रहा। आपदा के बाद नीति वैली के जिन 13 गांवों से संपर्क टूट गया है, उन गांवों में जिला प्रशासन ने आज हैलीकॉप्टर के माध्यम से राशन किट जिसमें 5 किग्रा चावल, 5 किग्रा आटा, चीनी, दाल, तेल, नमक, मसाले, चायपत्ती, साबुन, मिल्क पाउडर, मोमबत्ती, माचिस आदि और दवाइयां पहुंचाई। जिलाधिकारी ने बताया कि जब तक वहां पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था या पुल तैयार नही हो जाता, तब तक हैलीकाॅप्टर से हां पर रसद पहुंचाने का काम जारी रहेगा और जल्द से जल्द क्षेत्र के लोगो की परेशानियां दूर करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।
रेस्क्यू टीमें आज दिनभर आपदा प्रभावित क्षेत्र के साथ ही अलकनन्दा नदी तटों पर लापता लोगों की खोजबीन में जुटी रहीं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ के 70, एनडीआरएफ के 129, आईटीबीपी के 425 जवान एसएसबी की एक टीम, आर्मी के 124 जवान, आर्मी की दो मेडिकल टीम और स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड की दो मेडिकल टीमें लगी हुई हैं। सोमवार शाम तक रेस्क्यू टीमों ने रेस्क्यू टीमों ने 15 व्यक्तियों को सुरक्षित बचाया। जबकि, कुल 26 शव और 5 मानव अंग रिकवर किए। इनमें तपोवन से तीन शव, कोतवाली चमोली क्षेत्र के अंतर्गत 12 शव, एक पैर वए क मानव हाथ, कोतवाली कर्णप्रयाग क्षेत्र के अंतर्गत 5 शव व 3 मानव पैर, रुद्रप्रयाग जिले में 5 शव और श्रीनगर से एक शव रिकवर किया। जबकि, 197 लोग अभी भी लापता हैं। टनल में फंसे 25 से 35 लोगों को रेस्क्यू आपरेशन युद्धस्तर पर जारी है।
इधर, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों, आपदा प्रबंधन, पुलिस, सेना एवं आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ बैठक कर जोशीमठ के रेणी क्षेत्र में आई आपदा में राहत एवं बचाव कार्यों की की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को क्षेत्र में खाद्य सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने तथा रेस्क्यू टीमों को भी आवश्यक सामग्री समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों का समय-समय पर सर्वे कराने तथा एसडीआरएफ की टीमें संवेदनशील स्थानों के निकट तैनात करने के निर्देश दिए।
बैठक में आईआरएस के निदेशक डॉ. प्रकाश चैहान ने कल की घटना की वजह ताजा बर्फ के स्खलन को बताया, जिसकी वजह से नदी के जल स्तर में तेजी से वृद्धि हुई। हालांकि, अब स्थिति सामान्य है।
बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि लापता लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की प्रक्रिया तय करने के लिए जल्द हीएसओपी जारी की जाएगी।
बैठक में जानकारी दी गई प्रभावित क्षेत्र के आस-पास बिजली एवं पानी की आपूर्ति सुचारू है। तत्काल राहत के लिए एक हजार राशन के पैकेट एवं अन्य सामग्री भेजी गई है।
बैठक में मुख्यमंत्री के सैन्य सलाहकार ले.ज.(रिटा.) जेएस नेगी, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, शैलेष बगोली, दिलीप जावलकर, एसए मुरूगेशन, सुशील कुमार, दीपेन्द्र चैधरी, कर्नलएस. शंकर, आईटीबीपी के कमाडेंट शेंदिल कुमार, आईजी संजय गुंज्याल, डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल आदि उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्रियों ने किया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, सांसद तीरथ सिंह रावत, उत्तराखंड के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री और चमोली जिले के प्रभारी मंत्री डा. धन सिंह रावत ने भी तपोवन आदि क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट और सुरेंद्र सिंह नेगी ने भी तपोवन एवं रैणी मे आपदा प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया।
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