उत्तराखंड – मानसून का कहर जारी , भूस्खलन में दो महिलाओं की मौत , कई मवेशी मलबे में दबे

भारी-बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त
आपदा की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर
Phori Garhwal News- उत्तराखंड में लगातार बारिश का कहर जारी है। प्रदेश में पिछले तीन दिन से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त होने के साथ ही दैवीय आपदा की घटनाएं भी निरंतर सामने आ रही हैं। इसी बीच उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में आज यानी बुधवार को दर्दनाक हादसा हुआ है। जहां भारी भूस्खलन से मलबे की चपेट में आने से दो महिलाओं की मौत की सूचना मिली है। इस घटना से पूरे गांव में कोहराम मचा है।
मिली जानकारी के अनुसार पौड़ी गढ़वाल के बुरासी गांव में लगातार बारिश के बीच भारी भूस्खलन हुआ है। इसके चलते दो महिलाओं की मलबे के नीचे दबने से मौत हुई है। इसी के साथ ही गांव में ही स्थित एक आवासीय भवन और गौशाला भी मलबे में दब गई। इसकी वजह से कई मवेशियों की जान चली गई है।
घटना में मृतकों की पहचान बिमला देवी पत्नी स्व.बलवंत सिंह भंडारी और आशा देवी पत्नी स्व. प्रेम सिंह नेगी निवासी बुरासी गांव के रूप में हुई है। मलबे में दबने से दोनों की मौके पर मौत हुई है।
वहीं, थलीसैंण तहसील के बांकुड़ा गांव में पांच नेपाली मजदूरों के बाढ़ में बहने की खबर है, जिनकी खोजबीन में टीमें जुटी हैं। जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने तत्काल प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। रैदुल क्षेत्र में भूस्खलन से बंद सड़क को खुलवाया गया और प्रभावित परिवारों को राहत केंद्रों में शिफ्ट किया गया। पाबौ के कलगाड़ी के पास टूटे पुल की जगह बैली ब्रिज मंगवाया जा रहा है।
प्रभावितों को पेयजल, ड्राई राशन, जीवन रक्षक दवाएं, इमरजेंसी लाइट्स और पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराया जा रहा है। जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग को जानमाल के नुकसान का त्वरित सर्वेक्षण कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। ग्राम विकास और पंचायत अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में डटे रहने को कहा गया है।
उच्च गुणवत्ता वाला पैकेटबंद भोजन और ड्राई राशन वितरण के लिए उपजिलाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। पशुधन हानि के मामलों में तत्काल चिकित्सा और योजनागत सहायता के आदेश दिए गए हैं। पौड़ी में हाल की बारिश ने कई सड़कें और पुलों को क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिससे आवागमन ठप है।
लोक निर्माण, पुलिस, विद्युत और खाद्य विभागों की टीमें युद्धस्तर पर राहत और पुनर्वास कार्यों में जुटी हैं। जिला नियंत्रण कक्ष में मुख्य विकास अधिकारी और अपर जिलाधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
आपदा की गंभीरता को देखते हुए सभी आवश्यक विभागों — राजस्व, पुलिस, लोक निर्माण, विद्युत, खाद्य एवं रसद आदि — के अधिकारियों को तत्काल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है। सभी विभागों को सतत निगरानी रखते हुए राहत एवं पुनर्वास कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर सुनिश्चित करने की कार्यवाही की जा रही है।
जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि जिला नियंत्रण कक्ष में मुख्य विकास अधिकारी तथा अपार जिलाधिकारी द्वारा सभी प्रभावित क्षेत्रों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। जिला प्रशासन पूरी सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ हालात पर नजर बनाए हुए है। साथ ही असुरक्षित मोटर मार्गों पर जान माल की हानि को देखते हुए आवागमन में एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

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