चंपावत: ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, मेवात और अलवर से दो गिरफ्तार
वाहन बेचने के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले टटलू गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार
चम्पावत। उत्तराखंड की चंपावत जनपद पुलिस को मिली बड़ी सफलता। ऑनलाइन वाहन बेचने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश। गिरोह के दो शातिर साइबर अपराधियों को हरियाणा के मेवात और राजस्थान के अलवर से किया गिरफ्तार।
पुलिस के मुताबिक वर्ष 2020 में चम्पावत जिले के थाना लोहाघाट में वादी रवि मेहरा पुत्र मिलाप सिंह निवासी थुवा मेहरा के बैंक खाते से साइबर ठगों ने आनलाइन स्कूटी बेचने के नाम पर 57 हजार रुपये की धोखाधड़ी की थी। थाना लोहाघाट में अज्ञात लोगों के खिलाफ 420 और आइटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। चम्पावत के कोतवाल धीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन कर मामले की जांच की जा रही थी। पुलिस टीम ने साइबर सेल की मदद से आरोपितों की पहचान की। पता चला कि आरोपित हरियाणा के मेवात व राजस्थान के अलवर में रह रहे हैं। आरोपितों की धरपकड़ को उपनिरीक्षक हरीश कुमार के नेतृत्व में एक टीम मेवात और उपनिरीक्षक तेज कुमार के नेतृत्व में दूसरी टीम अलवर भेजी गई। जहां पुलिस ने आरोपी राशिद खान (27) पुत्र जैकम निवासी मनोता जमालगड़, थाना पुनहाना, जिला मेवात, हरियाणा तथा साबिर अहमद (25) पुत्र रहमत खान निवासी दौलत नगर माजरा, अलवर, राजस्थान को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को चम्पावत कोतवाली लाया गया। कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है। गिरोह का पर्दाफाश करने वाली टीम में कोतवाल धीरेन्द्र कुमार, साइबर सेल के प्रभारी निरीक्षक हरपाल सिंह, लोहाघाट के उपनिरीक्षक हरीश प्रसाद, टनकपुर के उपनिरीक्षक तेज कुमार, पंचेश्वर के कांस्टेबल बिहारी लाल, कांस्टेबल सुनील कुमार, प्रकाश मेहरा, गुलाम जिलानी, सर्विलांस सेल के कांस्टेबल भुवन पांडेय शामिल रहे।
अपराधकरने का_तरीका-
अभियुक्तगण अलवर, राजस्थान एवं मेवात, हरियाणा के रहने वाले है तथा #स्थानीय गिरोह टटलूगैंग नामसे विख्यात है। जो साइबर अपराध #फेसबुकआईडी हैक कर मैसेन्जर के माध्यम से तथा #ओएलएक्सफेसबुक व्हाट्सअप केमाध्यमसेआर्मीपरसन व अन्य की #फर्जी फेसबुकआईडी बनाकर वाहन आदि बेचने के नाम पर #भोलेभालेलोगो कोअपने विश्वासमें लेकरठगी करते है। इनके खातों में लाखों रूपयो का लेनदेन होना पाया गया है। यह लोग अपने गैंग को मेवात तथा अलवर राजस्थान से संचालित करते थे तथा #छोटे छोटे गैंगबनाकर यहलोग काम_करते है। उक्त अपराधी फर्जी फोन पे, गूगल पे, पेटीएम के माध्यम से पैसा ट्रान्सफर कर पैसे को ऑनलाइन बैंक अकाउण्ट में डालकर निकाल देते थे।
पूर्व क्राईम हिस्ट्री – अभियुक्तगण उपरोक्त की हरियाणा व राजस्थान के थानो से पूर्व की क्राईम हिस्टी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
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