उत्तराखंड- जाको राखे साइयां मार सके ना कोय , तीन दिन से टापू में फंसे बाबा को ऐसे मिला जीवनदान- Video

- जाको राखे साइयां मार सके ना कोई कहावत एक बार फिर सच साबित हुई
- देवदूत बने एसडीआरएफ के जवानों ने बाबा को रेस्क्यू कर बचाई जान
देहरादून। जाको राखे साइयां मार सके ना कोई– कहावत एक बार फिर सच चरितार्थ हुई। यहां एक बाबा ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला से 3 दिन पहले बह गए और मस्तराम घाट के टापू में फंस गए। पिछले 3 दिन से टापू में फंसे बाबा का एसडीआरएफ की टीम ने आज रेस्क्यू कर टापू से बाहर निकाला।
आज शुक्रवार को थाना लक्ष्मण झूला द्वारा अवगत कराया गया कि रामझूला के पास एक व्यक्ति गंगा नदी में बह गया है।
उपरोक्त सूचना प्राप्त होते ही एसडीआरएफ पोस्ट ढालावाला से आरक्षी ओम प्रकाश के नेतृत्व में डीप डाइविंग टीम तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हुई।
एसडीआरएफ टीम ने घटनास्थल पर पहुंचने के उपरांत उक्त व्यक्ति की सर्चिंग हेतु सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन आरंभ किया गया। सर्चिंग के दौरान एसडीआरएफ टीम को मस्तराम घाट पर एक बाबा फंसे हुए दिखाई दिए।
पिछले तीन दिनों से बाबा टापू पर ही फंसे हुए थे।
फ़ोन की बैटरी खत्म हो जाने के कारण फ़ोन स्विच ऑफ हो गया था। इसलिए वह किसी को सूचित भी नही कर पाए। बाबा जी लगातार भगवान से प्रार्थना कर रहे थे।
कि किसी तरीके से उनके फंसे होनी की सूचना किसी को मिल जाये और कोई उन्हें इन संकट से बाहर निकाले। इतने में किसी अन्य व्यक्ति की सर्चिंग करती हुई SDRF टीम देवदूत बनकर वहां पहुँची।
एसडीआरएफ टीम द्वारा राफ्ट की सहायता से बाबा जी( नाम चंदन दास उम्र 42 वर्ष निवासी लक्ष्मी नारायण मंदिर राम झूला ऋषिकेश) को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।
एसडीआरएफ पोस्ट ढालवाला से रेस्क्यू टीम में आरक्षी किशोर कुमार, ओमप्रकाश, अमीचंद, पंकज, जितेंद्र, कपिल कुमार रेस्क्यू में शामिल रहे।

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