बागेश्वर-DM ने ऑर्गेनिक फार्मिंग बढ़ाने के दिए निर्देश ,2 नये एफपीओ का गठन
बागेश्वर 06 अक्टूबर, 2020।
जनपद में कृषि संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने एवं कृषि के क्षेत्र में जनपद को आत्मनिर्भर बनाते हुए कृषक उत्पादक समूह (एफ0पी0ओ0) का गठन करते हुए कृषि एवं सम्बद्ध गतिविधियों को एक संगठित रूप में संचालित करने हेतु जिलाधिकारी विनीत कुमार की अध्यक्षता में महत्वूपर्ण बैठक आहूत की गयी।
बैठक में नाबार्ड के अधिकारी गिरीश पंत द्वारा जिलाधिकारी को अवगत कराया कि जनपद में 02 नये एफपीओ का गठन करने एवं पूर्व से संचालित 04 एफ0पी0ओ0 के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि एफ0पी0ओ0 के माध्यम से जहॉ एक ओर कृषकों को अपने उत्पादन स्थानीय स्तर पर विक्रय करने में आसानी होगी वहीं दूसरी ओर मूल्य प्रसंस्करण की विधि के माध्यम से और अधिक लाभ उठा सकेंगे।

जिलाधिकारी ने एफपीओ के गठन के संबंध में नाबार्ड के अधिकारी सहित उपस्थिति सभी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि बागेश्वर जैसे पहाड़ी जनपद में आर्गेनिक फार्मिग को न केवल बढाया जाय बल्कि उसका स्पष्ट प्रमाणीकरण कराते हुए उसके विक्रय की व्यवस्था करायी जाय ताकि जनपद में विभिन्न स्थानों पर आर्गेनिक कृषि के उत्पाद सुगमतापूर्वक उपलब्ध हो सके। बैठक में जिलाधिकारी ने उद्यान, कृषि एवं अन्य अधिकारियों से विभिन्न पहलूओं पर विवेचना करते हुए जनपद के लिए 03 नये एफपीओ जिसमें शामा क्षेत्र में आलू के लिए, मालता क्षेत्र बागेश्वर में सब्जी के लिए तथा कपकोट क्षेत्र में मडूवे के लिए नये एफपीओ गठन करने के निर्देश दिये गये।
जिलाधिकारी ने कहा कि एफपीओ के गठन से जहॉ एक ओर कृषकों को संगठित कृषि करने का अवसर प्राप्त होगा वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना का लाभ प्राप्त होगा तथा उन्हें ऋण आदि की सुविधा भी प्राप्त हो सकेगी। इसके लिए उन्होंने लीड बैंक अधिकारी एन0आर0 जौहरी को निर्देशित करते हुए कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि जनपद अन्तर्गत गठित किये जाने वाले नये एफपीओ तथा पूर्व में संचालित एफपीओ को विभिन्न योजना के अन्तर्गत कृषकों को प्राप्त होने वाले ऋण आदि समय से उपलब्ध हो उन्हें इसके लिए अनावश्यक रूप से परेशान न होना पड़े।
जिलाधिकारी ने कृषि हेतु आधारभूत संरचना के विकास के लिए नाबार्ड द्वारा संचालित की जा रही एग्रीकल्चर इन्फ्रेसटक्चर फण्ड की भी समीक्षा की जिसके अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य हेतु प्रथम वर्ष के लिए 785 करोड़ रूपये एवं 392 लाभार्थियों का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के अन्तर्गत कृषि हेतु आधारभूत संरचना का विकास किये जाने वाले संस्था आदि को ऋण में 03 प्रतिशत की छूट किया गया है। साथ ही इस योजना को सरकार द्वारा संचालित अन्य योजनाओं के साथ कन्वर्सेशन का भी प्राविधान रखा गया है।
जिलाधिकारी ने कृषि हेतु आधारभूत संरचना के विकास किये जाने के लिए नाबार्ड द्वारा संचालित की जा रही इस योजना के संबंध में कृषि, उद्यान एवं अन्य विभागों को इस योजना हेतु जनपद अन्र्तगत लाभार्थियों का चयन करते हुए उन्हें इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिये, ताकि बृहद स्तर पर कृषि हेतु आधारभूत संरचना का विकास किया जा सके एवं कृषकों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके। जिलाधिकारी ने बैठक में संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि वे कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों को विकास के लिए एक मजबूत रणनीति का निर्माण कर उसके एक बेहतर क्रियान्वयन पर कार्य करें।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डी0डी0 पंत, मुख्य कृषि अधिकारी बी0पी0 मौर्य, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 उदय शंकर, जिला पूर्ति अधिकारी अरूण कुमार वर्मा, जिला मत्स्य अधिकारी मनोज मियान, ज्येष्ठ मुख्य निरीक्षण उद्यान पी0एस0 परिहार, दीपक शाह, डॉ0 कमल कुमार पाण्डेय, ललित विष्ट आदि मौजूद रहे।


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