Uttarakhand news: उत्तराखंड में अब इतनी महंगी होगी शराब , राज्य बनेगा सुगंधित मदिरा का हब

Dehradun News : उत्तराखंड में शराब के शौकीनों के खास खबर है कि बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में नई आबकारी नीति पर मुहर लगा दी गई। नीति में इस वर्ष शराब की कीमतों में पांच से 10 प्रतिशत तक की वृद्धि प्रस्तावित की गई है। साथ ही विदेशी मदिरा की थोक आपूर्ति में स्थानीय निवासियों की भागीदारी भी नीति में सुनिश्चित की गई है।
राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में माइक्रो डिस्टिलेशन इकाइयां स्थापित की जाएंगी। सरकार का दावा है कि इससे पर्वतीय क्षेत्र में इनोवेशन और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।
सुगंधित मदिरा का हब बनेगा उत्तराखंड
मदिरा में वनस्पतियों, जड़ी-बूटियों, फलों, फूलों का प्रयोग होगा। इससे राज्य को सुगंधित मदिरा के उत्पादन के हब के रूप में पहचान मिलेगी। नीति को लेकर सरकार यह भी कहना है कि देसी शराब में स्थानीय उत्पादों के उपयोग से राज्य स्थानीय किसानों और उद्यमियों को फायदा होगा। वे जड़ी बूटियों और कीनू, माल्टा, काफल, सेब, नाशपाती, तिर, आडू का उत्पादन बढ़ाएंगे।
पर्वतीय क्षेत्रों के मॉल्स डिपार्टमेंटल स्टोर में मिलेंगे मदिरा बिक्री के लाइसेंस
मैदानों की तरह पर्वतीय क्षेत्रों के मॉल्स डिपार्टमेंटल स्टोर में मदिरा बिक्री के लाइसेंस मिलेंगे। पहाड़ में मैदान की तुलना में आधी यानी पांच लाख रुपये लाइसेंस फीस रखी गई है। इसके लिए दुकान का न्यूनतम क्षेत्रफल 400 वर्ग फिट तय किया गया है। पर्यटन की दृष्टि से नीति में सीजनल बार लाइसेंस शुल्क का प्रावधान भी किया गया है। पिछले साल से अलग स्टार कैटेगरी के अनुसार बार का लाइसेंस शुल्क निर्धारित होगा। पर्यटन वाले क्षेत्रों में वैध मदिरा के बिक्री को प्रोत्साहन करने के लिए उप दुकान का प्रावधान किया गया है।
पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर आवंटन
नीति में शराब की पुरानी दुकानों को उसी अनुज्ञापक को 10 प्रतिशत वृद्धि के साथ नवीनीकरण करने की व्यवस्था की गई है। जिन दुकानों का नवीनीकरण नहीं होगा, उनका लाटरी या नीलामी के साथ ही पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर आवंटन किया जाएगा।
मदिरा दुकानों का व्यवस्थापन नवीनीकरण, दो चरणों की लॉटरी, प्रथम आवक प्रथम पावक के सिद्धात पर पारदर्शी एवं अधिकतम राजस्व अर्जन की दृष्टि से किया जाएगा।
आवेदक को आवेदन पत्र के साथ दो वर्ष का ITR दाखिल करना अनिवार्य
नवीनीकरण उन्ही अनुज्ञापियों का किया जाएगा जिनकी समस्त व्यपगत देयताए बेबाक हों और प्रतिभूतियाँ सुरक्षित हों। आवेदक को आवेदन पत्र के साथ दो वर्ष का ITR दाखिल करना अनिवार्य होगा। एक आवेदक सम्पूर्ण प्रदेश में अधिकतम तीन मदिरा दुकानें आवंटित की जा सकेंगी। प्रदेश के समस्त जनपदों में संचालित मदिरा दुकान के सापेक्ष उप दुकान खोले जाने की अनुमति राजस्व हित दी जा सकेगी।
देशी मदिरा दुकानों में 36 प्रतिशत v/v तीव्रता की मसालेदार शराब या 25 प्रतिशत v/v तीव्रता की मसालेदार एवं सादा मदिरा एवं विशेष श्रेणी की मेट्रो मदिरा की आपूर्ति के प्राविधान किए गए हैं। विदेशी / देशी मदिरा के कोटे का अनतरण कोटे के अधिभार के 10% तक अनुमन्य होगा।
विदेशी मदिरा में न्यूनतम प्रत्याभूत ड्यूटी का निर्धारण कर मदिरा ब्राण्डो का मूल्य विगत वर्षों की भाँति निर्धारित किया गया है, जिससे आबकारी राजस्व सुरक्षित रहे और उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर मदिरा उपलब्ध हो सके।
प्रदेश में पर्यटन प्रोत्साहन एवं स्थानीय रोजगार की दृष्टि से पर्वतीय तहसील एवं जनपदो में मॉल्स डिपार्टमेन्टल स्टोर में मदिरा बिक्री का अनुज्ञापन शुल्क ₹.05 लाख (पाँच लाख)/ दुकान का न्यूनतम क्षेत्रफल 400 वर्गफुट का प्रविधान किया है। विगत वर्ष से भिन्न स्टार कैटेगरी के अनुसार बार अनुज्ञापन शुल्क निर्धारित किया गया है, इसी प्रकार पर्यटन की दृष्टि से सीजनल बार अनुज्ञापन शुल्क का प्रावधान किया गया है।परपरागत रूप से अवैध कच्ची शराब के उत्पादन क्षेत्रों में लगातार प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही करने तथा ऐसे क्षेत्रों में वैध मदिरा के विक्रय को प्रोत्साहन करने हेतु उप दुकान का प्राविधान किया गया है।
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