Uttarakhand : क्रौंच पर्वत 3048 मीटर ऊंचाई ..कार्तिक स्वामी मंदिर में 108 बालमपुरी शंख पूजा की तैयारियां शुरू
डीएम ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा
15 मई, 2024 को आयोजित होगा भव्य 108 बालमपुरी शंख पूजा
Rudraprayag News : उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद एवं जिला प्रशासन एवं मंदिर समिति के संयुक्त तत्वावधान में रुद्रप्रयाग जनपद के क्रौंच पर्वत में स्थित कार्तिकेय स्वामी मंदिर में 15 मई, 2024 को भव्य 108 बालमपुरी शंख पूजा व हवन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम को दिव्यता एवं भव्यता के साथ आयोजित करने के लिए की जाने वाली तैयारियों एवं व्यवस्थाओं का जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने खडपतिया हैलीपैड़ से लेकर क्रौंच पर्वत में अवस्थित भगवान कार्तिकेय स्वामी मंदिर तक की जानी वाली तैयारियों एवं व्यवस्थाओं के संबंध में पैदल निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों को समय से आवश्यक व्यवस्थाएं एवं तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे, मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती सहित संबंधित अधिकारी व मंदिर समिति के पदाधिकारी मौजूद रहे।
जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता लोनिवि एवं जिला पर्यटन अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि 15 मई को भगवान कार्तिकेय स्वामी में आयोजित होने वाले भव्य 108 बालमपुरी शंख पूजा व हवन कार्यक्रम के लिए सभी व्यवस्थाएं समय से कर लें। उन्होंने कहा कि मंदिर एवं मंदिर परिसर को फूलों एवं लाइटिंग के माध्यम से दिव्य एवं भव्यता के साथ सजाया जाए तथा आने वाले श्रद्धालुओं एवं मुख्य अतिथियों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाए। उन्होंने लोनिवि को निर्देश दिए हैं कि खडपतिया से लेकर कार्तिकेय स्वामी मंदिर तक आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चैक प्वाइंट तैयार करते हुए उनमें पेयजल एवं शीतल पदार्थ भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने मंदिर पैदल मार्ग में अस्थाई शौचालय की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। उन्होंने मंदिर परिसर में विद्युत आपूर्ति हेतु 5 किलोवाट के जनरेटर एवं इंवटर की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए तथा रास्ते में पोलों पर विद्युत लाइट लगाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि उरेड़ा के माध्यम से सोलर लाइट की व्यवस्था कराने के भी निर्देश दिए। इसके साथ ही अधिशासी अभियंता लोनिवि को मंदिर की सीढ़ियों पर आने वाले श्रद्धालुओं के जूते-चप्पलों की उचित व्यवस्था हेतु स्टैंड तैयार कर स्थापित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने लोनिवि को यह भी निर्देश दिए हैं कि मंदिर समिति के जो भी धर्मशालाएं बनी हैं उनमें जो भी मरम्मत कार्य किए जाने हैं उस कार्य को तत्परता से करें एवं रंगाई पुताई करते हुए उनमें ऐंपण के माध्यम से पेंटिंग की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि 3 किमी क्षेत्रांतर्गत जो भी पेंच एवं ड्रैन कार्य किए जाने हैं एवं जिन स्थानों पर पैराफिट नहीं हैं उन पर पैराफिट का कार्य 10 मई, 2024 तक अनिवार्य रूप से पूर्ण कर लिया जाए तथा पैराफिटों पर भी पेंट का कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने खड़पतिया मंदिर के मुख्य द्वार पर बेहतर साफ-सफाई के निर्देश ग्राम प्रधान सहित संबंधित अधिकारियों को दिए तथा खड़पतिया में रखे गए कूड़ेदानों पर पेंट करने के निर्देश जिला पंचायत को दिए। उन्होंने जिला पर्यटन विकास अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि पूजा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं एवं मुख्य अतिथियों के लिए मंदिर तक आने-जाने हेतु घोड़े-खच्चरों एवं डंडी की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए तथा घोड़े-खच्चरों के हाॅकरों के लिए भी ड्रेस कोड हेतु उचित व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि आने वाले श्रद्धालुओं को उचित भोजन व्यवस्था एवं रहने की उचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने अधिशासी अभियंता लोनिवि को निर्देश दिए हैं कि हैलीपैड़ में जो भी सुधारीकरण का कार्य किया जाना है उसे भी समय से पूर्ण कर लिया जाए। साथ ही पुलिस अधीक्षक को मंदिर परिसर एवं पैदल मार्ग में सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी उचित प्रबंधन करने को कहा।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे, मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रमेंद्र सिंह बिष्ट, जिला पर्यटन विकास अधिकारी राहुल चौबे, अधिशासी अभियंता लोनिवि इंद्रजीत बोस, तहसीलदार प्रदीप नेगी, सहायक अभियंता लोनिवि अरविंद सतवारिया, जिला शिक्षा अधिकारी यशवंत सिंह चौहान, मंदिर समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न नेगी, विक्रम सिंह नेगी, मोहित मल्ली सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
3048 की ऊंचाई पर क्रौंच पर्वत के ऊपर बना यह मंदिर भगवान कार्तिक की आराधना के लिये समर्पित है
रुद्रप्रयाग। कनकचौरी गांव के पास एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित, कार्तिक स्वामी मंदिर भगवान शिव के पुत्र भगवान कार्तिक को समर्पित सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है। क्रौंच पर्वत के ऊपर बना यह मंदिर भगवान कार्तिक की आराधना के लिये समर्पित है। कार्तिक स्वामी को भारत के कुछ हिस्सों में भगवान मुरुगा या भगवान मुरुगन के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर पहाड़ के ऊपर स्थित है। बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियां एक स्वप्निल छवि चित्रित करती हैं।
जब बारिश होती है, तो माहौल अलौकिक हो जाता है। ऐसा लगता है कि मंदिर बादलों से उठ रहा है। कनकचौरी गांव से 3 किमी की चढ़ाई 80 सीढ़ियां चढ़कर खत्म होती है जो कि हजारों घंटियों से सजी शांत मंदिर तक जाती है. ऐसी मान्यता है कि यहां कार्तिक पूर्णिमा पर घंटी चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है। संध्या आरती या शाम की प्रार्थना यहां विशेष रूप से मंत्रमुग्ध कर देने वाली होती है। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर टोलिंग घंटियों और भजनों से गुंजायमान रहता है।
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