चंपावत: पोल्ट्री योजना से बदली तस्वीर, आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ा सैलानीगोठ का युवा

जनकल्याणकारी योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रही आय की संभावनाएं
Champawat News- राज्य सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाएं आज जनपद चम्पावत के दूरस्थ इलाकों तक पहुँचकर ग्रामीणों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। इन योजनाओं से न केवल पारंपरिक आजीविकाओं को नया आयाम मिला है, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक मजबूत आधार मिला है।
इसी कड़ी में टनकपुर क्षेत्र के सैलानीगोठ गांव निवासी नीरज पांडेय ने राज्य सरकार की पोल्ट्री योजना से लाभ लेकर एक नई मिसाल पेश की है। पहले सीमित संसाधनों और पारंपरिक तरीकों पर निर्भर रहने वाले नीरज ने अब कुक्कुट पालन को अपने स्थायी रोजगार का माध्यम बना लिया है और एक सफल पोल्ट्री उद्यमी के रूप में उभरे हैं।
योजना के तहत नीरज को न केवल प्रशिक्षण एवं तकनीकी मार्गदर्शन मिला, बल्कि उच्च गुणवत्ता के चूजे, संतुलित आहार और पालन हेतु संसाधनों की भी व्यवस्था की गई। वर्तमान में उनके पास लगभग 1400 मुर्गियां हैं और वे स्थानीय व समीपवर्ती बाजारों में अंडा और मांस की नियमित आपूर्ति कर रहे हैं।
इससे उन्हें स्थायी और संतोषजनक आय प्राप्त हो रही है। साथ ही, उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। नीरज का कहना है कि, “योजना से जुड़कर मुझे सही दिशा मिली। अब मैं न केवल खुद के लिए रोजगार सृजित कर पाया हूँ, बल्कि गाँव के अन्य युवाओं को भी प्रेरित कर रहा हूँ।”
राज्य सरकार की पोल्ट्री योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना, पशुपालन क्षेत्र को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना एवं स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना है। जनपद चम्पावत में इस योजना के तहत अनेक युवा लाभान्वित हो रहे हैं और आय के नए स्रोत विकसित कर रहे हैं।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, नीरज जैसे उदाहरण यह सिद्ध करते हैं कि यदि योजनाओं की जानकारी सही समय पर और सही तरीके से पात्र लाभार्थियों तक पहुँचे, तो ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन संभव है।


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