उत्तराखंड -(बड़ी खबर) धामी कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता (UCC) को मंजूरी दी

Dehradun News: उत्तराखंड से आज की सबसे बड़ी खबर , राज्य कैबिनेट बैठक में UCC के ड्राफ्ट पर हुई चर्चा के बाद समान नागरिक संहिता कानून के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी गई है ।
धामी कैबिनेट ने लिया महत्वपूर्ण निर्णय
UCC के ड्राफ्ट को धामी कैबिनेट ने दी स्वीकृति। 5 से 8 फरवरी तक आहूत होने वाले सदन के पटल पर यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट रखा जाएगा।
UCC ड्राफ्ट को लेकर बुलाई गई कैबिनेट बैठक हुई समाप्त
कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता UCC पर लगाई अपनी मुहर
UCC को लेकर मुख्यमंत्री आवास सभागार में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक
बैठक में किया गया समान नागरिक संहिता का प्रस्तुतीकरण
मंत्रिमंडल के समक्ष किया गया प्रस्तुतीकरण
प्रस्तुतीकरण अवलोकन के पश्चात मंत्रिमंडल ने लगाई UCC ड्राफ्ट पर अपनी मुहर
मंत्रिमंडल ने किया विधानसभा के पटल पर रखे जाने का अनुमोदन प्रदान
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के ड्राफ्ट को उत्तराखंड कैबिनेट ने हरी झंडी दी
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के ड्राफ्ट को उत्तराखंड कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। रविवार को सीएम आवास पर हुई कैबिनेट की बैठक में ड्राफ्ट का विधेयक तैयार कर विधानसभा के पटल पर रखने को मंजूरी दे दी गई। अब आगामी छह फरवरी को आयोजित विधानसभा सत्र में यूसीसी का विधेयक पेश किया जाएगा।
उत्तराखंड में 2022 में भाजपा ने यूसीसी के मुद्दे को सर्वाेपरि रखते हुए वादा किया था कि सरकार बनते ही इस पर काम किया जाएगा। धामी सरकार ने यूसीसी के लिए कमेटी का गठन किया। जिसने डेढ़ साल में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार किया। अब विधानसभा का विशेष सत्र पांच फरवरी से शुरू होने जा रहा है, जिसमें पास होने के बाद यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा।
जानिये क्या है – समान नागरिक संहिता कानून
यूनिफॉर्म सिविल कोड (uniform civil code) या समान नागरिक संहिता (UCC) में देश में सभी धर्मों, समुदायों के लिए एक सामान, एक बराबर कानून बनाने की वकालत की गई है। आसान भाषा में बताया जाए तो इस कानून का मतलब है कि देश में सभी धर्मों, समुदाओं के लिए कानून एक समान होगा।
यह संहिता संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत आती है। इसमें कहा गया है कि राज्य पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे।
यह मुद्दा एक सदी से भी ज्यादा समय से राजनीतिक नरेटिव और बहस के केंद्र बना हुआ है और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए प्राथमिकता का एजेंडा रहा है। भाजपा 2014 में सरकार बनने से ही UCC को संसद में कानून बनाने पर जोर दे रही है। 2024 चुनाव आने से पहले इस मुद्दे ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है।


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