उत्तराखंड- राज्य के इन जनपदों में आज भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट , जानिए मौसम पूर्वानुमान

देहरादून (weather alert): उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी है मौसम विभाग द्वारा तीन अगस्त तक भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक आज सोमवार को राज्य के देहरादून ,नैनीताल , पिथौरागढ़ , बागेश्वर ,टिहरी ,हरिद्वार ,पौड़ी ,उधम सिंह नगर आदि जनपदों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है इसके अलावा राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।
इसके अलावा 2 अगस्त को देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और उधम सिंह नगर में भी भारी बारिश की संभावना है।
वहीं 3 अगस्त को नैनीताल और बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
- भारी बारिश से कुमाऊं मंडल की 55 सड़कें बंद
हल्द्वानी। कुमाऊं मंडल में आसमानी आफत सड़कों पर कहर बनकर टूटी है। बारिश के साथ भूस्खलन व मलबा आने से मंडल की 55 सड़कों पर यातायात ठप है। जिसमें 59 ग्रामीण मार्ग जबकि बॉर्डर मार्ग जबकि एक राज्य मार्ग शामिल है।
आपदा से पिथौरागढ़ जिले में दो मौत तथा तहसील धारचूला के तोक ऐलधारा में आधा दर्जन आवासीय मकान पूरी तरह ध्वस्त हुए हैं। वही धारचूला में भूस्खलन की जद में आ रहे हैं 54 परिवारों को खाली कराया गया है जिन्हें खाली करने के लिए सेना और एसडीआरएफ को लगाई गई है।
इधर नैनीताल जनपद के बिंदुखत्ता गांव में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर महिला की दर्दनाक मौत हुई।
मंडलायुक्त दीपक रावत ने जिलाधिकारियों को सड़कों को युद्धस्तर पर खोलने तथा आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के स्वजनों व घायलों को सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
धारचूला बाजार में पेयजल आपूर्ति बाधित है। डीडीहाट में वज्रपात होने से 11 केवी, दूनाकोट फीडर का एक 25 केवीए ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त है।
नैनीताल जिले में 15 ग्रामीण और राज्य मार्ग है जो बंद है नैनीताल भवाली, मंगोली-थापला, हैड़ाखान धाम, बिचखाली पाथरी, तल्ली पाली-मल्लीपाली, अलचौंना-ताड़ा, कौंता-ककोड़, भल्यूटी, देवीधूरा मार्ग, फतेेहपुर बेलबसानी, बजून अधौड़ा, भौर्सा-पिनरौ, बहेड़ी गांव, भूजियाघाट-सूर्यागांव, तल्लगांव सीम मार्ग, बानना मार्ग, देवीपुरा-सौड़, कोटाबाग-देवीपुरा, भंडारपानी-पाटकोट मार्ग शामिल हैं।
शुक्रवार को पिथौरागढ़ जनपद के धारचूला के एलधारा के पास आई भारी भूस्खलन के चलते स्थित बेहद नाजुक बनी है। टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर लगभग दस मीटर से अधिक गड्ढा बन चुका है अस्सी मीटर ऊपर से भूमि दरक रही है जमीन के अंदर से पानी का स्रोत फूट चुका है। जिसके चलते यहां पर मलबा हटाना संभव नहीं है। यहां पर कार्य करने वाली हिलवेज कंपनी मलबा हटाने में हाथ खड़े कर चुकी है। मशीन लगाते ही ऊपर से पत्थर गिरने के बाद जेसीबी मशीन के ऑपरेटरों ने हाथ खड़े कर दिए हैं । प्रशासन के पास नगर के प्रभावित क्षेत्र में बसे परिवारों को मकानों से हटाने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं रह गया है।
54 परिवारों को अलग-अलग बने शिविरों में रखा गया है बहुत से ऐसे परिवार हैं जो अपने नाते रिश्तेदार के यहां भी चले गए हैं। एलधारा के पास बनी नाजुक स्थिति को देखते हुए दोनों तरफ सेना और एसएसबी के जवान तैनात कर दिए गए हैं ताकि कोई पैदल भी इस स्थान से नहीं गुजरे । शुक्रवार की रात को गिरे बोल्डर की चपेट में ध्वस्त मकान के मालिक ओपी वर्मा को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है जहां उनके पास कुछ भी नहीं बचा है। 54 परिवारों को वहां से हटाने के बाद प्रशासन के लिए भी समस्या खड़ी हो गई है प्रशासन इन सभी लोगों को रहने खाने की व्यवस्था में जुड़ा हुआ है।

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