कोरोना वायरस: भयभीत होने से अच्छा है बचाव के करें उपाय-डा.सीमा मधवार
कोरोना वायरस के लक्षण व बचाव की महत्वपूर्ण जानकारी-
डा.सीमा मधवार
भारत में कोरोना वायरस के दस्तक देते ही लोगों के बीच भय व्याप्त है, भयभीत होने से अच्छा है कि हम स्वयं को और समाज के लोगों को इसके संक्रमण से बचायें।
कोरोना वायरस के लक्षण लगभग स्वाइन फ्लू जैसे हैं, कुछ कोरोना वायरस बेहद आम होते हैं, शुरुआत में सांस लेने में दिक्कत, खांसी या जुकाम, सिर में दर्द, निमोनिया, ब्रौन्काइटिस, गले में खराश जैसी समस्याएं हो सकती हैं ,यदि ठीक से जांच करवा कर शुरुआत में ही इलाज करवा लिया जाये तो तीन दिन से लेकर एक हफ्ते में मरीज ठीक हो सकते हैं,
लेकिन कोरोना परिवार के कुछ वायरस बेहद खतरनाक होते हैं जैसे- सार्स (सीवियर एक्यूट रैस्पीरेटरी सिंड्रोम) और मर्स (मिडिल ईस्ट रैस्पीरेटरी सिंड्रोम) ,अगर इसके लक्षण ज्यादा बढ़ जायें तो रोगी को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, यह वायरस फेफड़ों को गंभीर रूप से खराब कर देता है और प्राणघातक हो सकता है।
बचाव-
1-दिन में कई बार अच्छे से हाथ धोयें।
2-हाथ से आंख,नाक,मुंह को बार बार न छुयें।
3- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चीजों का सेवन करें जैसे -गिलोय का काढ़ा, आंवला रस, नीम, नींबू ,संतरा आदि।
4- खांसते और छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढक कर रखें।
5-खांसी, बुखार, जुकाम के लक्षण आते ही डॉक्टर को दिखायें।
6- सांस की तकलीफ से ग्रसित व्यक्ति के पास जाने से बचें।
7-किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के फौरन बाद पालतू या जंगली जानवरों से दूर रहें और अच्छे से हाथ धोयें।
8-कच्चा या अधपका मांस न खायें।
9-नियमित रूप से साफ सफाई का ध्यान रखें और एन 95 मास्क का इस्तेमाल करें।
10- खांसी, बुखार के समय यात्रा करने से बचें।
डॉ.सीमा मधवार
बी.ए.एम.एस
डी.एन.वाई.एस. क्षार सूत्र एंव पंचकर्म विशेषज्ञ
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डाक्टर की सलाह-
स्वाइन फ्लू के लक्षण व बचाव-
स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र की बीमारी है, इसका वायरस सुअर में पनपता है, यह इन्फ्लूएन्ज़ा वायरस एच वन, एन वन के कारण होता है, इसका वायरस संक्रमित सुअर के आसपास रहने वाले व्यक्ति में हवा द्वारा फैलता है, यदि इसका उपचार सही समय पर न किया जाये तो यह जानलेवा हो सकता है, जब इस रोग से संक्रमित व्यक्ति छींकता है तो इसके कीटाणु हवा में फैल जाते हैं, और जब स्वस्थ व्यक्ति सांस लेता है तो वह भी इस रोग से संक्रमित हो जाता है, इसके वायरस रिमोट, चाबी के गुच्छे, कंप्यूटर जैसी चीजों पर लग जाते हैं और जब हम हाथ को नाक के पास ले जाते हैं तो यह वायरस सांस द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और हम भी इस रोग से ग्रस्त हो जाते हैं ।
स्वाइन फ्लू के लक्षण साधारण फ्लू की तरह होते हैं, इसमें लगातार नाक बहती है, छींके आती हैं, ठंड के साथ तेज बुखार आता है, गला खराब हो जाता है, खांसी, सिरदर्द, हाथ पैरों में दर्द फिर पूरे बदन में दर्द होता है, सांस लेने में तकलीफ होती है |
स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए गंदगी वाली जगह मुंह पर रूमाल रख कर निकलें, रिमोट, कंप्यूटर, चाबी के गुच्छे आदि के उपयोग के बाद हाथ अच्छे से साबुन से धोयें, संक्रमित व्यक्ति के पास मास्क लगाकर जायें, उसके किसी भी सामान को इस्तेमाल न करें, रोगी के झूठे भोजन को न खायें |
स्वाइन फ्लू के लक्षण प्रकट होते ही नज़दीकी डॉक्टर से सलाह लें,
इससे डरने के बजाय बचाव के उपाय करें –
गिलोय,तुलसी पत्र, नीम,अदरख का काढ़ा बना कर इसमें काली मिर्च ,लौंग, सेंधा नमक, व मिश्री मिलाकर पियें, नीम की कच्ची कलियां चबायें, आँवला पाउडर में पानी मिलाकर लें, नीबू, मौसमी, कीनू, संतरा आदि विटामिन सी से भरपूर फल लें, दूध में हल्दी डालकर पियें, कपूर, छोटी इलायची, पोदीने की सूखी पत्तियाँ, हल्दी इन सब को पीसकर कपड़े में पोटली बनाकर सूंघते रहें, लहसुन की चटनी खायें, पानी और तरल पदार्थ अधिक लें, सेब, पालक, हरी सब्जियां, लौंग, कच्ची लहसुन, ताजे फल अधिक लें |
शराब, जंक फूड, फास्ट फूड, मैदे से बनी चीजें न खायें प्राणायाम करें |
इन सब उपायों को अपनाकर हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं और किसी भी प्रकार के संक्रमण को खत्म कर सकते हैं।
डॉ.सीमा मधवार
बी.ए.एम.एस
डी.एन.वाई.एस. क्षार सूत्र एंव पंचकर्म विशेषज्ञ
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