लालकुआं विधानसभा: रसातल की ओर जाती कांग्रेस , पढ़िए लगातार पांचवीं बार करारी हार
लालकुआं विधानसभा में कांग्रेस पार्टी रसातल की ओर अग्रसर है , परिसीमन के बाद 2012 में अस्तित्व में आई लालकुआं विधानसभा में अब तक हुए 3 विधानसभा और 2 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है।

लालकुआं। विधानसभा चुनाव 2022 के चुनाव में लालकुआं विधानसभा में कांग्रेस पार्टी को एक बार फिर करारी हार का सामना करना पड़ा है। सन 2012 के परिसीमन में अस्तित्व में आई लालकुआं विधानसभा में लगातार पांचवीं बार भाजपा ने कांग्रेस को करारी मात दी है। सन 2019 का लोकसभा चुनाव हो या
2012 का विधानसभा चुनाव या 2014 का लोकसभा चुनाव उसके बाद फिर 2017 का विधानसभा चुनाव, वर्तमान 2022 का विधानसभा चुनाव उक्त सभी चुनाव में कांग्रेस पार्टी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। पूर्व सीएम एनडी तिवारी के समय कभी कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले बिंदुखत्ता, बरेली रोड ,गौलापार, चोरगलिया आदि क्षेत्रों में कांग्रेस पार्टी का सभी बूथों में लगभग सफाया हो चुका है। लोकसभा व विधानसभा के पिछले पांच चुनावों पर नजर डालें तो लालकुआं विधानसभा में कांग्रेस की हार का अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है।
गौरतलब है कि विगत सन 2012 में परिसीमन के बाद धारी से अलग होकर लालकुआं विधानसभा अस्तित्व में आई। 2012 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल मतदाता 90260 थे जिनमें 67403 मतदान हुआ। जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी को 13863 ,भाजपा को 16341, बसपा को 3729 तथा निर्दलीय को 25189 मत मिले। निर्दलीय हरीश चंद्र दुर्गापाल विजई हुए। 2014 के लोकसभा चुनाव में लालकुआं विधानसभा में मतदाताओं की संख्या बढ़कर 127035 हो गई जिसमें 69579 मतदान हुआ। कांग्रेस को 16868 ,भाजपा को 47089, बसपा को 2411 अन्य को 3211 जबकि नोटा में 916 मत पड़े। इस चुनाव में भाजपा ने लगभग सभी बूथों में कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया। अब पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो यहां पर मतदाताओं की कुल संख्या 111965 थी जिसमें कुल मतदान 79596 हुआ। कांग्रेस को 17185, भाजपा को 44293, बसपा को 964, निर्दलीय को 14709 जबकि नोटा में 1216 मत पड़े। इस चुनाव में भाजपा के नवीन दुम्का की भारी मतों से जीत हुई थी।
इधर 2019 के लोकसभा चुनाव में भी इस विधानसभा से कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली ,कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाने वाले पूर्व सीएम हरीश रावत के मैदान में होने से उम्मीद थी कि कांग्रेस पार्टी अच्छा प्रदर्शन करेगी लेकिन 37 हजार से अधिक मतों के अंतर से पराजय का मुंह देखना पड़ा था । इस चुनाव में विधानसभा के 2 बूथों को छोड़कर सभी बूथों में कांग्रेस पार्टी को पराजय का मुंह देखना पड़ा।
काबिले गौर यह है कि पूर्व में कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाला यह क्षेत्र परिसीमन के बाद भाजपा के गढ़ में तब्दील हो गया। सन 2012 के परिसीमन के उपरांत हुए समस्त विधानसभा व लोकसभा चुनावों में कांग्रेस लगातार बुरी तरह परास्त होते हुए आ रही है।
- 17,527 वोटों से हारे कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत
लालकुआं। विधानसभा चुनाव 2022 में इस सीट पर 1 लाख 20 हजार 392 मतदाताओं में से 87,360 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
जिनमें भाजपा प्रत्याशी डॉ मोहन सिंह बिष्ट को 46,307 मत पड़े , जबकि कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत को 28,780 मत मिले। इस बार कांग्रेस प्रत्याशी को यहां 17527 मतों के भारी अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा।
इस चुनाव में 142 बूथों में से कांग्रेस मात्र 22 बूथों को ही जीत पाई , 120 बूथ पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।



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