चंपावत: बच्चों और ग्रामीणों की सुरक्षा हेतु जिलाधिकारी ने किया अमोड़ी और छतकोट का निरीक्षण

Champawat News- बच्चों और ग्रामीणों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए जिलाधिकारी मनीष कुमार ने आज पेरामाउंट पब्लिक स्कूल अमोड़ी, डिग्री कॉलेज अमोड़ी एवं ग्राम सभा छतकोट में हो रहे भू-कटाव का स्थलीय निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने प्रभावित क्षेत्रों का गहनता से जायजा लिया और स्थानीय लोगों से संवाद कर उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने सम्बन्धित विभागों को निर्देशित किया कि भू-कटाव से हो रहे नुकसान को रोकने हेतु तत्काल प्रभाव से सुरक्षा कार्य प्रारंभ किए जाएं।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जहाँ आवश्यकता हो वहाँ नदी/नालों का चैनलाइजेशन किया जाए, प्रभावित स्थानों पर ट्रीटमेंट कार्य कर स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जाए, भू-कटाव से प्रभावित स्थलों का राजस्व विभाग सर्वे कर नुकसान का आकलन करे तथा पीड़ितों को राहत एवं मुआवज़ा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में बच्चों और ग्रामीणों की जान-माल की सुरक्षा सर्वोपरि है। प्रशासन पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ मैदान में मौजूद है तथा भू-कटाव से निपटने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक अजय गणपती, उपजिलाधिकारी अनुराग आर्या, सुंदर बोहरा, गुमान बोहरा सहित सिचाई , विद्युत, कृषि, उद्यान व अन्य अधिकारी सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।
ग्राम पंचायत दियूरी के बिलौना तोक में लधिया नदी से हो रहे भू-कटाव का जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण
भू-कटाव रोकने को जिलाधिकारी के निर्देश – चैनलाइजेशन, नाले का ट्रीटमेंट की होगी व्यवस्था
चंपावत। जिलाधिकारी मनीष कुमार लगातार जनपद में हो रही भारी वर्षा से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
बुधवार को उन्होंने ग्राम पंचायत दियूरी के बिलौना तोक का स्थलीय निरीक्षण किया। जिलाधिकारी नदी के तेज प्रवाह के कारण भू-कटाव से प्रभावित हो रहे क्षेत्र में स्वयं ट्रॉली पार कर पहुँचे और प्रत्यक्ष रूप से स्थिति का आकलन किया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से संवाद कर उनकी समस्याओं की जानकारी प्राप्त की। ग्रामीणों ने बताया कि लधिया नदी के तेज प्रवाह के कारण लगातार भूमि का कटाव हो रहा है, जिससे क्षेत्र प्रभावित हो रहा हैं।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि नदी में आवश्यकतानुसार चैनलाइजेशन कर भू-कटाव को रोका जाए। राजस्व, कृषि एवं अन्य सम्बन्धित विभाग संयुक्त रूप से प्रभावित क्षेत्र का सर्वेक्षण कर किसानों को हुए नुकसान का आकलन करें और त्वरित मुआवजा उपलब्ध कराएँ। जहाँ आवश्यकता हो, प्रभावित परिवारों के सुरक्षित स्थान पर विस्थापन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
तोक बिलौना में भू-कटाव रोकने हेतु नाले का वैज्ञानिक तरीके से ट्रीटमेंट कराया जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि भू-कटाव जैसी आपदा प्रभावित स्थिति में त्वरित कार्यवाही आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि राहत और सुरक्षा कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि प्रशासन पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ हर संभव मदद करेगा। भू-कटाव को रोकने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों स्तरों पर कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि प्रभावित परिवारों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रशासन का प्रयास है कि किसी भी स्थिति में जनहानि या व्यापक संपत्ति नुकसान न हो।
निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक अजय गणपती, उपजिलाधिकारी अनुराग आर्या सहित सिचाई, कृषि, उद्यान, राजस्व सहित अन्य विभागीय अधिकारी व ग्रामीण उपस्थित रहे।





सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
हमारे व्हाट्सएप समाचार ग्रुप से जुड़ें
फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ को लाइक करें
टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें
हमारे इस नंबर 9927164214 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें