उत्तराखंड- (बड़ी खबर) फर्जी डॉक्टर गिरोह का भंडाफोड़ , तीन गिरफ्तार , पढ़ें सनसनीखेज खुलासा
देहरादून। उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स ( STF) ने फर्जी बीएएमएस डॉक्टरों के गिरोह का भंडाफोड़ कर दो फर्जी BAMS डॉक्टर और फर्जी डिग्री देने वाले कॉलेज के संचालक को किया गिरफ्तार। आठ लाख रुपये में में दी जा रही थी फर्जी डिग्री। दसवीं पास चला रहे थे फर्जी डिग्री तैयार करने का गिरोह।
उत्तराखंड एसटीएफ ने भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड से रजिस्टर्ड दो फर्जी बीएएमएस डॉक्टरों को गिरफ्तार किया। ये दोनों फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपना निजी क्लीनिक चला रहे थे। इनके साथ ही फर्जी डिग्री तैयार करने वाले बाबा ग्रुप आफ कॉलेज के एक चैयरमैन को भी गिरफ्तार किया गया। वह मुजफ्फरनगर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है। एक अन्य चेयरमैन की भी इसमें भूमिका है। दोनों चेयरमैन सिर्फ दसवीं पास बताए जा रहे हैं। एसटीएफ के मुताबिक इस मामले में अब तक करीब 36 फर्जी चिकित्सक चिह्नित किए जा चुके हैं। अब भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के कर्मचारियों की इस गिरोह में मिलीभगत होने की संभावना की भी जांच की जा रही है।
उत्तराखंड एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि विगत एक माह से एसटीएफ की ओर से उत्तराखंड में प्रैक्टिस कर रहे बीएएमएस की फर्जी डिग्री वाले आयुर्वेदिक चिकित्सकों के सम्बन्ध में जांच की जा रही थी। इसकी प्रारम्भिक जांच में पाया कि उत्तराखंड राज्य में कई आयुर्वेदिक चिकित्सकों की बीएएमएस की डिग्री फर्जी है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उन्होंने भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में चिकित्सा अभ्यास का पंजीकरण करा लिया। उसी फर्जी पंजीकरण के आधार पर उत्तराखंड के अलग-अलग स्थानो पर बीएएमएस डाक्टर के रूप में अपने निजी क्लीनिक चला रहे है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया गया कि प्रारम्भिक जांच में कई आर्युवेदिक डॉक्टरों का फर्जीवाड़ा पाया गया एवं ऐसे करीब 36 डॉक्टरों को चिह्नित किया गया। उनके संबंध में संबंधित चिकित्सा बोर्ड से सूचना मांगी गई तो ज्यादातर फर्जी आयुर्वेदिक चिकित्सकों की डिग्री राजीव गांधी हेल्थ एण्ड साईंस यूर्निवसिटी कर्नाटका की पायी गई। साथ ही पता चला कि उन्हें बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफफरनगर के मालिक इमरान और इमलाख ने ऐसी डिग्री तैयार कर दी है।
पुख्ता जांच के बाद 10 जनवरी को एसटीएफ देहरादून की एक टीम ने आयुर्वेदिक चिकित्सक प्रीतम सिंह एवं मनीष अली को गिरफ्तार किया गया है। इनकी बीएएमएस की मूल डिग्री फर्जी पाई गई। दोनों की मूल डिग्री को बरामद कर लिया गया है। जांच में दोनों चिकित्सकों की ओर से फर्जी डिग्री के आधार पर भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में रजिस्ट्रेशन करके क्रमशः प्रेमनगर और रायपुर में अपने अपने क्लीनिक खोले हुए थे।
गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में उनको बीएएमएस की फर्जी डिग्री 800000 रुपये में बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज मुजफ्फरनगर के मालिक/चेयरमैन इम्लाख एवं इमरान निवासी मुजफ्फरनगर से प्राप्त की है। इमलाख के बारे में जानकारी की गयी तो वह कोतवाली मुजफफरनगर का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है। इसके द्वारा अपने भाई इमरान के साथ बरला थाना क्षेत्र मुजफ्फरनगर में बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज के नाम से मेडिकल डिग्री कॉलेज भी खोला हुआ है। जो कि बीफार्मा,बीए, बीएससी, आदि के कोर्स संचालित करता है।
एसटीएफ की दूसरी टीम ने बाबा मेडिकल कॉलेज मुजफ्फरनगर में दबिश देकर इमरान पुत्र इलियास निवासी शेरपुर मुजफ्फरनगर को कॉलेज से ही गिरप्तार किया। उसके कब्जे से एसटीएफ को कई राज्यों की युनिर्वसिटियों की फर्जी ब्लैंक डिग्रियां, फर्जी मोहर एवं फर्जी पेपर एवं कई अन्य कूट रचित दस्तावेज बरामद हुए हैं। इमरान ने पूछताछ के दौरान बताया कि उत्तराखंड एवं कई अन्य राज्यों में सैकड़ों डॉक्टरों को इस तरह की फर्जी डिग्री लाखों रुपए लेकर दी गई है। एसटीएफ टीम के दबिश की सूचना प्राप्त होते ही इमरान का भाई इम्लाख फरार हो गया। जिसकी गिरफ्तारी कें लिए दबिश दी जा रही है।
भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखंड से उक्त फर्जी डिग्री के आधार पर उत्तराखंड में पजीकृत करने के संबंध में अब परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की भी एसटीएफ जांच करेगी। एसटीएफ का कहना है कि जांच के लिए एसटीएफ की ओर से किए गए पत्राचार करने के बावजूद भी परिषद की ओर से कोई सहयोग नहीं किया गया है। इस गिरोह के संचालक इमराम और इमलाख के विरुद्ध देहरादून स्थित नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
गिरफ्तार अभियुक्तों चिकित्सकों के नाम
1- प्रीतम (43 वर्ष) पुत्र भीम सिंह निवासी अंबे वाला श्यामपुर थाना प्रेमनगर जनपद देहरादून।
2- मनीष अली (45 वर्ष) पुत्र मकसूद अली निवासी सुमन पुरी अधोइवाला थाना रायपुर, देहरादून।
3-इमरान पुत्र इलियास निवासी शेरपुर मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश।
बरामदगी का विवरण
गिरफ्तार किए गये दोनो चिकित्सकोंं की दो मूल कूटरचित डिग्री बीएएमएस।
इमरान के कार्यालय से बरामदगी का विवरण
1 -102 ब्लेंक (खाली ) डिग्री
2- 01 जारी डिग्री
3- 48 अलग अलग कॉलेज के लिफाफे
4- 208 लेटर पेड़ (अलग अलग यूनिवर्सिटी की)
5- 08 मोहर (अलग अलग यूनिवर्सिटी की )
6-तीन डॉक्टरों के दवब प्रमाण पत्र
7-बीएएमएस की एक जारी फर्जी डिग्री
एसटीएफ के एसएसपी के मुताबिक, इमरान एवं इम्लाख के संबंध में जानकारी करने पर यह भी जानकारी हुई कि इम्लाख बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज, मुजफ्फरनगर का स्वामी है। इसके विरुद्ध फर्जी डिग्री दिलवाने के कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसे यूपी का सबसे बड़ा शिक्षा माफिया कहा जाता है।
गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम
इस गिरफ्तारी अभियान में शामिल एसटीएफ टीम में 1अपर पुलिस अधीक्षक चंद्र मोहन सिंह, 2 पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र पंत, 3 निरीक्षक अबुल कलाम, 4 उप निरीक्षक यादवेंद्र बाजवा, 5 उप निरीक्षक नरोत्तम बिष्ट, 6 उपनिरीक्षक दिलबर सिंह नेगी, 7 हेड कांस्टेबल संजय कुमार, 8 हेड कांस्टेबल संदेश यादव, 9 हेड कांस्टेबल वीरेंद्र नौटियाल, 10 कांस्टेबल महेंद्र नेगी, 11 कॉन्स्टेबल मोहन अस्वाल, 12 कॉन्स्टेबल दीपक चंदोला, 13 कांस्टेबल कादर खान थे।
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