बागेश्वर- लड़ाई बजट की, विपक्ष ने कोतवाल को मोहरा बनाकर नया रंग लाने का किया प्रयास

- जिपं अध्यक्ष ने विपक्ष पर लगाए गम्भीर आरोप , पूर्व पालिकाध्यक्ष के हत्याकांड की तरह पुनरावर्ती जिपं में दोहराने की जताई आशंका
- कोतवाल के पक्ष में आई जिला पंचायत
Bageshwar News: जिला पंचायत में पक्ष और विपक्ष के बीच लंबे समय से बजट के समान वितरण को लेकर चल रहा गतिरोध जारी है। जहां शासन प्रशासन और जिपं के बीच चल रहा गतिरोध थमने का नाम नही ले रहा है वहीं ताजा वाक्या जिपं की सामान्य बैठक में बजट वितरण में हुए विवाद में जिपं अध्यक्ष बसंती देव द्वारा बजट पास होने के बाद सदन से चले जाने के बाद विपक्षी सदस्यों द्वारा एएमए और अन्य को जबरन कक्ष बंद कर बंधक बनाए जाने की शिकायत पर पुलिस की बंधक बनाए जाने वाले कर्मियों को छुड़ाने की कसरत के बाद भड़के विपक्षियों द्वारा पुलिस के खिलाफ आन्दोलन करने का मुद्दा उठाया।
वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव ने पूर्व में नगर पालिकाध्यक्ष हत्याकांड की पुनरावृत्ति जिला पंचायत में होने की आशंका जताई है। उनका कहना है कि जिस तरह पूर्व में नगर पालिकाध्यक्ष रमेश जौहरी की हत्या कार्यालय में हुई थी उसी तरह का षडयंत्र उनके कार्यालय में रचा जा रहा है। कई सदस्यों के पति व रिश्तेदार पंचायत परिसर में आते रहते हैं। बार-बार झूठे आरोपों का सहारा लेकर लोगों को भ्रमित करते हैं। इनके द्वारा षडयंत्र के तहत कोई भी अप्रिय घटना को अंजाम दिया जा सकता है।
जिलाधिकारी को भेजे पत्र में जिपं अध्यक्ष ने यह आशंका जताई है। उनका कहना है कि 21अक्टूबर को जिला पंचायत की सामान्य बैठक आयोजित की गई। कुछ सदस्यों ने बजट को लेकर विरोध किया। बाद में नियमानुसार बजट पास हो गया। बैठक के बाद नौ सदस्य और वह खुद सदन से बाहर चली गईं। कुछ समय बाद उन्हें जानकारी मिली की उपाध्यक्ष नवीन परिहार, सदस्य गोपा देवी, इंद्रा परिहार, पूजा आर्या आदि ने अपर मुख्य अधिकारी राकेश कुमार, वित्तीय परामर्शदाता शैलेंद्र बुटोला, प्रशासनिक अधिकारी हरीश गड़िया व लेखागार जय जोशी को अंदर ही दरवाजा बंद कर बंधक बनाया गया। सदन में जोर-जोर से चिल्लाने की आवाज आ रही थी। अंदर कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए उन्होंने उप जिलाधिकारी को फोन से सूचना दी। एसडीएम के निर्देश पर कोतवाल तथा सीओ दल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने सभागार का दरवाजा खोलने का अनुरोध किया। बमुशकिल दरवाजा खोला गया। पुलिस ने बहुत ही शालीनता से बंधक कर्मचारियेां व अधिकारियों को बाहर किया। पुुुलिस द्वारा किसी तरह की धक्का-मुक्की व दुर्व्यवाहर पुलिस ने नहीं किया। उपाध्यक्ष समेत सदस्य मीडिया में अनर्गल बयानबाजी कर लोगों को भ्रमित करते रहे। पुलिस के खिलाफ अनावश्यक बयानबाजी कर सरकार और जिपं की छवि खराब करने में लगे रहे। उपाध्यक्ष नवीन परिहार, गोपा ने अन्य सदस्यों को भी उत्तेजित कर माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह की गतिविधियों ने पूर्व में नगर पालिकाध्यक्ष रमेश जौहरी की की उनके कार्यालय में षडयंत्र के तहत हत्या कर दी गई थी। ऐसा ही प्रयास जिला पंचायत में भी किया जा रहा है। विपक्षीय सदस्यों के पति तथा अन्य रिश्तेदार जिला पंचायत में आते हैं। बार-बार झूठे अरोप का सहारा लेकर लोगों को भ्रमित कर इनके द्वारा षडयंत्र के तहत अप्रिय घटना हो सकने की आशंका जताई हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से भविष्य में घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। जिपं अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव से मामले में जिपं ने कोतवाल के विरुद्ध लगाए गए आरोपों को नकारते हुए सदन को सुचारू रूप से चलने में सहयोग की मांग का ज्ञापन दिया है। वही विपक्षी सदस्यों ने मामले में लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांग और बजट में समान वितरण को लेकर अपना आंदोलन जारी रखने की बात कही है।
- बागेश्वर से भावना मेहता की रिपोर्ट—-
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