Uttarkashi Tunnel Collaps: घटनास्थल पर पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी , रेस्क्यू कार्यों का ले रहे जायजा
Uttarkashi News: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिल्कयारा पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री निर्माणाधीन टनल में हुए भू-धंसाव का निरीक्षण कर रहे। घटनास्थल पर पहुंचकर मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों से बचाव कार्य फीडबैक लिया। रेस्क्यू ऑपरेशन के सफल संचालन एवं फंसे हुए श्रमिकों को जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकालने के लिए वह स्वयं घटनास्थल पर अधिकारियों एवं बचाव दल के बीच मौजूद हुए। मुख्यमंत्री धामी ने सिलक्यारा टनल में रेस्क्यू अभियान पर कहा कि पीएम ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अन्य एजेंसियां और विशेषज्ञ फंसे हुए 40 मजदूरों की जिदंगी बचाने के लिए काम कर रहे हैं। पीएम ने फंसे हुए लोगों के परिवारों को आश्वस्त किया है कि राज्य सरकार और प्रशासन उन्हें बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
सुरंग में श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रात भर रेस्क्यू अभियान चला। श्रमिकों से वॉकी टॉकी के जरिये संपर्क जुड़ा है और वे सभी सुरक्षित हैं। मजदूरों ने खाने की मांग की है, जिन्हें पाइप के जरिए खाना भिजवाया जा रहा है। विक्टिम्स तक की दूरी 60 मीटर के करीब है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिलक्यारा के पास अस्थाई हेलीपैड पर पहुंचे। वहां मौजूद अधिकारियों से रेस्क्यू अभियान की जानकारी ली। आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडे भी मुख्यमंत्री के साथ मौजूद हैं।
सभी लोग सुरक्षित
गौरतलब है कि उत्तरकाशी में दीपावली के दिन सिल्क्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से टनल में कार्यरत 40 श्रमिक अंदर फंसे है, सिल्क्यारा टनल के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए राहत और बचाव का अभियान पिछले 30 घंटों से लगातार जारी है।
टनल में फंसे मजदूरों से वॉकी-टॉकी के जरिये संपर्क हुआ है। अंदर फंसे मजदूरों को नाश्ता और पानी दिया गया है। सभी के सुरक्षित होने की जानकारी मिली है, मजदूरों के लिए कैम्प्रेसर के माध्यम से कुछ रसद (चना-चबैना) के पैकेट अंदर भिजवाये गए है। टनल में पानी के पाइप के जरिये लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।
उत्तरकाशी के सर्कल अधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया कि मलबा लगभग 60 मीटर गहरा है। जैसे ही हम मलबा हटा रहे हैं, यह ऊपर से गिर रहा है। वर्तमान स्थिति यह है कि कल हमने सुरंग के अंदर फंसे लोगों के साथ संचार स्थापित किया था। हमने सुरंग के अंदर लगभग 15 मीटर तक चले गए हैं, और लगभग 35 मीटर की दूरी तय करना बाकी है। हर कोई सुरक्षित है, हमने उन्हें ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया है। हम सुरंग के अंदर जाने के लिए बग़ल में अपना रास्ता बना रहे हैं।
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