उत्तरकाशी टनल हादसा – सुरंग में फंसे श्रमिकों के बचाव की मुहिम युद्धस्तर पर जारी , देखें रेस्क्यू अपडेट
Uttarkashi News:
उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में पिछले सात दिन से फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य 24 घंटे युद्धस्तर पर जारी है। घटना को 6 दिन पूरे हो चुके हैं आज सातवां दिन है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रेस्क्यू ऑपरेशन पर निरंतर नजर बनाए हुए हैं।
मजदूरों तक पहुंचने के लिए रेस्क्यू टीम ने अभी तक 24 मीटर तक की ड्रिलिंग की है मजदूरों को टनल से बाहर निकालने का रास्ता बनाने के लिए ड्रिलिंग मशीन की मदद से 800 मिमी और 900 मिमी व्यास वाले पाइप डाले जाएंगे, जिसके लिए 60 मीटर तक ड्रिलिंग जरूरी है।
इंदौर से लाई गई दो मशीनें
सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए इंदौर से दो मशीन विशेष विमान से देर रात्रि जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर रात्रि 1:30 a.m पर उतारी गई जिसके पश्चात उक्त मशीनों को तीन वाहनों मे लोड कर सिल्क्यारा हेतु रवाना किया गया जो ब्रह्मखाल होते हुए सिलक्यारा पर पहुंच चुकी है।
NHIDCL के निदेशक अंशु मनीष खलको ने कहा कि सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए एम एस पाइप की स्केप टनल बनाने के लिए ऑगर मशीन की सहायता से पाइप पुशिंग का कार्य अब इन मशीनों के माध्यम से किया जाएगा
भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर लगातार रेस्क्यू जारी
सिलक्यारा टनल हादसा को लेकर रेस्क्यू करने वाली एजेंसियां लगातार रेस्क्यू अभियान में लगी हुई है तथा मशीनों के ऑपरेटिंग सिस्टम से लेकर भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर लगातार रेस्क्यू कर जारी है। रेस्क्यू ऑपरेशन शुक्रवार दोपहर 4:30 बजे तक की अपडेट के अनुसार NHIDCL के निदेशक अंशु मनीष खल्को ने मीडिया को ब्रीफ किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला भी मौजूद रहे।
शुक्रवार को रोकना पड़ा था ड्रिल कार्य
उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए शुक्रवार को 24 मीटर तक ड्रिल का कार्य होने के बाद ड्रिलिंग को रोकना पड़ा।
राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि ड्रिलिंग का काम कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन की बेयरिंग में खराबी आ गई । जिसके चलते काम रुक गया। वहीं, एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि मशीन चलने से हो रहे कंपन के कारण सतह का संतुलन बिगड़ रहा है। जिससे मलबा गिरने का खतरा है। इसी लिए बीच में काम रोकने का निर्णय लिया गया है।
वहीं, मलबे में पड़े चट्टानी बोल्डर पाइप डालने के लिए की जा रही ड्रिलिंग में बाधा बन रहे हैं। शुक्रवार सुबह जब चौथा पाइप डाला जा रहा था तो किसी कठोर वस्तु के चलते ड्रिलिंग का काम बाधित हुआ। जिस पर मजदूरों ने पाइप के अंदर घुसकर जांच की तो यह बोल्डर निकला। जिसे हटाया गया। फिर दोबारा ड्रिलिंग शुरू हुई, लेकिन दोपहर बाद दोबारा चट्टानी बोल्डर आगे आ गया। जिसके बाद से ड्रिलिंग का काम रुका हुआ है।
दरअसल यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा से पोलगांव तक 4.5 किमी सुरंग में भूस्खलन के बाद से 41 मजदूर छह दिन से फंसे हुए हैं। मजदूरों को निकालने के लिए पहले जेसीबी आदि मशीनों से मलबा हटाया जा रहा था, लेकिन बार-बार मलबा गिरने पर सोमवार को देहरादून से ऑगर मशीन मंगाकर ड्रिलिंग शुरू की गई, लेकिन इसकी क्षमता कम होने के कारण बुधवार को दिल्ली से वायुसेना के तीन हरक्यूलिस विमानों से 25 टन वजनी अमेरिकी ऑगर मशीन मंगवाई गई।
जिससे बृहस्पतिवार सुबह दस बजे ड्रिलिंग शुरू की गई थी, लेकिन एक पाइप को डालने में औसतन चार से छह घंटे का समय लग रहा है। जिसमें सबसे ज्यादा सावधानी दो पाइपों को आपस में जोड़ने के लिए वेल्डिंग करते समय बरतनी पड़ रही है। इस काम में ही डेढ़ से दो घंटे का समय लग रहा है।
प्रेसवार्ता कर एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलखो ने बताया कि अमेरिकी ऑगर मशीन से 22 मीटर ड्रिलिंग का काम किया गया है। सुरंग के अंदर 1750 हार्स पॉवर की ऑगर मशीन के चलने से कंपन हो रहा है। जिससे सतह का संतुलन बिगड़ रहा है। इसके चलते मलबा गिरने का खतरा है। इसे ध्यान में रखते हुए अब बीच में कुछ समय रुकेंगे और फिर काम शुरू करेंगे।
चौथे पाइप का दो मीटर हिस्सा वेल्डिंग के लिए बाहर छोड़ा गया है। पांचवें पाइप को वेल्डिंग कर जोड़ दिया गया है। कुछ समय बाद इसको डालने के लिए ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा। बेयरिंग खराब होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब मशीन चलती है तो बेयरिंग खराब होती ही है। जिससे बदला जाएगा।
ऑगर मशीन डीजल से चलती है। सुरंग के अंदर डीजल मशीन से वेंटिलेशन में दिक्कत आ रही है। ऐसे में वेंटिलेशन के लिए कंप्रेशर चलाया जा रहा है। जिससे सुरंग में वाइब्रेशन (कंपन) बढ़ रहा है। हालांकि एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि डीजल मशीन के चलते वेंटिलेशन में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए बीच-बीच में कंप्रेशर चलाकर हवा को बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है। बताया कि रेस्क्यू कार्य में किसी तरह की बाधा ना आए, इसके लिए बैकअप के तौर पर इंदौर से दो और पुशअप मशीन एयरलिफ्ट की गई है। वह सिल्क्यारा पहुंच गई है।
सुरंग में फंसे श्रमिकों को लगातार खाद्य सामग्री, पानी ,ऑक्सीजन, बिजली, दवाई की आपूर्ति
अधिकारियों ने बताया कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को लगातार खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। उन्हें ऑक्सीजन, बिजली, दवाई और पानी भी पाइप के जरिए निरंतर पहुंचाई जा रही है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों से निरंतर बातचीत जारी है और बीच-बीच में उनकी उनके परिजनों से भी बात कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने अफसरों के साथ रेस्क्यू कार्य की समीक्षा कर दिए जरूरी निर्देश
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग रेस्क्यू कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पीएमओ के मार्गदर्शन में राज्य सरकार सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को सकुशल निकालने के प्रयास में जुटी है। सुरंग में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए देश और दुनिया में ईजाद की गई आधुनिक तकनीक की मदद ली जा रही है। उम्मीद हैं कि जल्द इसमें सफलता मिल जायेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू पर पल पल अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आज शासकीय आवास पर अधिकारियों के साथ श्रमिकों के बचाव के लिए चल रहे रेस्क्यू कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही बाधाओं से निपटने के लिए हर आवश्यक कदम उठाये जाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी लगातार बचाव अभियान का अपडेट लिया जा रहा है। ऐसे में ग्राउंड जीरो पर जो भी रेस्क्यू कार्य किया जा रहा है, अधिकारी एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय बनाकर समय पर अंजाम तक पहुंचाएं। रेस्क्यू कार्य के लिए जिन संसाधनों की जरूरत हैं, उनको तत्काल एजेंसियों को मुहैया करा कर तेजी से कार्य कराएं। सरकार की प्राथमिकता में श्रमिकों को सुरक्षित और समय पर बाहर निकालना है।
श्रमिकों और परिजनों के साथ सरकार खड़ी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मुसीबत में फंसे श्रमिकों के परिजनों के साथ सरकार खड़ी है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वह सभी परिजनों को रेस्क्यू की हर पल की जानकारी देते रहें। इसके अलावा सिलक्यारा पहुंचे परिजनों के लिए भी सहायता केंद्र खोलने और उनके रहने-खाने की जरूरत के हिसाब से मदद की जाए। उन्होंने कहा कि विपदा की इस घड़ी में परिजनों को धैर्य बनाये रखने की जरूरत है। सरकार हर वक्त उनके साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग आपदा से निपटने के लिए देश और दुनिया में चले पुराने सुरंग रेस्क्यू के अनुभवों के आधार पर कार्य किए जा रहे हैं। इसके लिए अधिकारी पड़ोसी राज्य हिमचाल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर समेत दुनिया के कई देशों में सुरंग निर्माण और आपदा के बाद हुए रेस्क्यू की तकनीकी को अपना रहे हैं। पीर पंजाल, अटल सुरंग, भंवर टोंक, सँगलदान जैसी बड़ी सुरंग निर्माण और लूज गिरने के बाद रेस्क्यू की जानकारी जुटाई जा रही है। इसी के अनुसार रेस्क्यू टीम श्रमिकों को बाहर निकालने के प्रयास में जुटी हैं।
पीएमओ के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल मौके पर पहुंचे।
शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल मौके पर पहुंचे। अधिकारियों संग पहुंचे मंगेश घिल्डियाल ने चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से बात की और आ रही अड़चनों के बारे में जाना।Uttarkashi Tunnel Collapse Update
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