उत्तराखंड- पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत इन नेताओं को सीबीआई का नोटिस , जानिए मामला
स्टिंग प्रकरण में हरीश रावत समेत इन नेताओं की बढ़ सकती है मुश्किलें ,सीबीआई ने भेजे नोटिस ,लिए जाएंगे वही सैंपल
Dehradun News: उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत , पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को सीबीआई कोर्ट ने नोटिस भेजा है। ये नोटिस बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन 2016 प्रकरण में जारी किया गया है। जिससे प्रदेश के सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश के दिग्गज नेताओं पर सीबीआई की कार्रवाई से सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। उत्तराखंड का स्टिंग ऑपरेशन केस फिर चर्चा में आ गया है। सीबीआई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत , पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और स्टिंग ऑपरेशन के सूत्रधार निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। सीबीआई ने हाईकोर्ट में इन चारों के वॉइस सैंपल लेने की अनुमति के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। जिसको लेकर नोटिस जारी किया गया है।
बताया जा रहा है कि 8 जून को भी इन्हें नोटिस जारी किए गए थे, हालांकि वो नोटिस अभी तक तामिल नहीं हो पाए हैं। इस पर कोर्ट ने दोबारा नोटिस जारी करने के साथ ही सीबीआई को इसकी पैरवी करने के आदेश दिए हैं। इन चारों में से दो वर्तमान विधायक हैं। इस मामले में दोनों वर्तमान विधायकों को नोटिस शामिल करने के लिए तय प्रक्रिया का पालन करने के निर्देश भी दिए गए हैं। विधायकों के विशेषाधिकार को देखते हुए सभी नियमों का पालन करने के लिए कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 4 जुलाई को होनी है।
गौरतलब है कि वर्ष 2016 में हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते उनका एक स्टिंग करने का दावा उमेश कुमार ने किया था। इसके बाद राज्य की राजनीति में भूचाल गया था। इसी दौरान एक और स्टिंग सामने आया था, इसमें विधायक मदन सिंह बिष्ट के होने का दावा किया जा रहा है। इस स्टिंग में डॉ. हरक सिंह रावत के भी शामिल होने का दावा किया गया था।
तब उमेश कुमार की ओर से दोनों ही स्टिंग को लेकर दावा किया गया था कि हरीश रावत सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की डीलिंग की जा रही थी। इसमें रुपयों के लेन-देन होने की बात का दावा भी स्टिंग प्रसारण के दौरान किया गया था। बाद में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी। और अब स्टिंग में जो आवाजें हैं, उनके मिलान के लिए इन चारों ही नेताओं के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति सीबीआई ने अदालत से मांगी है।
वहीं मामले में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, स्टिंग से जुड़े सीबीआई मामले में पूर्व मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत क्या कह रहे हैं, उन्हें मालूम नहीं है, लेकिन इतना जरूर है, चोरी, डकैती भी हमारे घर पर पड़ी और मुल्जिम भी हम हैं। सब सत्ता का खेल है। कहा, सीबीआई कोर्ट से नोटिस मिलने पर कानून का पालन किया जाएगा। दल बदल भी हमारे यहां हुआ और जिसे इससे लाभ मिला, उसके खिलाफ कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हम प्रतिपक्ष हैं और हमारी आवाज को दबाने का प्रयास किया जाता रहेगा। हालांकि उन्होंने ये भी साफ किया कि वो किसी जांच एजेंसी से डरने वाले नहीं हैं और जांच में पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि अभी तक उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला है और नोटिस मिलने के बाद ही कार्यवाई की जाएगी।
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