उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022: कांग्रेस में भी उठने लगे बगावत के सुर , पढ़िए इस पूर्व विधायक ने खोला मोर्चा
- गंगोलीहाट , उत्तरकाशी , यमुनोत्री , रुद्रप्रयाग , कपकोट समेत कई जगह बगावत की आशंका
पिथौरागढ़। टिकटों को लेकर जहां बीजेपी में हंगामा मचा हुआ है और बगावत का दौर जारी है वही अब कांग्रेस में भी बगावत और नाराजगी यहां शुरू हो गई हैं गंगोलीहाट से पूर्व विधायक नारायण राम आर्य भी उन्हें टिकट न दिए जाने से खासे नाराज है नारायण राम आर्य ने साफ तौर पर कहा कि
“कांग्रेस का पतन होने का मुझे दुख है” उनके अनुसार मुझे टिकट ना देकर कांग्रेस ने गलत काम किया है उनके अनुसार 2016 में जब हरीश रावत सरकार टूट के करीब थी तब हम तमाम विधायकों ने कंधे से कंधा मिलाकर उनका साथ दिया लेकिन आज हमें टिकट तक नहीं दिया गया और एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दे दिया गया जो ना केवल गंगोलीहाट से बाहर का रहने वाला है बल्कि अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ भी निर्दलीय चुनाव लड़ चुका है…नारायण राम आर्य।
कांग्रेस के पूर्व विधायक नारायण राम आर्य ने वीडियो जारी कर टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी जाहिर कर दी है। हालांकि वो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा है। वीडियो के माध्यम से उन्होंने कहा कि अस्वस्थ होने के बाद भी वह 2016 में संकट में आई कांग्रेस सरकार के साथ थे। अस्वस्थ होने के बाद भी उन्हें हरीश रावत ने एक माह तक मुख्यमंत्री आवास के एक कमरे में और फिर विभिन्न स्थानों में रखा। जिसे वह अपना आका मान कर चल रहे थे, वो ही चुनाव समिति के अध्यक्ष हैं, इसके बावजूद उन्हें टिकट नहीं दिया।
इससे स्पष्ट है वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का कांग्रेस में कोई सम्मान नहीं रहा। आज एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दे दिया गया जो यहां का स्थायी निवासी भी नहीं है। जिसने पांच बार कांग्रेस उम्मीदवारों के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा उन्हें धनबल के आधार पर ही टिकट मिला है। उन्होंने कहा कि इस तरह से कांग्रेस नहीं चलेगी और कांग्रेस के पतन का उन्हें दुख है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से राज्य के कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची को देखने की मांग की है।
यमुनोत्री में सामूहिक इस्तीफा ,बगावत में उतरे दावेदार
उत्तरकाशी: जनपद की यमुनोत्री विधानसभा सीट से कांग्रेस ने जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण को टिकट दिया है, जिसके बाद साल 2017 में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे संजय डोभाल के समर्थन में सैकड़ों कांग्रेसी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सामूहिक इस्तीफा देकर बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है।
कांग्रेस के निवर्तमान ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व प्रत्याशी सजंय डोभाल ने कांग्रेस हाईकमान पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि जिस कांग्रेस को वह गांधी की कांग्रेस समझते थे, वह भ्रष्टाचारियों की पार्टी है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर 5 करोड़ रुपए में टिकट बेचने का आरोप लगाया है। इसलिए अब वो निर्दलीय चुनाव लड़कर कांग्रेस को सबक सिखाएंगे।
