पौड़ी: सैन्य सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हुए शहीद हरेंद्र सिंह , हजारों नम आंखों ने दी अंतिम विदाई
पौड़ी गढ़वाल। देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले उत्तराखंड के पौड़ी के सपूत शहीद हरेंद्र सिंह आज पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। गांव में शोक की लहर है। परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। बता दें कि नायक हरेंद्र सिंह जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।
आज सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। सोमवार को उनके गांव पीपलसारी का मार्ग बाधित होने के कारण उनका पार्थिव शरीर गांव नहीं ले जाया जा सका था। ऐसे में पार्थिक शरीर को रिखणीखाल अस्पताल में रखा गया था, जहां क्षेत्रवासियों और जनप्रतिनिधियों ने अस्पताल परिसर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
गौरतलब है कि रविवार को शहीद का पार्थिव शरीर जौलीग्रांट हवाई अड्डे से सेना के विशेष वाहन से लैंसडाउन लाया गया था। कल सोमवार सुबह शहीद का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव पीपलसारी ले जाया जाना था, लेकिन भारी बारिश के कारण मार्ग अवरुद्ध होने के चलते यह संभव नहीं हो पाया, जिसके बाद शहीद के पार्थिव शरीर को रिखणीखाल स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रखा गया था। वहीं, सेना और प्रशासन के अधिकारी भी बारिश थमने के इंतजार में घंटों तक रिखणीखाल में डेरा जमाए रहे, जिसके बाद आज सुबह उनका पार्थिव शरीर गांव ले जाया गया। जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान विधायक दलीप रावत के साथ ही कर्नल विवेक मिश्रा, अपर जिलाधिकारी इला गिरी, उपजिलाधिकारी स्मृता परमार, रिखणीखाल थाना प्रभारी कमलेश शर्मा सहित अन्य ने नायक हरेंद्र सिंह को पुष्प चक्र अर्पित किए।
गौरतलब है कि शहीद हरेंद्र सिंह के पिता सेना से सेवानिवृत्त सैनिक हैं। शहीद की मां सरोजनी देवी और पिता पूर्व सैनिक छवाण सिंह रावत अपने पैतृक गांव पीपलसारी में रहते हैं। उनके दो मासूम बच्चे भी हैं जिनके सिर के ऊपर से पिता का साया हमेशा-हमेशा के लिए उठ चुका है।
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