उत्तराखंड: फूलों की घाटी पर्यटकों से हुई गुलजार ,खिले रंग बिरंगे फूल

- फूलों की घाटी पर्यटकों से हुई गुलजार ,खिले रंग बिरंगे फूल
चमोली। विश्व धरोहर फूलो की घाटी बारिश के बाद महकने लगी है। घाटी में इन दिनों कई प्रजाति के फूल अपनी रंगत बिखेर रहे है। यहां देशी विदेशी सैलानी इन दिनों घाटी का दीदार करने के लिये पहुंच रहे है। फूलो की घाटी एक जून से पर्यटकों के लिये खोल दी गई थी। लेकिन इस वर्ष जून माह के पहले सप्ताह में बारिश के न होने से कम मात्रा मे फूल खिले थे जैसे ही बारिश शुरु हुई तो घाटी रंग बिरंगे फूलों से महक उठी है।
ऊंचाई वाले स्थानों मे हो रही बारिश के साथ ही विश्व धरोहर फूलो की घाटी में धीरे धीरे फूलो का खिलना भी शुरु हो गया है। इन दिनो घाटी में 50 प्रजाति से अधिक फूल खिल गये है। इसके साथ ही घाटी में देशी विदेशी पर्यटकों के पहुचे के सिलसिला भी बना हुआ है।
एक जून से फूलो की घाटी देशी विदेशी पर्यटको के लिये खोल दी गई थी लम्बे समय से फूलो की घाटी मे बारिश के न होने से कम प्रजाति के फूल खिले है। जैसे ही घाटी मे इन दिनो बारिश का दौर शुरु हुआ तो घाटी मे फूलों की बहार भी शुरु हो गयी है। फूलो की घाटी के वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती का कहना है कि घाटी मे बारिश होने के साथ ही फूल खिलने लगे है। अभी तक यहां 50 से अधिक प्रजाति के फूल खिले हुये है। घाटी में अभी तक दो हजार से अधिक देशी विदेश पर्यटको ने घाटी का दीदार अब तक कर दिया है। जिसमें 17 विदेश पर्यटक शामिल है।

तितलियों का भी है संसार
विश्व धरोहर फूलों की घाटी में 500 से अधिक फूल खिलते हैं। खास बात तो यह है कि फूलों की घाटी में हर 15 दिनों में अलग प्रजाति के फूल खिलने से घाटी का रंग भी बदल जाता है।
फूलों की घाटी में पांच सौ से अधिक फूलों की प्रजातियों का घर है, जिसमें ब्रह्मकमल जैसी कुछ फूलों की किस्में भी शामिल हैं, जो उत्तराखंड का राज्य फूल भी है। अन्य किस्मों में ब्लू पोस्पी शामिल हैं, जिन्हें फूलों की रानी, ब्लूबेल, प्रिमुला, पोटेंटिला, एस्टर, लिलियम, हिमालयन ब्लू पोपी, डेल्फीनियम और रैनुनकुलस आदि हैं। यहां पर तितलियों का भी संसार है। इस घाटी में कस्तूरी मृग, मोनाल, हिमालय का काला भालू, गुलदार, हिम तेंदुएं भी रहते है।
- यूनेस्को ने घोषित किया है विश्व धरोहर
चमोली। फूलों की घाटी को उसकी प्राकृतिक खूबसूरती और जैविक विविधता के कारण 2005 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया। 87.5 वर्ग किमी में फैली फूलों की ये घाटी न सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।

- कैसे पहुंचें फूलों की घाटी
फूलों की घाटी पहुंचने के लिए बदरीनाथ हाइवे से गोविंदघाट तक पहुंचा जा सकता है। यहां से 3 किमी सड़क मार्ग से पुलना और 11 किमी की दूरी पैदल चलकर हेमकुंड यात्रा के बैस कैंप घांघरिया पहुंचा जा सकता है।
यहां से तीन किमी की दूरी पर फूलों की घाटी है।

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