उत्तराखंड- राज्य में लागू हुआ देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून , देखें मुख्य बिंदु
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन पर उत्तराखंड राज्य में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू हो गया है, इस कानून में आजीवन कारावास के साथ ही 10 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है । शुक्रवार की देर शाम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही ये अध्यादेश प्रदेश में लागू हो गया है।
उत्तराखण्ड प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता एवं शुचिता को सुनिश्चित करने के लिए 9 फरवरी, 2023 को उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा अनुमोदन प्रदान करते हुए राज्यपाल की मंजूरी के लिए अग्रसारित किया था।
- आजीवन कैद की सजा तथा 10 करोड़ रुपये तक जुर्माना
इस अध्यादेश में दोषियों के विरूद्ध सख्त प्रावधान किए गए हैं। यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान इत्यादि अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा तथा 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
यदि कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है, तो उसके लिए तीन वर्ष के कारावास व न्यूनतम 5 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि वह परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पुनः दोषी पाया जाता है तो न्यूनतम 10 साल के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
यदि कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से 2 से 5 वर्ष के लिए डिबार करने तथा दोषसिद्ध ठहराए जाने की दशा में 10 वर्ष के लिए समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमशः 5 से 10 वर्ष के लिए तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है।
अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित सम्पति की कुर्की की जायेगी। इस अधिनियम के अन्तर्गत अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं अशमनीय होगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा प्रदेश में अब जो भी भर्ती परीक्षाएं होंगी। उसमे यह नकल विरोधी कानून लागू होगा। सीएम ने कहा कि सरकार युवाओं के हित को ध्यान में रखते हुए नकल माफ़िया को जड़ से उखाड़ने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
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