वहीं, कार्यकर्ताओं के समर्थन को देखते हुए और टिकट न मिलने से दुःखी संजय डोभाल ने कहा कि जब यमुनोत्री विधानसभा में कांग्रेस का नामोनिशान नहीं था। उस समय उन्होंने कांग्रेस पार्टी को दोबारा मजबूती के साथ खड़ा किया, लेकिन आज मेहनत को नहीं बल्कि धनबल को बढ़ावा देकर कार्यकर्ता की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। पार्टी ने 50 से 60 करोड़ रुपये का गबन करने वाले भ्रष्टाचारी को प्रत्याशी बनाया है।
- पौड़ी और रुद्रप्रयाग में उठने लगे विरोध के सुर
विधानसभा सीट पौड़ी से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के बाद पार्टी में विरोध के सुर मुखर हो गए हैं। टिकट की दौड़ में शामिल पार्टी की अनुसूचित जाति विभाग के पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व जिला पंचायत सदस्य तामेश्वर आर्य ने पार्टी छोड़ने का एलान किया है। वहीं पूर्व जिला उपाध्यक्ष विनोद दसोनी ने टिकट आवंटन के फॉर्मूले पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस महिला प्रदेश महामंत्री व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा ने रुद्रप्रयाग विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। इसके अलावा सहसपुर मेें भी बगावत की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। बता दें कि कांग्रेस ने अभी दूसरी लिस्ट जारी नहीं की है बाकी 17 प्रत्याशियों की घोषणा होनी है।
इसे भी पढ़ें—
- कांग्रेस प्रदेश महामंत्री बगावत पर उतरे , टिकट के लिए रुपये देने का आरोप
बागेश्वर। कांग्रेस के प्रदेश महामंंत्री बालकृष्ण भट्ट इतने नाराज हो गए कि उन्होंने यह आरोप लगाया है कि कांग्रेस में टिकट के लिए रुपये देने पड़ते हैं।
दरअसल हाल ही कांग्रेस ने 53 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए थे. इस लिस्ट में बालकृष्ण भट्ट का नाम नहीं था, इससे वे काफी आहत हुए और पार्टी से नाराज भी हो गए. 2017 में वे पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ चुके हैं. लेकिन वह कम मतों के अंतर से हार गए थे. तब उन्हें 19225 वोट हासिल हुए थे और भाजपा के चंदनराम दास से वे 14567 वोटों से हार गए थे. शायद यही कारण रहा कि पार्टी ने इस बार उन पर दांव खेलना मुनासिब नहीं समझा.
ललित फर्स्वाण पर आरोप
दूसरी तरफ सोमेश्वर में कांग्रेस ने दो-दो बार हारे प्रत्याशियों को फिर से टिकट दिया है. ऐसे में बालकृष्ण का कहना है कि यह सब जानबूझकर किया गया है. उनका आरोप है कि कपकोट से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने उनका टिकट कटवाया है. साथ ही उनका यह भी आरोप है कि राहुल गांधी के कार्यालय से उनसे टिकट के ऐवज में रुपये मांगे गए थे. उन्होंने बताया कि चार-पांच दिन पूर्व उन्हें दिल्ली से फोन आया था. तनिष्क सिंह ने कहा कि वह पार्टी को ढाई लाख रुपये भेज दें. उन्हें बैंक खाता नंबर दिया जाएगा, लेकिन खाता नंबर नहीं आया.
देंगे सामुहिक इस्तीफा
कांग्रेस के इस दोहरे बर्ताव से आहत भट्ट का कहना है कि उनके साथ पार्टी ने अन्याय किया है. उन्होंने कहा कि वह बागेश्वर विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे. इसके अलावा सोमवार को पार्टी कार्यकर्ता सामूहिक इस्तीफा भी देंगे. भट्ट का कहना था कि उन्होंने पांच साल तक धरातल पर काम किए हैं. पार्टी को मजबूत बनाया है. लोगों की समस्याओं के लिए भूख हड़ताल की. गरीब, असहाय लोगों की मदद के लिए खड़े रहे. लेकिन अब पार्टी ने उनके साथ ऐसा किया।

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
हमारे व्हाट्सएप समाचार ग्रुप से जुड़ें
फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ को लाइक करें
टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें
हमारे इस नंबर 9927164214 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें