बागेश्वर:- डीएम ने एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना की समीक्षा ,दिए यह निर्देश
बागेश्वर 23 अगस्त, 2020। कृषि विभाग द्वारा संचालित एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु जिलाधिकारी विनीत कुमार की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में योजना के तहत कियें जाने वाले कार्यो के संबंध में समीक्षा करते हुए मुख्य कृषि अधिकारी से संचालित योजना के बारे में जानकारी प्राप्त की।
बैठक में मुख्य कृषि अधिकारी वी0पी0 मौर्या ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना का मुख्य उद्देश्य कलस्टर आधारित एकीकृत कृषि पद्धति को अपनाना, कार्यक्रमों का संचालन सहकारिता के आधार पर कृषक समूहों द्वारा किया जाना, पलायन कर चुके कृषकों के खेतों को भी कलस्टर में शामिल करना, रोजगार के अवसर पैदा करना, केंद्र/राज्य की अन्य योजनाओं से डबटेलिंग करना तथा उत्पादक के विपरण की व्यवस्था करना मुख्य उद्देश्य हैं। उन्होने अवगत कराया कि योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला नियोजन एवं अनुश्रवण समिति का गठन किया गया हैं, जिसमें जिलाधिकारी अध्यक्ष, मुख्य विकास अधिकारी संयोजक, मुख्य कृषि अधिकारी सदस्य सचिव, जिला विकास अधिकारी, परियोजना अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, रेशम विकास आदि विभागों को सदस्य नामित किया गया हैं। इसके साथ ही विकास खंड व ग्राम पंचातय स्तर पर भी समिति का गठन किया गया है।

उन्होने यह भी अवगत कराया कि इस योजना के संचालन के लिए जनपद के तीनों विकास खंडों में एक-एक ग्राम पंचायतें चयनित की गयी हैं, जिसमें विकास खंड बागेश्वर में ग्राम माल्ता, गरूड में ग्राम भिलकोट तथा विकास खंड कपकोट में ग्राम फरसाली पल्ली का चयन किया गया हैं, जिन्हें उद्यान, मत्स्य, भेषज, पशुपालन, डेयरी आदि रेखीय विभागों के माध्यम से संचालित योजनाओं से लाभान्वित किया जाना हैं। बैठक में जिलाधिकारी ने योजना से जुडे अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि योजना के सफल संचालन के लिए सभी रेखीय विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए चयनित ग्राम पंचायतों के लिए कारगर रणनीति के तहत अपने-अपने विभागों की कार्ययोजना तैयार करें, जिसके लिए उन्होंने सभी विभागों को संबंधित ग्राम पंचायतों का सर्वे एवं निरीक्षण करने के निर्देश दियें। उन्होंने विकास खंड गरूड के भिलकोट में 24 अगस्त, कपकोट के फरसाली पल्ली में 26 अगस्त तथा विकास खंड बागेश्वर के ग्राम पंचायत माल्ता में 28 अगस्त, 2020 की तिथि निर्धारित कर सर्वे कराने के निर्देश दियें। तथा संबंधित विभाग चयनित ग्राम पंचायतों में शुरू की जाने वाली अपने-अपने विभागों की योजनाओं का पूरा विवरण एक सप्ताह के भीतर मुख्य कृषि अधिकारी को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
उन्होने संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दियें कि चयनित ग्राम पंचायतों में जो भी योजनायें संचालित की जायेगी उन योजनाओ की जी0आर्इ0एस0 मैंपिंग भी अनिवार्य रूप से की जाय। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दियें कि किसानों की आय को दोगुनी करने तथा क्षेत्र को विकसित करने के लिए स्थानीय जलवायु एवं संसाधनों की उपलब्ध्ता को देखते हुए कलस्टर आधारित एकीकृत कृषि कार्यक्रम संचालित कियें जाने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करें। जिसमें कृषि, उद्यानीकरण, सब्जी उत्पादन, मधुमक्खी पालन, पशुपालन, मशरूम उत्पादन, चारा उत्पादन, रेशम उत्पादन, डेयरी विकास, जैविक खेती, बीज उत्पादन, भेड एवं ऊन विकास, जडी-बूटी, सगन्ध पौध उत्पादन, विपणन, प्रशिक्षण, पोस्ट हार्वेस्ट आदि कार्यो के लिए ठोस कार्य योजना तैयार करते हुए लोगो को लाभान्वित करने के लिए प्रेरति व जागरूक करें, ताकि स्थानीय निवासी इन योजनाओं का लाभ प्राप्त कर अपनी आर्थिकी को मजबूत कर सकें तथा बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकें।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डी0डी0 पंत, जिला विकास अधिकारी के0एन0 तिवारी, अपर परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 उदय शंकर, जिला उद्यान अधिकारी आर0के0 सिंह, मत्स्य अधिकारी मनोज मियान, लीड बैंक अधिकारी एम0एस0 पांगती, सहायक निबंधक सहकारिता मनोहर सिंह मर्तोलिया, अधि0अभि0 लघु सिंचार्इ नरेश कुमार, सिंचार्इ ए0के जॉन, भूमि संरक्षण अधिकारी गीतांजलि बंगारी, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड गिरीश पंत, प्रबंधक आजीविका धर्मेद्र पांडे सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहें।

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