Uttarakhand: सेना द्वारा आयोजित कुमाऊँ कार रैली – पर्यटन और गौरव का संगम
चंपावत में कुमाऊँ कार रैली का भव्य स्वागत

Champawat News- कुमाऊँ की संस्कृति, पर्यटन और रणनीतिक महत्व को वैश्विक मंच पर ले जाने के उद्देश्य से कुमाऊँ कार रैली 2025 का शुभारंभ आज बरेली से हुआ। उत्तर भारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल डी.जी. मिश्रा ने औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाकर इस रैली की शुरुआत की।
भारतीय सेना की यह पहल केवल एक खेल आयोजन भर नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय गौरव, रोमांच और सीमांत पर्यटन को एक नई दिशा देने का अभियान है। रैली का आयोजन पंचशूल ब्रिगेड द्वारा ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के उपलक्ष्य में किया गया है, जिसका उद्देश्य युवाओं और आम जनमानस को सेना और पर्यटन की मुख्यधारा से जोड़ना है।
यह रैली बरेली से प्रारंभ होकर बनबसा, चंपावत, पिथौरागढ़, गुंजी, आदि कैलाश, लिपुलेख, धारचूला, डीडीहाट, नैनीताल से होते हुए पुनः बरेली तक आयोजित की जा रही है।
चंपावत में हुआ भव्य स्वागत
चंपावत पहुंचने पर रैली का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं के साथ स्वागत किया गया। पंचशूल टस्कर्स टीम ने कुमाऊँनी और छलिया नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियों से वातावरण को उल्लासमय बना दिया।
माउंट कार्मेल स्कूल के बैंड और एनसीसी बटालियन, चंपावत के कैडेटों ने अपनी अनुशासित व ऊर्जावान प्रस्तुतियों से समूचे आयोजन में जोश और उत्साह का संचार किया।
इस अवसर पर ब्रिगेडियर गौतम पठानिया, कमांडर 119 ब्रिगेड; लेफ्टिनेंट कर्नल भगवती सिंह राठौर (सेना मेडल), ऑफिसर कमांडिंग 119 ओएमसी; एसडीएम चंपावत; मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि श्री अनुराग आर्य व श्री प्रकाश चंद्र तिवारी; कर्नल राकेश पाठक; कर्नल बी.डी. जोशी (सेवानिवृत्त); मेजर जनरल के.जे.एस. गिल (सेवानिवृत्त) सहित सेना के अनेक अधिकारी, सैनिक और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
रैली ने अपने संदेश के माध्यम से स्पष्ट किया कि कुमाऊँ केवल प्राकृतिक सौंदर्य और संस्कृति का प्रतीक ही नहीं है, बल्कि यह देश की रणनीतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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