हल्द्वानी: पुलिसवाला बनकर लोगों को ऐसे ठगता था हाईस्कूल फेल युवक, दर्जनों बनाए शिकार
:हाईस्कूल फेल है उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में वारदात को अंजाम देने वाला आरोपी
:अपने एक दोस्त के साथ दे रहा था वारदातों को अंजाम
लच्छेदार बातों में उलझाकर उतरवा लेते थे लोगों के जेवर
(क्राइम रिपोर्टर: दीपक भंडारी)
हल्द्वानी(नैनीताल)। हाईस्कूल फेल एक व्यक्ति इतना शातिर हो सकता है किसी ने सोचा भी नहीं था। पुलिस को भी जब इस शातिर की करतूत कर पता लगा तो वह भी हैरान रह गई। आरोपी एक शातिर ठग है, और ठगी का ये गुर उसने पुलिस से ही सीखा है। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में वारदात को अंजाम देने वाला आरोपी अब अपने शातिर दोस्त के साथ पुलिस के चंगुल में है। दोनों कुछ माह पहले ही देहरादून जेल की सलाखों से बाहर आए है। इस शातिर अपराधी का नाम विनोद कुमार शर्मा पुत्र सम्पूर्णानंद शर्मा निवासी मौहल्ला राजनगर पीएसी 38 बीएन गेट के सामने देव सैनी थाना हरदूवागंज जनपद अलीगढ़ यूपी, दूसरा आरोपी कालीचरण पुत्र रामचन्द्र निवासी डोहरिया थाना बिथरी चैनपुर जिला बरेली यूपी ये दोनों देहरादून की जेल में बंद थे, और एक ही बैरक में थे। छह माह पहले दोनों आजाद हुए तो अपनी गैंग बना ली।
मामले में एसपी सिटी डा. जगदीश चन्द्रा ने बताया कि विनोद के परिवार में कुछ लोग उत्तरप्रदेश पुलिस में नौकरी करते है और इन्हीं लोगों की संगत में रहकर विनोद ने ठगी के गुर सीख लिए। जिसके बाद इसने वारदातों
को अंजाम देना शुरू किया। आरोपी लोगों से मिलता और बातों ही बातों में उनसे जान पहचान निकाल लेता। बाते इतनी लच्छेदार होती कि सामने वाला
मंत्रामुग्ध हो जाता। इसी बीच विनोद झांसे में आए लोगों के जेवर उतरवा लेता था। इससे पहले कि पीड़ित कुछ समय पाता आरोपी फरार हो चुका होता है।
विनोद और कालीचरण जब जेल से छूटे तो शिकार की तलाश में हल्द्वानी आ पहुंचे।
बीती 19 जनवरी को उन्होंने जगत मंगला कालोनी ऊंचा पुल मुखनी निवासी डा. प्रमोद चन्द्र गुरूरानी पुत्र जगदीश चन्द्र गुरूरानी को अपना शिकार बनाया। दोनों बाइक पर सवार थे। प्रमोद उस वक्त अपने घर के बाहर टहल रहे थे। मुलाकात होते ही आरोपी ने अपना जाल फैंका और प्रमोद के पैर छू लिए। इसके बाद लच्छेदार बाते शुरू हुई और बातो-बातो में आरोपी प्रमोद के
पहने जेवरों की तारीफ शुरू कर दी। और कहा कि उसे ऐसे ही जेवर अपने बेटे के लिए बनाने है। इतनी देर में आरोपी प्रमोद से घुलमिल चुके थे। एक सैल्फी लेने के बहाने इन लोगों ने प्रमोद से उसके जेवर उतरवा लिए, और
फरार हो गए। फरार होने के बाद प्रमोद को होश आया कि वें लुट चुके है। आनन-फानन में उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। खबर मिलते ही पुलिस इनकी
तलाश में जुट गई, और जल्द ही कामयाबी भी मिल गई। पुलिस ने दोनों आरोपियों को कठघरिया पनयानी स्थित हैड़ाखान मंदिर के पास से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम में मुखानी थानाध्यक्ष सुशील कुमार ,एसआई महेश नेगी, त्रिभुवन जोशी, निर्मल लटवाल ,कांस्टेबल वीरेंद्र रावत,नरेंद्र राणा ,रमेश चंद्र कांडपाल शामिल रहे।
:जहां भी रहा पुलिसवाला बनकर रहा
आरोपी विनोद ठिकाने बदलता और किराए के घर पर रहता था वह जहां भी रहता वहां खुद को उत्तर प्रदेश पुलिस में तैनात बताता था यह सिर्फ इसलिए था कि कोई उस पर शक ना करें उसने अपनी बाइक पर भी यूपी पुलिस का लोगो छपा रखा था आरोपी पिछले 35 सालों से इस घटना को अंजाम देता है । यूपी सहित उत्तराखंड में भी 1 दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं ।आरोपी विनोद कानपुर बरेली ,रामपुर ,मुरादाबाद मथुरा ,आगरा ,संभल ,सहारनपुर तथा उत्तराखंड के काशीपुर ,हरिद्वार और देहरादून हल्द्वानी सहित दर्जनों घटनाओं को अंजाम दे चुका है।
:90 सीसीटीवी खंगाले तब गिरफ्त में आए
विनोद और कालीचरण को पकड़ने के लिए पुलिस ने तत्परता जरूर दिखाइए लेकिन उन्हें पकड़ना इतना आसान नहीं था मामला दर्ज करने के बाद पुलिस तफ्तीश में जुटी लेकिन आरोपियों के चेहरे में पुलिस अनजान थे ।पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और सबसे पहले प्रयास किया कि आरोपियों के चेहरे सामने आए इसलिए घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू किया । पुलिसिया रणनीति कामयाब हुई न सिर्फ आरोपियों के चेहरे साफ हुए बल्कि सीसीटीवी फुटेज से पुलिस के हाथ आरोपियों के गिरेबान तक जा पहुंचे इसके लिए पुलिस ने एक दो नहीं बल्कि 90 सीसीटीवी फुटेज खंगाले।
:जेल में है अपराधी का शागिर्द बेटा
पूरे मामले में खास बात यह है कि विनोद घटना को अकेले अंजाम नहीं देता था उसके हर जुर्म में उसका बेटा विवेक शर्मा शरीक था । होता यह था कि विनोद लोगों को अपने जाल में फंसाता था उनके जेवर उतरवाता था और जेवर बेटे को सौंप देता बेटा जेवर लेकर भागता है और दूसरी तरफ विनोद रफू चक्कर हो जाता इस करतूत का अंजाम फ़िलहाल विनोद का बेटा विवेक भुगत रहा है और वह उत्तर प्रदेश की मेरठ जेल में बंद है।
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