देहरादून: डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट, पढ़िए दिशा निर्देश
देहरादून। राज्य में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट डेल्टा की दस्तक के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने तैयारी तेज कर दी है स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तृप्ति बहुगुणा ने आज अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए ।
आदेश जारी करते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा कि डेल्टा वेरिएंट के लक्षणों से पीड़ित रोगियों की समय पर पहचान की जाए व निगरानी तंत्र सुदृढ़ किया जाए।। इसके साथ ही 26 जून को जारी आदेश के अनुसार कोविड की जांच की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।। साथ ही रोगियों के उपचार हेतु समस्त कोविड सेंटरों, चिकित्सालय , सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराई जाए इसके साथ ही आम लोगों को कोरोनावायरस के प्रति जागरूक करते हुए उचित कार्रवाई की जाए जिससे राज्य में इस वेरिएंट से लोगों को बचाया जा सके।
स्वास्थ्य महानिदेशक के पत्र के मुताबिक, कोरोना के डेल्टा वेरिएंट की प्रसार क्षमता बेहद तीव्र है। साथ ही यह फेफड़ों के लिए अधिक खतरनाक माना जा रहा है और इससे संक्रमित व्यक्तियों की रोगप्रतिरोधक क्षमता को अधिक नुकसान पहुंचता है। एक तरह से एक शरीर में मौजूद एंटीबाडी के खिलाफ भी खुद को अधिक शक्तिशाली बना लेता है। ऐसे में आइसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) के निर्देशों के मुताबिक कोरोना जांच में किसी भी तरह की शिथिलता भारी पड़ सकती है। लिहाजा, निरंतर जांच के साथ कोरोना जैसे गंभीर लक्षण वाले व्यक्तियों की शीघ्र पहचान कर उन्हें तत्काल उपचार दिया जाए। इस तरह के रोगियों की पहचान के लिए निगरानी तंत्र को भी सुदृढ़ बनाए रखने को कहा गया है। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि सभी तरह के कोविड अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों आदि में पुख्ता संसाधन सुनिश्चत किए जाएं।

देश में कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट के अब तक कुल 50 मामले
नई दिल्ली । कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के देश में कुल 50 मामले फिलहाल मौजूद हैं। डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले जिन राज्यों में मिले हैं, उनमें आंध्र प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक डॉ. एसके सिंह ने कहा कि इन 8 राज्यों में ही 50 फीसदी से ज्यादा केस मिले हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ब्रीफिंग में मीडिया से बात करते हुए आईसीएमआर के डीजी बलराम भार्गव ने कहा कि फिलहाल कोरोना का यह वैरिएंट दुनिया के 12 देशों में पाया गया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल इसके 50 केस भारत में हैं, लेकिन ये एक सीमित दायरे में ही हैं।
वहीं इस वैरिएंट पर कोरोना वैक्सीन के असर को लेकर उन्होंने कहा कि इसके लिए टेस्ट किए जा रहे हैं और आने वाले 7 से 10 दिनों इसके बारे में जानकारी मिल पाएगी। भार्गव ने कहा कि डेल्टा प्लस से पहले मिले अल्फा बीटा, गामा और डेल्टा जैसे वैरिएंट पर कोविशील्ड और कोवैक्सिन कारगर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी ओर से फिलहाल इसका परीक्षण जारी है कि कोरोना की वैक्सीन इस वैरिएंट पर कितना असर करती हैं। हमें लैबोरेट्री के नतीजों का इंतजार है। इसके रिजल्ट 7 से 10 दिन में आ जाएंगे। इसके अलावा कोरोना वैक्सीन को लेकर आईसीएमआर के डीजी ने एक और भ्रम दूर किया है।
गर्भवती महिलाओं को टीका लगने से विपरीत असर पड़ने की अफवाहों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है। बलराम भार्गव ने कहा कि हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से यह गाइडलाइन जारी की गई है कि गर्भवती महिलाओं को भी कोरोना का टीका लगाया जा सकता है। वैक्सीनेशन गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद है और यह होना चाहिए। बच्चों की वैक्सीन को लेकर बलराम भार्गव ने कहा कि अभी दुनिया में सिर्फ एक ही ऐसा देश है, जहां यह किया जा रहा है। हालांकि बेहद छोटे बच्चों को शायद कभी वैक्सीन की जरूरत न हो। यह एक बड़ा सवाल है।


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