उत्तराखंड:कोरोना हेल्थ बुलेटिन जारी, आज 33 नए केस, पढ़िए डेल्टा प्लस की ताजा अपडेट
देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण का प्रकोप तेजी से कम हो रहा है। लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।
गुरुवार की सांय 6:00 बजे स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार राज्य में आज 33 नए लोगों में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई। राज्य में आज किसी भी कोरोना मरीज की मौत नही हुई। वहीं 15 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए।
जिनमें देहरादून जिले से 04 ,हरिद्वार से 04, नैनीताल जिले से 01, उधमसिंह नगर से 01 , पौडी से 06, टिहरी से 0, चंपावत से 03, पिथौरागढ़ से 0, अल्मोड़ा 03 , बागेश्वर से 04, चमोली से 01, रुद्रप्रयाग से 02 ,उत्तरकाशी से 06 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं।
राज्य में कोरोना से संक्रमित अब तक कुल 343034 मरीजों में से 329212 मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं , 6052 संक्रमित राज्य से बाहर जा चुके, हैं ,7387 संक्रमित की मौत हो चुकी है। राज्य में वर्तमान में कोविड-19 के एक्टिव केस 383 है। इधर रिकवरी रेट 95.98 प्रतिशत पहुंच गया है।
उत्तराखंड में मिला डेल्टा प्लस उप वंश अधिक संक्रामक नहीं और ना ही घातक होने के प्रमाण मिले:डॉ तृप्ति बहुगुणा
देहरादून : डेल्टा प्लस के मामले मिलने के बाद लोगों में डर का माहौल बना हुआ है ऐसे में कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक डा. तृप्ति बहुगुणा कहा कि राज्य में कोरोना वायरस के स्वरूप में हो रहे निरंतर परिवर्तन को लेकर पूरी तरह सतर्कता बरती जा रही है।
अलग-अलग इलाकों में जाकर सैंपलिंग के माध्यम से वायरस के जीनोम सीक्वेंसिंग का कार्य किया जा रहा है। डीजी स्वास्थ्य ने कहा कि कोविड-19 वायरस का निरंतर स्वरूप को बदलते रहना इसकी अंतर्निहित प्रवृति है। जिसके कारण वायरस के स्वरूप में परिवर्तन से नये उप वंश बनते रहते हैं।
वायरस के इन नए उप वंशों का प्रभाव मूल वायरस से कम भी हो सकता है और अधिक घातक भी हो सकता है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों ऊधमसिंह नगर जिले में एवाई.1 यानी डेल्टा प्लस उप वंश दो मरीजों के सैंपल में पाया गया था।
इन दोनों मरीजों में कोविड के हल्के लक्षण पाए गए थे। भारत सरकार के जिनोम सीक्वेंसिंग लैबोरेटरी टेस्टिंग नेटवर्क के अंतर्गत देखा गया है कि डेल्टा प्लस बहुत ही कम सैंपल मे पाया गया है। जिससे यह प्रतीत होता है की डेल्टा प्लस उप वंश अधिक संक्रामक नहीं है और इसके ज्यादा घातक होने के भी कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिले हैं
आइडीएसपी के प्रभारी अधिकारी डा. पंकज सिंह ने बताया कि जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 42 सैंपलों में एवाई.4 व एवाई.12 म्यूटेशन मिला है। इनसे प्रभावित मरीजों में से अधिकांश में कोविड के हल्के लक्षण थे और वह ठीक हो गए हैं। इससे साफ होता है कि वायरस के ये दोनों उप वंश भी हल्के प्रभाव वाले हैं।
अन्य राज्यों में भी इनके घातक होने के मामले सामने नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि सभी उप वंशों की सक्रिय निगरानी की जा रही है और जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए निरंतर सैंपल दिल्ली भेजे जा रहे हैं।
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