उत्तराखंड: हफ्ते भर से लापता नर्स की इस हालत में मिली लाश , दुष्कर्म के बाद हत्या की आंशका
वारदात की गहनता से जांच में जुटी है पुलिस
Udham Singh Nagar News: रुद्रपुर शहर के प्रतिष्ठित निजी अस्पताल में कार्यरत नर्स एक हफ्ते से लापता थी जिसका क्षत-विक्षत हालत में शव रुद्रपुर से सटे यूपी क्षेत्र से बरामद हुआ है। नर्स की हत्या कर पहचान छिपाने के लिए चेहरे पर कैमिकल डालने व दुष्कर्म करने की आशंका जताई जा रही है।
गुस्साए परिजनों और लोगों ने शव रखे एंबुलेंस के साथ निजी अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा काटा।
जानकारी के अनुसार, गदरपुर के इस्लामनगर निवासी नफीस अहमद की बेटी तस्लीम जहां (32) नैनीताल रोड स्थित फुटेला अस्पताल में नर्स थी। वह अपनी 11 साल की बेटी के साथ बिलासपुर के डिबडिबा स्थित वसुंधरा कॉलोनी में रहती थी। 30 जुलाई से तस्लीम लापता थी। उसकी बहन यासमीन ने 31 जुलाई को रुद्रपुर कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज करने के बाद सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो वह अंतिम बार 30 जुलाई की शाम वसुंधरा काॅलोनी के पास दिखी। तस्लीम का क्षत-विक्षत शव उसकी काॅलोनी को जाने वाली सड़क के पास एक खाली प्लाॅट की झाड़ियों से बरामद हुआ हैं। परिजनों ने कपड़ाें के आधार पर उसकी शिनाख्त की। सूचना पर बिलासपुर और रुद्रपुर कोतवाली की टीम मौके पर पहुंच गई थी। घटनास्थल यूपी क्षेत्र हाेने के चलते बिलासपुर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए कब्जे में लिया।
शुक्रवार दोपहर पोस्टमार्टम के बाद शव को एंबुलेंस में रखकर फुटेला अस्पताल के बाहर पहुंचे परिजनों ने जमकर हंगामा किया। लोगों की भीड़ देख अस्पताल प्रबंधन ने गेट पर ताला लगाने के साथ ही पुलिस को सूचना दी थी।
कोतवाल मनोहर सिंह दसौनी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और आक्रोशित लोगों को समझाने की कोशिश की। मृतका के पिता नफीस का कहना है कि बेटी के लापता होने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने सहयोग नहीं किया था। लोगों का आरोप था कि मृतका की बहन को अस्पताल के मालिक से मिलने तक नहीं दिया गया और वह बहन की तलाश में परेशान घूमती रही।
गेट के अंदर से ही अस्पताल के मैनेजर रोहित कपूर ने लोगों से बात कर कहा कि पुलिस तहकीकात कर रही है। अस्पताल की ओर से जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है। प्रबंधन पर किसी भी तरह की लापरवाही के आरोप को उन्होंने खारिज कर दिया। कहा कि गुमशुदगी के बाद से ही अस्पताल की ओर से पुलिस अधिकारियों से लगातार संपर्क किया जा रहा था। इसके बाद पुलिस के समझाने पर परिजन शव लेकर वहां से चले गए।
निजी अस्पताल पर हंगामा कर रहे परिजनों और लोगों को पुलिसकर्मियों ने समझाने की कोशिश की। इस दौरान दोनों के बीच नोकझोंक भी हो गई। गुस्साए परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज करने के बाद मामले को हल्के में लेने का आरोप लगाया। पुलिस ने किसी तरह उनको समझा बुझाकर शांत किया। परिजनोें का कहना है कि मृतका के पास दो मोबाइल थे और दोनों गायब हैं।
फाइल फोटो : मृतका तस्लीम जहां
यासमीन ने बताया कि उनकी बहन की शादी वर्ष 2013 में हुई थी। कुछ साल बाद उनका तलाक हो गया था। यासमीन की एक बेटी है, जो चौथी कक्षा में पढ़ती है। तस्लीम सात भाई और बहनों में सबसे बड़ी थी।
तस्लीम का शव बेहद बुरी स्थिति में बरामद हुआ था। उसके हाथ और पैरों के पंजे गायब थे। कमर से नीचे का हिस्सा पूरा हिस्सा सड़ गया था। सिर पर मांस का एक लोथड़ा तक नहीं था। एक हाथ पर बची खाल में लाल और काले धब्बे बने हुए थे। माना जा रहा है कि हत्या करने के बाद शव पर पहचान मिटाने के लिए कैमिकल डाला गया है। परिजनों ने भी उसकी बेहरमी से हत्या की आशंका जताई है। यूपी की बिलासपुर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की सही वजह सामने आएगी।
एसपी सिटी मनोज कत्याल का कहना है कि महिला की गुमशुदगी रुद्रपुर कोतवाली में दर्ज थी, लिहाजा इस मामले की जांच के लिए चार टीमें गठित की गई हैं। जल्द ही इस घटना से पर्दा उठाया जाएगा। इस घटना की जांच में सीमा विवाद का कोई विषय नहीं है।
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