हल्द्वानी- संविधान दिवस पर मौलिक कर्तव्यों की दिलाई शपथ
हल्द्वानी – संविधान दिवस पर मण्डलायुक्त सुशील कुमार ने आयुक्त कैम्प कार्यालय हल्द्वानी, उपजिलाधिकारी मनीष कुमार ने उपजिलाधिकारी कार्यालय व मीडिया सेन्टर मे प्रभारी मीडिया सेन्टर गोविन्द सिह बिष्ट ने अधिकारियों, कर्मचारियों व पत्रकार बन्धुओं को संविधान की शपथ दिलाई।

आयुक्त ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बडा लोकत्रांतिक देश है संविधान हमारे लोकतन्त्र की आत्मा है। हम सभी को मिलकर संविधान के मूल्यों को आगे बढायें व देश मे शान्ति, उन्नति व समृद्वि को सुनिश्चित करें। उन्होने संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करने की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर विनोद काण्डपाल, योगेश शर्मा, हर्ष रावत, विनोद कुमार, बबीता पटवाल, संतोष गौड के अलावा एमसी जोशी, भुवन चन्द्र, आन सिह, मोहन चन्द्र फुलारा आदि उपस्थित थे।

नैनीताल – संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन ने दिन शुक्रवार को संविधान दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को संविधान की विस्तृत जानकारी देते हुये भारत के संविधान दिवस की शपथ दिलाई।

श्री जैन ने बताया कि भारत का संविधान, भारत का सर्वाेच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि भीमराव आम्बेडकर को भारतीय संविधान का प्रधान वास्तुकार या निर्माता कहा जाता है। भारत के संविधान का मूल आधार भारत सरकार अधिनियम 1935 को माना जाता है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतान्त्रिक देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है। आज तारीख 26 नवम्बर, 1949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं। उन्होेंने कहा कि हम सभी को संविधान के नियमों का पालन करते अपने दायित्वों का निर्वाहन करना चाहिए। इसी क्रम में जनपद के सभी कार्यालयों में भारत के संविधान दिवस की शपथ ली गई।
इस मौके पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी बनारसी दास कुशवाह, मुन्नी रावत, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, गणेश चन्द्र, गौरव पाण्डे, हरीश चन्द्र, याचना बिष्ट के साथ अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
नैनीताल – अपर आयुक्त प्रकाश चन्द्र ने दिन शुक्रवार को संविधान दिवस के अवसर पर आयुक्त कार्यालय परिसर में सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को संविधान की विस्तृत जानकारी देते हुये भारत के संविधान दिवस की शपथ दिलाई।
श्री चन्द्र ने कहा कि भीमराव आम्बेडकर को भारतीय संविधान का प्रधान वास्तुकार या निर्माता कहा जाता है। भारत के संविधान का मूल आधार भारत सरकार अधिनियम 1935 को माना जाता है। भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों कोः सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने वाली वन्धुता बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर, 1949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं। उन्होेंने कहा कि हम सभी को संविधान के नियमों का पालन करते अपने दायित्वों का निर्वाहन करना चाहिए।

इस अवसर पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी हरीश लाल वर्मा, एसएओ तुलसी आर्या, एओ गिरीश चन्द्र आर्या, संजय सिंह खत्री, मनोज जोशी, सतीश पाण्डे के साथ अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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