उत्तराखंड चुनावी महासंग्राम 2022: कांग्रेस में बगावत ,इन नेताओं ने किया निर्दलीय मैदान में उतरने का ऐलान
देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है. प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने के बाद राज्य की दोनों बड़ी पार्टियों में बगावत का बिगुल बज गया है. जो पार्टियों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. गढवाल से लेकर कुमाऊं तक बगावत के स्वर बुलंद हो गए है. कई नेता टिकट न मिलने से नाराज है तो कई नेता निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके है. घनसाली के भीमलाल आर्य हो या धनोल्टी में डॉ वीरेन्द्र सिंह रावत, देहरादून, सहसपुर, राजपुर, हरिद्वार , लगभग अधिकतर सीटों पर नेता नाराज है और पार्टी पर आरोप लगा रहे है।
बता दें कि घनसाली से पिछली बार कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़े भीमलाल आर्य को टिकट नहीं दिया गया. जिसके बाद आर्य ने पार्टी पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. धनौल्टी में डॉ वीरेन्द्र सिंह रावत को टिकट नहीं मिलने नाराज बताए जा रहे हैं . यमुनोत्री पिछली बार कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़े संजय डोभाल की बजाय इस बार दीपक बिजल्वाण को मौका दे दिया गया है. जिसके बाद डोभाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. कर्णप्रयाग में टिकट न मिलने से सुरेश बिष्ट ने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया है . पौड़ी सीट से टिकट न मिलने पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य तामेश्वर आर्य व ऋषिकेश से टिकट न मिलने पर शूरवीर सिंह सजवाण नाराज हैं नाराजगी के सुर देहरादून जिले की सहसपुर सीट से लेकर राजपुर रोड सहित हरिद्वार में भी दिखा है।
कुमाऊं और तराई क्षेत्र में भी कई सीटों पर कांग्रेस नेताओं की नाराजगी झलक रही है कुमाऊं की अधिकांश सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया गया है उनमें कई सीटों पर बगावत के सुर सुनाई दे रहे हैं. कुमाऊं में बागेश्वर , गंगोलीहाट , किच्छा , गदरपुर , बाजपुर , सितारगंज ,लालकुआं ,रामनगर ,कालाढुंगी समेत तमाम सीटों पर बगावत की आंशका दिख रही है. गौरतलब है कि कांग्रेस ने राज्य की 64 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है।
जिसके बाद से सत्ताधारी भाजपा के बाद अब विपक्षी कांग्रेस में भी टिकट बँटवारे के बाद बगावत के सुर सुनाई दे रहे हैं. टिकट बँटते ही नाराजगी के बोल मुखर होने लगे हैं. अन्य सीटों पर पहले ही पेंच सुलझाने में पार्टी के पसीने छूट रहे हैं और कई सीटों पर बागी चुनाव लड़ने को ताल ठोकते पार्टी नेताओं ने हाईकमान के होश उड़ा दिए हैं. हालांकि जहां एक और बीजेपी रूठों को नहीं मना पा रही है तो वहीं कांग्रेस किस तरह अपने रूठे नेताओं को मनाती है वो दिलचस्प होगा।
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
हमारे व्हाट्सएप समाचार ग्रुप से जुड़ें
फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ को लाइक करें
टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें
हमारे इस नंबर 9927164214 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें