Uttarakhand: सभी जिलों से 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि खरीद का ब्योरा तलब, सीएस ने मांगी रिपोर्ट
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देहरादून। उत्तराखंड शासन से आज की बड़ी खबर है कि ,सरकार ने प्रदेश में भूमि खरीद की जांच को और व्यापक बना दिया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलों से 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि खरीद का ब्योरा तलब किया है।
साथ ही 12.50 एकड़ से अधिक भूमि के उपयोग की जानकारी भी मांगी है। उन्होंने सात दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
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पहले, मुख्यमंत्री ने केवल चार जिलों के संबंध में रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन अब जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। यदि किसी भूमि की खरीद नियमों के विपरीत होती है, तो वह भूमि सरकार के अधीन मानी जाएगी
सीएस द्वारा जारी आदेश में उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश, 2001) का उल्लेख किया गया है।
कहा, वर्ष 2007 में अधिनियम संशोधन के अनुसार, कोई भी व्यक्ति स्वयं या अपने परिवार के लिए घर बनाने के लिए बिना किसी अनुमति के अपने जीवनकाल में अधिकतम 250 वर्ग मीटर भूमि खरीद सकता है, लेकिन सरकार के संज्ञान में आया है कि एक ही परिवार के सदस्यों ने अलग-अलग भूमि खरीद करके अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
सरकार को यह भी पता चला है कि जिन लोगों ने विभिन्न प्रायोजनों के लिए भूमि खरीदी, लेकिन उस प्रायोजन के लिए उसका उपयोग नहीं किया। सरकार से अनुमति लेने के बाद उसी प्रायोजन से भूमि का उपयोग न करने के संबंध में सीएस ने पूरा विवरण सात दिन में अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने को कहा है।
आदेश में कहा, वर्ष 2018 और 2020 में संशोधन अधिनियम के तहत राज्य में विशेष प्रायोजन के नाम पर 12.5 एकड़ से अधिक की भूमि खरीदी गई, लेकिन सरकार के संज्ञान में आया है कि जिन लोगों ने 12.50 एकड़ की सीमा से अधिक भूमि खरीदी उसका उस प्रायोजन से उपयोग नहीं हुआ।
मुख्य सचिव ने सीलिंग से अधिक भूमि खरीद की अनुमति व उसके प्रायोजन के संबंध में भी जानकारी मांगी है। आदेश के साथ दो अलग-अलग प्रारूप भी भेजे गए हैं, जिनमें भूमि, क्षेत्र, भूमि खरीदने वाले के बारे में सूचना भेजने को कहा गया है। आदेश में राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव, गढ़वाल और कुमाऊं मंडलायुक्तों और सभी डीएम को भेजा गया है।
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