Champawat: मौनपालन प्रशिक्षण कार्यक्रम के छठे दिन सिप्टी और सूखीढांग में किसानों को दिया प्रशिक्षण

चंपावत । 14 अगस्त से शुरू हुए मौनपालन प्रशिक्षण कार्यक्रम के छठे दिन सिप्टी एवं सूखीढांग में किसानों को प्रशिक्षण दिया गया। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तराखण्ड एवं उत्तराखण्ड औद्यानिकी परिषद द्वारा राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (NBHM) योजनान्तर्गत चम्पावत जिले के मधुग्राम सिप्टी एवं सूखीढांग में वैज्ञानिक मौनपालन विषय पर प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनरों द्वारा दिया गया।
प्रशिक्षण में मौनपालन विषय विशेषज्ञ पूर्व निदेशक सीबीआरटीआइ पुणे डा लक्ष्मी
ने कहा कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य जिले में मौनपालन की अपार संभावना का लाभ उठाकर किसानों की आय में वृद्धि करना है। प्रशिक्षण में मौनवंश प्रजनन पर विशेष जोर दिया जा रहा है, ताकि बड़ी संख्या में मौन पालक मौनवंशों का उत्पादन करके मौनवंशों की व्यापक माँग को पूरा कर सकें। साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौनपालन से शहद के अतिरिक्त अन्य उत्पादों जैसे पराग, रॉयल जेली, प्रोपोलिस, मौनविष आदि के उत्पादन की भी जानकारी मौनपलकों को दी जा रही हैं। कार्यक्रम में शिवालिक नेचुरल प्रोडक्ट्स, कोटद्वार के अंतर सिंह व रेखा रावत, पीएस कनवाल, हरीश चन्द्र, मौन पालन केन्द्र ज्योलीकोट से विक्रम सिंह, हसीब अंसारी दीपक प्रकाश तथा उद्यान विभाग तथा अग्रणी मौनपालक हरीश चन्द्र जोशी द्वारा मोनपालकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जिला उद्यान अधिकारी टीएन पाण्डे द्वारा कृषकों को मौनपालन को व्यवसाय के रूप अपनाकर इसका लाभ लेने हेतु जागरूक एवं प्रेरित किया गया।
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