उत्तराखंड – विधानसभा का बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित ,1.01 लाख करोड़ का बजट पारित

देहरादून।Uttarakhand Budget Session 2025: उत्तराखंड विधानसभा में बजट सत्र के पांचवें दिन बजट पारित होने के बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1,01,175.33 करोड़ रुपये का बजट पारित कर दिया गया। इस साल का बजट पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 13.38% अधिक है। 24 वर्षों में पहली बार राज्य का बजट एक लाख करोड़ के पार पहुंचा है।
37 घंटे 49 मिनट चला बजट सत्र
राज्य विधानसभा का बजट सत्र इस बार 37 घंटे 49 मिनट चला है। 18 फरवरी को सदन की कार्यवाही 15 मिनट, 19 फरवरी को 9 घंटे 23 मिनट, 20 फरवरी को 9 घंटे 40 मिनट, 21 फरवरी को 11 घंटे 51 मिनट और 22 फरवरी को 6 घंटे 40 मिनट चली। अल्पसूचित 30 और तारांकित-अतारांकित प्रश्न 496 मिलाकर कुल 526 प्रश्न आए।
जनजातीय बजट पर चर्चा, विपक्ष ने उठाए सवाल
बजट पारित होने के बाद सदन में नियम-54 के तहत चर्चा हुई। कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने स्कूलों के जर्जर भवनों का मुद्दा उठाया। वहीं, कांग्रेस विधायक गोपाल सिंह राणा ने अनुसूचित जनजातियों के बजट में कटौती पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अगर बजट का 3% भी जनजातियों को मिले तो उनकी स्थिति सुधर सकती है। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि इस साल जनजातीय बजट 821.41 करोड़ रुपये किया गया है, जो पिछले साल 717.89 करोड़ रुपये था।
परिवहन विभाग के बजट पर गरमाई बहस
परिवहन विभाग के बजट पर कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी ने कटौती प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के रोडवेज डिपो घाटे में चल रहे हैं, बसों में ड्राइवरों की कमी है। उन्होंने सवाल उठाया कि एनजीटी के निर्देशों के बावजूद पुरानी बसें हटाने और नई बसें खरीदने की क्या स्थिति है।
ई-बसों के लिए बजट की व्यवस्था की गई है।
पीएम बस सेवा के लिए 30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
ऊर्जा विभाग पर तीखी बहस, भ्रष्टाचार के आरोप
ऊर्जा विभाग के बजट पर कांग्रेस विधायक विक्रम नेगी ने कटौती प्रस्ताव रखते हुए कहा कि यूपीसीएल की लाइनों की क्षमता पर्याप्त नहीं है, जिससे रोजगार के अवसर प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने सोलर सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के खातों में देने की मांग की। विधायक वीरेंद्र जाती ने बिजली विभाग में भ्रष्टाचार और मीटर जंपिंग के बढ़ते मामलों पर सवाल उठाए।
ऊर्जा मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि—
बिजली चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं।
2025-26 तक उत्तराखंड को टीबी मुक्त बनाया जाएगा।
सोलर योजना से पहाड़ी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
200 किलोवाट सोलर प्रोजेक्ट में 33 केवी और 11 केवी के बजाय केवल 33 केवी के उपयोग का सुझाव दिया गया।
राज्य सरकार ने बजट के जरिए विकास कार्यों को गति देने का भरोसा दिया है। हालांकि, विपक्ष ने इसे जनता से जुड़ी बुनियादी समस्याओं की अनदेखी करार दिया है। अब देखने वाली बात होगी कि सरकार अपने वादों को कितना अमल में लाती है।
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