देहरादून: सीएम धामी की साफ चेतावनी- पद बड़ा हो या छोटा ,भ्रष्टाचार किया तो सख्त कार्रवाई और सीधा जेल का रास्ता

देहरादून। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पारदर्शी और जवाबदेह शासन की दिशा में ठोस और निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं ,सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना और प्रशासन में जवाबदेही सुनिश्चित करना। हाल के महीनों में सरकार ने यह दिखा दिया है कि अब सिर्फ छोटे कर्मचारियों पर नहीं, बल्कि बड़े अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी, चाहे उनका पद या प्रभाव कितना ही बड़ा क्यों न हो। पहले जिन अधिकारियों पर सवाल उठाने में लोग हिचकते थे, अब उनके खिलाफ भी कठोर कदम उठाए जा रहे हैं।
हरिद्वार जमीन घोटाले पर धामी सरकार का कड़ा एक्शन
हरिद्वार जमीन खरीद घोटाले पर धामी सरकार ने कड़ा एक्शन लेते हुए दो आईएएस एक पीसीएस समेत 12 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है जिसको लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान सामने आया है ।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर हमारा स्पष्ट मत है , हमारी नीति जीरो टॉलरेंस की है ,किसी भी कीमत पर देवभूमि में भ्रष्टाचार स्वीकार नहीं किया जाएगा । हमारी सरकार भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए लगातार कार्य कर रही है और हमने 100 से ज्यादा नकल के मामले में भ्रष्टाचार को पूरी तरह से समाप्त किया है और नकल माफियाओं को जेल की सलाखों के पीछे भेजा । 1064 टोल फ्री नंबर पर शिकायत मिलने पर गिरफ्तार किया गया ,
ओर हरिद्वार जमीन घोटाला जैसे ही संज्ञान में आया तत्काल हमने जांच बैठाई ओर जांच की रिपोर्ट आते ही भूमि विक्रेताओं के बैंक खातों को सीज किया गया , अधिकारियों को सस्पेंड किया गया ओर जांच रिपोर्ट प्राप्त होने बाद उसकी समीक्षा की गई उसके बाद तत्कालीन नगर आयुक्त
,तत्कालीन जिलाधिकारी ओर प्रशासक सहित 7 लोगों को निलंबित करते हुए विजिलेंस को सौंप दिया है । हम ही सुनिश्चित करेंगे कि नगर निगम का जो पैसा है वो वापस आए । साथ ही नगर निगम के कामों की ऑडिट की जाएगी जिससे अगर कोई अनियमितता हुई है तो वह पकड़ में आएगी और उसपर भी कार्यवाही होगी । देवभूमि में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत भ्रष्टाचार के आरोप
मुख्यमंत्री धामी की “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत अब तक कई वरिष्ठ अधिकारियों पर भ्रष्टाचार, पद के दुरुपयोग, आय से अधिक संपत्ति और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों में कार्रवाई की गई है. मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया है कि “सरकार की नीति साफ है—भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और जवाबदेही तय करना.” यही कारण है कि बीते तीन सालों में कई ऐसे वरिष्ठ अफसरों और कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की गई है, जो पहले अछूत माने जाते थे।
इन बड़े नामों पर गिरी सरकार की गाज
हरिद्वार जमीन घोटाला : 2 IAS और 1 PCS अफसर समेत कुल 12 लोग सस्पेंड
रामविलास यादव (IAS अधिकारी): आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में निलंबित किया गया. उनके खिलाफ आय का स्रोत स्पष्ट न होने पर जांच एजेंसियों ने गहरी जांच शुरू की है.
किशन चंद (IFS अधिकारी): वन विभाग से जुड़े इस वरिष्ठ अधिकारी पर पद के दुरुपयोग और आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगे हैं. उनके विरुद्ध कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की गई है.
हरमिंदर सिंह बवेजा (उद्यान निदेशक): बागवानी विभाग में भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के कारण निलंबित किए गए.
अमित जैन (वित्त नियंत्रक, आयुर्वेद विश्वविद्यालय): भ्रष्टाचार संबंधी आदेशों की अनदेखी और वित्तीय नियमों की अवहेलना पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई.
भूपेंद्र कुमार (उपमहाप्रबंधक वित्त, परिवहन निगम): रिश्वत लेने और वित्तीय गड़बड़ियों के आरोपों में निलंबन. विजिलेंस द्वारा विस्तृत जांच चल रही है.
महिपाल सिंह (लेखपाल): रिश्वत मांगने के मामले में रंगे हाथ पकड़े गए. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है.
निधि यादव (PCS अधिकारी): विभिन्न मामलों में भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद उनके खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू की गई है.
रामदत्त मिश्र (उप निबंधक, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग): स्टांप शुल्क व भूमि पंजीकरण में अनियमितताओं के कारण निलंबित.
राज्य कर विभाग के अधिकारी वी.पी. सिंह, डॉ. कुलदीप सिंह और यशपाल सिंह: इन वरिष्ठ अधिकारियों को कार्य में घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार के संदेह पर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।
सेवानिवृत्त अधिकारी भी जांच के दायरे में
बता दें कि सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ वर्तमान में कार्यरत ही नहीं, बल्कि सेवानिवृत्त अधिकारी भी जांच के दायरे में आएंगे यदि उन्होंने सेवा काल में कोई अनियमितता की हो।
कुशाल सिंह राणा और राजेन्द्र डबराल (सेवानिवृत्त लेखपाल): ज़मीन कब्जाने के आरोप में मुकदमा दर्ज.
मृत्युंजय मिश्रा (पूर्व रजिस्ट्रार, आयुर्वेद विश्वविद्यालय): भ्रष्टाचार की शिकायतों के आधार पर जांच प्रक्रिया जारी.
रजनीश कुमार पांडे (सीनियर गोदाम अधिकारी, GBPUAT पंतनगर): आय से अधिक संपत्ति मामले में केस दर्ज.
नकल माफिया पर कड़ी कार्रवाई
राज्य में आयोजित विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक जैसे मामलों को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है. मुख्यमंत्री धामी की स्पष्ट मंशा है कि युवा पीढ़ी को साफ-सुथरा और निष्पक्ष अवसर मिले. अब तक 57 नकल माफिया जेल भेजे जा चुके हैं। 24 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की गई है, इससे यह संदेश किया गया है कि राज्य में कोई भी परीक्षा प्रणाली के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता है।


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