हल्द्वानी: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ दूसरे चरण की कार्यशाला शुरू

Haldwani News – जिलाधिकारी वंदना सिंह के निर्देशानुसार स्कूलों में दूसरे चरण में “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” की कार्यशाला शुरू हो गई है।
इसी क्रम में बुधवार को डी ए वी स्कूल हल्द्वानी में कार्यशाला का आयोजित की गई।
महिला और बाल विकास विभाग नैनीताल द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत “बालिकाओं द्वारा असुरक्षित स्थानों के चिन्हीकरण” विषय में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में विभिन्न विभाग से आए हुए अधिकारियों द्वारा बालिकाओं से उनकी समस्याओं के बारे में चर्चा की गई। बाल विकास अधिकारी शिल्पा जोशी को बालिकाओं से वार्ता करते हुए ऐसे स्थानों के बारे में पूछा जहां पर वह असुरक्षित महसूस करती हैं। साथ ही अपना नंबर भी साझा किया।
बताया कि पिछली कार्यशालाओं में चिन्हित स्थानों पर समस्त संबंधित विभागों द्वारा लगातार कार्यवाही भी की जा रहा है, साथ ही उन्होंने स्कूल मैनेजमेंट को बताया कि कोई बालिका तीन दिन से अधिक बिना कोई सूचना दिए उपस्थित है, तो उनके अभिभावक से शीघ्र संपर्क स्थापित करने के लिए कहा गया। बालिकाओं से पिछली कार्यशाला का फीडबैक भी लिया गया। सुपरवाइजर प्रियंका आर्या ने बाल विवाह एवं घरेलू हिंसा की जानकारी दी। प्रोबेशन कार्यालय से काउंसलर तबस्सुम ने बालिकाओं को उत्तराखंड पुलिस ऐप एवं हेल्पलाइन नंबर की जानकारी दी। बालिकाओं द्वारा विभिन्न स्थानों को चिन्हित किया गया और साथ ही बताया गया कि चिन्हित जगहों पर आराजत्व झुंड बनाकर कुछ बैंक्वेट हॉल, दुकानों, होटल्स एवं ठेलों पर खड़े रहते हैं। कार्यशाला मे बालिकाओं ने कुछ सुझाव भी पेश किए जैसे साइबर अपराध से सम्बन्धित कार्यशाला, अभिभावक एवं बालकों के लिए कार्यशाला, शराब की दुकानों, ढाबों, होटलों का लगातार निरीक्षण, बाइक एवं गाड़ियों को तेजी से दौड़ाने पर कार्यवाही, बालिकाओं के लिए सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग, , चिन्हित जगह पर लगातार पुलिस पेट्रोलिंग, गलियों में स्ट्रीट लाइट, ऑटो एवं ई–रिक्शा स्टैंड पर एवम अन्य चिन्हित स्थानों पर गश्त आदि। इस कार्यशाला में चिन्हित स्थानों और कारणों के साथ समिति अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी महोदया को प्रेषित करेगी जिससे संबंधित विभाग को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाएगा।
इन कार्यक्रमों को दोबारा शुरू करने का उद्देश्य पहले हुई कार्यशाला का फीडबैक एवं नई जगह चिन्हित करना है।जिससे भय मुक्त वातावरण बन सके जहां बालिकाएं स्वयं को असुरक्षित ना महसूस करें और विश्वास के साथ कहीं भी आ जा सके, उन्हें आने-जाने में भय ना लगे और जिस भी क्षेत्र में छेड़छाड़ या बच्चियों को असुरक्षा महसूस हुई है उनमें जिलाधिकारी महोदया के निर्देशानुसार कार्यवाही की जा रही है। कार्यक्रम में स्कूल के प्रधानाचार्य ,शिक्षिकायें, बालिकाएं, आदि उपस्थित रहे।
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