उत्तराखंड: ट्राउट उत्पादन से ऐसे बदल रही इस गांव की तकदीर , आत्मनिर्भर हो रहे किसान
स्वरोजगार का सशक्त माध्यम बना ट्राउट मछली उत्पादन
Chamoli News: चमोली जिले के विकासखंड देवाल ग्राम पंचायत ल्वाणी के पालसारी तोक के किसानों ने ट्राउट मछली पालन को स्वरोजगार का सशक्त माध्यम बनाकर आत्मनिर्भर उत्तराखंड की मिसाल कायम की है। गांव के किसान यहां पर ट्राउट मछली उत्पादन कर 30 से 40 हजार रुपए महीना मुनाफा कमा कर घर परिवार में खुशहाली लाने के साथ आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। वर्तमान में मत्स्य विभाग के सहयोग से यहां पर 26 तालाब बनाए गए हैं साथ ही वैक्यूम पैकेजिंग प्लांट भी बनकर तैयार हो चुका है जबकि मिनी हैचरी का कार्य प्रगति पर है।
प्रगतिशील किसान मोहन सिंह ‘गांववासी’ ने बताया कि सहायक निदेशक मत्स्य विभाग चमोली जगदंबा कुमार के निर्देशन में किसानों के द्वारा यहां पर एक देवभूमि मत्स्य पालन सहकारी समिति लि का गठन किया वर्ष 2017 में समिति को मत्स्य विभाग के द्वारा प्रथम वर्ष 10 तालाब पर 40/प्रतिशत अनुदान राशि दी गई । जिसमें किसानों ने एक अपना स्वरोजगार किया जिसमें किसान यहां पर मछली पालन से ही अपना स्वरोजगार कर रहे हैं इस योजना की जानकारी 2017 में निदेशक मत्स्य जी टी पुरोहित के संयोजक से यह योजना को किसानों तक पहुंचाने का प्रयास किया है। मोहन सिंह गांववासी ने बताया कि ट्राउट मछली उत्पादन के लिए मत्स्य विभाग द्वारा ग्रामीणों को हर संभव मदद दी जा रही है। जिसके चलते आसपास के ग्रामीण भी ट्राउट मछली उत्पादन को स्वरोजगार के रूप में अपने की ओर अग्रसर है।
इस योजना से खड़क सिंह, हीरा सिंह, नरेन्द्र सिंह, मानसिंह रणजीत सिंह, मोहन सिंह गांव वासी, दर्शन सिंह, दर्शन सिंह, नरेन्द्र सिंह समेत तमाम किसान लाभान्वित होकर स्वरोजगार से जुड़ आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
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