नैनीताल – याचिका खारिज होते ही फिर भूमिगत हुआ मुकेश बोरा, पुलिस दे रही दबिश
Nainital News: हाईकोर्ट से याचिका खारिज होते ही दुष्कर्म आरोपी मुकेश बोरा फिर भूमिगत हो गया है। वहीं पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश में जुटी हुई है। नैनीताल दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से जुड़ी याचिका नैनीताल हाईकोर्ट से खारिज होते ही पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी है। एसओजी समेत पांच टीमों ने बुधवार को गिरफ्तारी के लिए संभावित स्थानों पर दबिशें दीं।
पुलिस ने बोरा के विरुद्ध पहले ही कुर्की वारंट ले रखा है। ऐसे में अगर वह गिरफ्तार नहीं होता है तो पुलिस उसके घर की कुर्की कर सकती है। पुलिस के अनुसार, मुकेश बोरा का मोबाइल 17 सितंबर से बंद है। बुधवार को वह अल्मोड़ा थाने में भी पेश नहीं हुआ।
साथ ही उसका मोबाइल भी बंद हो गया है। उधर स्टे ऑर्डर खारिज होते ही पुलिस ने बोरा की गिरफ्तारी के लिए दबिश देना शुरू कर दिया है।
पुलिस ने बुधवार रात मुकेश बोरा के कई करीबियों से पूछताछ की। सीओ नितिन लोहनी ने बताया कि बोरा की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस दबिश दे रही है। जल्द ही पुलिस बोरा को गिरफ्तार कर लेगी।
गौरतलब है कि नैनीताल दुग्ध उत्पादक संघ के अध्यक्ष मुकेश सिंह बोरा पर एक विधवा महिला ने उसे नियमित नौकरी दिलाने के नाम पर होटल में बुलाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। तथा महिला की नाबालिक बेटी से छेड़छाड़ का भी आरोप लगाया था। इसके बाद बोरा के खिलाफ लालकुआं कोतवाली में दुष्कर्म और पास्को एक्ट की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ कोर्ट से आदेश हासिल कर मुनादी के साथ उनके घर पर संपत्ति कुर्की का नोटिस भी चस्पा कर दिया और उनकी संपत्ति को कुर्क करने की कार्यवाही भी की जा रही है। दुग्ध संघ अध्यक्ष बोरा ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 17 सितंबर तक गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए बोरा से जांच में सहयोग करने को कहा था। साथ ही उसे इस अवधि में नियमित रूप से अल्मोड़ा कोतवाली में उपस्थिति दर्ज कराने के आदेश दिए थे। न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की एकलपीठ में सोमवार 17 सितंबर को सुनवाई के बाद न्यायालय ने मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक संबंधी प्रार्थनापत्र पर वह सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। बुधवार 18 सितंबर कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड निर्णय सुनाते हुए एकलपीठ ने कहा कि आरोपी किसी अंतरिम राहत के योग्य नहीं है। लिहाजा उसकी गिरफ्तारी पर रोक संबंधित याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद पुलिस के समक्ष अभियुक्त मुकेश बोरा के विरुद्ध जारी गैर जमानती वारंट के आधार पर उसे गिरफ्तार करने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है।
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