Uttarakhand news: उपभोक्ताओं को राहत ,जून में बिजली बिल कम आएगा..मिलेगा ब्याज

देहरादून। उत्तराखंड के बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर आई है कि जून के महीने में उनका बिजली का बिल काम आएगा। उत्तराखंड के करीब 28 लाख बिजली उपभोक्ताओं का बिजली बिल जून के महीने में कम आने की खबर से राहत के आसार हैं। इसके साथ ही, उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने जून माह में सभी उपभोक्ताओं को सिक्योरिटी डिपॉजिट पर ब्याज देने का आदेश जारी किया है। यह निर्देश उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के अनुसार यूपीसीएल द्वारा जारी किया गया है।
यूपीसीएल जब नए बिजली कनेक्शन देता है, तो उसके साथ एक सिक्योरिटी अमाउंट भी लेता है, जिस पर नियामक आयोग ने हर साल ब्याज देने के आदेश जारी किए हैं। इसलिए, यूपीसीएल इस साल ब्याज देने की प्रक्रिया में जुटा है। उनके एमडी अनिल कुमार ने बताया कि 20 सितंबर 2003 से 31 मार्च 2024 तक का ब्याज का चार्ट जारी किया गया है।
साल दर साल ब्याज दर जोड़ने के बाद, सभी बिजली उपभोक्ताओं को निगम वित्तीय वर्ष 2024-25 में उनकी सिक्योरिटी राशि पर 6.75 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा। यह ब्याज 30 जून तक उनके बिजली बिलों में समाहित किया जाएगा। अगर उपभोक्ता की सिक्योरिटी राशि अपर्याप्त हो गई है, तो उसके ब्याज को पहले जमा सिक्योरिटी राशि की कमी से समाहित किया जाएगा।
सिक्योरिटी राशि पर ब्याज की शर्तें
अगर किसी उपभोक्ता का वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले स्थायी रूप से कनेक्शन काट दिया गया है तो सिक्योरिटी अमाउंट पर ब्याज बिल जारी होने की अवधि तक उपभोक्ता के अंतिम बिल में समायोजित किया जाएगा। निगम की ओर से रखी गई सुरक्षा जमा राशि पर ब्याज पूरे कैलेंडर माह के लिए देय होगा। यदि सिक्योरिटी अमाउंट का भुगतान नकद (चेक, डिमांड ड्राफ्ट, आरटीजीएस, एनईएफटी और आईएमपीएस सहित) में किया गया है, तो ब्याज देय होगा। जहां बैंक गारंटी, ऋण पत्र आदि के माध्यम से सिक्योरिटी अमाउंट दिया गया होगा तो वहां पर कोई ब्याज देय नहीं होगा।
देरी करने पर निगम भरेगा जुर्माना
यदि किसी निगम की इकाई ने सिक्योरिटी अमाउंट पर ब्याज के समायोजन में कोई देरी की है, तो नियामक आयोग ने उसे तीन गुना ब्याज के रूप में जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है। अगर वित्तीय वर्ष के बाद 30 जून तक उपभोक्ता के बिजली बिलों में ब्याज का समायोजन नहीं किया जाता है, तो उस पर दंडात्मक रूप से तीन गुना ब्याज देय होता है। जिसका भुगतान डिवीजन कार्यालय के जिम्मेदार कर्मचारियों के वेतन से किया जाएगा। संबंधित अधीक्षण अभियंता (वितरण) और उक्त अधीक्षण अभियंता (वितरण) की मंजूरी सुनिश्चित करेगी कि उपभोक्ता को दंडात्मक ब्याज संबंधित कर्मचारियों के वेतन से वसूला जाए, जो बिलों में ब्याज के समायोजन में देरी के लिए जिम्मेदार हैं।
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