चंपावत: वाईब्रेंट विलेज योजना से सीमांत क्षेत्र के 11 गांव अब पाएंगे विकास की नई पहचान

वाईब्रेंट विलेज योजना के अंतर्गत सीमांत क्षेत्र के 11 गांवों की समीक्षा बैठक आयोजित
Champawat News- जिलाधिकारी मनीष कुमार की अध्यक्षता में वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित सीमांत गांवों की प्रगति, आवश्यकताओं और आगामी विकास कार्यों की दिशा तय करने हेतु समीक्षा बैठक जिला सभागार में आयोजित की गई। बैठक में जनपद के 11 चयनित सीमांत गांवों में किए जा रहे एवं प्रस्तावित कार्यों की गहन समीक्षा की गई।
बैठक से पूर्व सभी 11 गांवों — पासम, मढुवा, तरकुली, आमनी, कालीगूंठ/पूर्णागिरि, तामली, पोलप, देवीपुरा, सैलानीगोठ, नायकगोठ एवं चूका — में जनपद स्तर से नामित 11 अधिकारियों की अलग-अलग टीमों ने स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण रिपोर्टों के आधार पर प्रत्येक गांव की क्षेत्र विशेष की आवश्यकताओं को चिह्नित किया गया। साथ ही विभागीय समन्वय के माध्यम से कार्यों में दोहराव (डुप्लीकेसी ऑफ वर्क) समाप्त करने हेतु रणनीति तैयार की गई।
बैठक में अधिकारियों द्वारा दिए गए सुझावों को भी गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए कार्ययोजना में शामिल किया गया। इनमें स्थानीय संसाधनों के उपयोग, युवाओं को गांवों में रोजगार से जोड़ने, प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा हेतु स्थायी समाधान, स्थानीय उत्पादों को बाजार से जोड़ने, तथा जनसंवाद को मजबूत करने जैसे व्यावहारिक एवं दूरदर्शी सुझाव प्रमुख रहे।
बैठक में जिन प्रमुख विकास प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा हुई उनमें चयनित गांवों में बहुउद्देशीय सामुदायिक भवनों का निर्माण, संपर्क मार्गों का डामरीकरण एवं ग्रामीण सड़कों का सुदृढ़ीकरण, तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में सोलर चैन लिंक फेंसिंग की स्थापना शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, माइक्रो इरिगेशन प्रणाली के माध्यम से जल संसाधनों का दक्ष प्रबंधन कर कृषि उत्पादन को सशक्त बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। युवाओं एवं महिलाओं के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे, ताकि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकें। प्रत्येक गांव में पुस्तकालय एवं डिजिटल संसाधन केंद्र की स्थापना कर शिक्षा व सूचना तक पहुंच सुलभ बनाई जाएगी। साथ ही, पंचायत भवनों को मिनी सचिवालय के रूप में सुदृढ़ किया जाएगा जैसे अन्य कार्यों पर चर्चा हुई।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि वाईब्रेंट विलेज योजना केवल बुनियादी सुविधाओं तक सीमित न रहकर गांवों को संपूर्ण, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम है। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे कार्यों को समयबद्ध, पारदर्शी एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण करें और जनभागीदारी को सुनिश्चित करें।
इसके साथ ही, बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि प्रत्येक गांव के लिए विकास रूपरेखा तैयार की जाए, जिसमें भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से गांव की प्राथमिकताओं के अनुरूप योजनाएं बनाई जाएं।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॉ जी एस खाती, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेश चौहान, मुख्य शिक्षा अधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट, मुख्य कृषि अधिकारी धनपत कुमार, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ वसुंधरा गर्ब्याल, लीड बैंक अधिकारी अमर सिंह ग्वाल, जिला विकास अधिकारी दिनेश सिंह दिगारी, सहायक परियोजना निदेशक विमी जोशी, जिला युवा कल्याण अधिकारी यसवंत खड़ायत, जिला पूर्ति अधिकारी प्रियंका भट्ट, ईई जल संस्थान बिलाल यूनुस ईई पेयजल निगम वीके पाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।


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