Uttarkashi: धराली-हर्षिल आपदा क्षेत्र में SDRF का सघन राहत व खोज अभियान

Uttarkashi News- धराली-हर्षिल आपदा प्रभावित क्षेत्र में SDRF उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा अन्य राहत एजेंसियों के साथ समन्वय कर व्यापक एवं सुव्यवस्थित सर्चिंग अभियान संचालित किया जा रहा है।
आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार प्रभावित क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों की गति को और तेज किया गया। इसी क्रम में DGP उत्तराखण्ड दीपम सेठ, ADG प्रशासन/अधिसूचना ए.पी.अंशुमन, पुलिस महानिरीक्षक, SDRF अरुण मोहन जोशी, सेनानायक SDRF अर्पण यदुवंशी, पुलिस अधीक्षक, उत्तरकाशी सरिता डोभाल एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वयं आपदा स्थल पर पहुँचकर राहत एवं रेस्क्यू कार्यों की प्रगति का अवलोकन किया।

पुलिस महानिरीक्षक, SDRF द्वारा घटनास्थल में चल रहे रेस्क्यू अभियानों के संबंध में पुलिस महानिदेशक को अवगत कराया, जिसके उपरांत DGP द्वारा रेस्क्यू कार्यों में लगी सभी बचाव एजेंसियों का मनोबल बढ़ाया एवं आवश्यक दिशानिर्देश दिए गए।
SDRF द्वारा अत्याधुनिक उपकरणों जैसे विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, थर्मल इमेजिंग कैमरा इत्यादि आधुनिक उपकरणों के साथ मलबे से क्षतिग्रस्त भवनों में गहन खोजबीन की जा रही है, वहीं SDRF की डॉग स्क्वाड टीम भी मलबे में दबी जिंदगी के लिए सर्चिंग में जुटी हुई है। साथ ही SDRF टीम गंगनानी में टूटे हुए पुल के पुनःनिर्माण हेतु PWD एवं BRO के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रही है, ताकि यातायात व आपूर्ति मार्ग शीघ्र बहाल किए जा सकें।
दिनांक 07 अगस्त की रात्रि को हर्षिल में SDRF द्वारा कम्युनिटी किचन स्थापित कर आपदा प्रभावित 220 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई। इसके अतिरिक्त, आपदा राहत सामग्री को प्रभावित ग्रामीणों तक पहुँचाया जा रहा है, जिसे स्थानीय पुलिस, SDRF एवं अन्य राहत एजेंसियों के संयुक्त प्रयास से सुव्यवस्थित ढंग से वितरित किया जा रहा है, ताकि समय पर आवश्यक सहायता प्रत्येक जरूरतमंद तक पहुँच सके।
SDRF द्वारा हर्षिल एवं धराली आपदा क्षेत्र का ड्रोन से हवाई निरीक्षण
आज दिनांक 07 अगस्त 2025 को SDRF की ड्रोन विशेषज्ञ टीम द्वारा जनपद उत्तरकाशी के हर्षिल क्षेत्र मे ड्रोन के माध्यम से हवाई निरीक्षण किया गया।
इसके अतिरिक्त SDRF द्वारा धराली के आपदा प्रभावित क्षेत्र का भी ड्रोन से हवाई सर्वेक्षण किया गया। यह सर्वेक्षण उन दुर्गम क्षेत्रों में किया गया जहां भूस्खलन व मलबा आने के कारण जमीनी पहुंच अत्यंत कठिन है। प्रभावित क्षेत्र में किसी व्यक्ति के फंसे होने अथवा लापता व्यक्तियों की मौजूदगी की संभावना के दृष्टिगत SDRF की टीम ने ड्रोन कैमरों की सहायता से क्षेत्र की सर्चिंग की।

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