बागेश्वर- दहशत का पर्याय बना गुलदार पिंजरे में कैद ,सप्ताह पूर्व महिला को बनाया था निवाला

ग्रामीणों ने ली राहत की सांस ,वन विभाग का जताया आभार
बागेश्वर। पर्वतीय क्षेत्रों में आतंक का पर्याय बन रहे गुलदार वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं अक्सर मानव आबादी क्षेत्र में घुसकर आतंक मचाने वाले इन गुलदार को पकड़ने में वन विभाग भी नाकाफी साबित हो रहा है फिर भी वन विभाग प्रयास करने में जुटा हुआ है तथा आतंक मचाए गए क्षेत्रों में पिंजरे में गुलदार को पकड़ने की कवायद भी तेज हो गई है।
काफलीगैर तहसील के असों गांव
में लगातार आतंक मचा रहा गुलदार आखिरकार पिंजरे में कैद हो गया है। बीते सप्ताह एक वृद्ध महिला को गुलदार ने निवाला बना लिया था जिसके बाद ग्रामीणों की मांग पर गांव में पिंजरा लगाया गया था मंगलवार रात वह पिंजरे में फंस गया। गुलदार के पिंजरे में कैद होने के बाद क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली है।
असों गांव में बीते 29 जुलाई की रात को गुलदार ने एक बुजुर्ग महिला को अपना निवाला बना दिया था। वन विभाग ने गांव में घटनास्थल के समीप ही गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया था। चार जगहों पर ट्रैप कैमरे भी लगे थे। हालांकि गुलदार दो दिनों तक गांव में अलग अलग स्थान पर दिखा, लेकिन पिंजरे के समीप नहीं आया, लेकिन बीती रात वह पिंजरे में कैद हो गया। वही रेंजर श्याम सिंह करायत और वनकर्मियों की टीम गुलदार को वन विभाग कार्यालय बागेश्वर ले आए है।

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