बागेश्वर- जलागम परियोजना में कपकोट ब्लॉक की 44 ग्राम सभाएं चिह्नित
बागेश्वर। मुख्य विकास अधिकारी डी.डी. पंत की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में जिला जलागम समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गयी। जिसमें मुख्य विकास अधिकारी द्वारा जलागम विकास परियोजना द्वारा जनपद में संचालित कियें जा रहें विकास कार्यो की जानकारी प्राप्त की। बैठक में उप परियोजना निदेशक जलागम ललित रावत ने मुख्य विकास अधिकारी को अवगत कराया कि परियोजना द्वारा जनपद के विकास खंड कपकोट में 44 ग्राम सभायें चिन्हित की गयी है, जिसमें 113 महिला प्रेरक चयनित किये गए है। यह योजना 07 वर्ष की हैं जो वर्ष 2014 से शुरू होकर सितम्बर, 2021 तक लक्ष्यों को हासिल किया जाना हैं।
उन्होने अवगत कराया हैं कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड राज्य के चयनित सूक्ष्म जलागम क्षेत्रों में ग्रामीण समुदाय की सहभागिता से प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग तथा बारानी कृषि की उत्पादकता में वृद्धि करना है। उन्होने अवगत कराया कि परियोजना द्वारा किसानों की आय बढाने हेतु गठित कृषक संघों का कृषि व्यवसाय, गतिविधियों और वित्तीय प्रबंधन की दिशा में व्यवहारिक क्षमता विकास करने के उद्देश्य से कई कलस्टरों में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परियोजना द्वारा वर्षा जल संरक्षण के तहत सूक्ष्म जलागम क्षेत्रों में वर्षा जल के संरक्षण, संवर्द्धन एवं संग्रहण हेतु विभिन्न प्रकार की संरचनायें संग्रहित की गयी हैं। जिसके तहत जल स्रोत के उपचार के अंतर्गत डगआउट, पॉण्ड, चाल खाल, रिचार्जपिट, खन्तियां आदि का निर्मित की गयी है। इन संरचनाओं के निर्माण से वर्षा जल का समुचित संभरण होने के कारण जल स्रोतों के श्राव में वृद्धि हो रही है तथा सिंचाई सुविधाओं का विकास सिंचित क्षमता में वृद्धि हेतु सिचाईं टैंक, एल0डी0पी0टैंक, प्री फै्रब्रीकेटेड जियो मैम्ब्रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक, ग्रामीण सिंचाई तालाब निर्मित कियें गये है। उन्होने कहा कि सौर उर्जा उपयोग से सिंचाई व अन्य उपयोग के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए परियोजना क्षेत्रों में सौर उर्जा पंपों का उपयोग किया जा रहा है। इस संयोजन से सौर पैनलों के माध्यम से प्राप्त उर्जा पंपों द्वारा पानी हाई डेनसिटी पॉलीइथिलीन (एच0डी0पी0र्इ0) पाईप के माध्यम से खेतों व घरों से ऊंचाई वाले स्थानों पर बने टैंक में एकत्र कर सिचाई आदि के उपयोग में लाया जाता है। उन्होने कहा कि कृषि आय में वृद्धि के लिए नगदी/सिंचिंत (सब्जियों व मसालों ) से प्रति हैक्टेयर आय दोगुनी हो गयी है। उन्नत कृषि क्षेत्र प्रदर्शन से उच्च मूल्य कृषि एवं सब्जी व फसलों को बढावा देने हेतु उन्नत बीजों एवं कृषि तकनीकों के कृषि प्रदर्शन क्षेत्र कियें जा रहें है जिन्हें कृषि गतिविधियों में अपनाकर कृषकों की आय में गुणात्मक वृद्धि हुई है, जो की उनकी भविष्य को सुरक्षात्मक प्रदान कर रही है। उन्होने कहा कि संरक्षित खेती के लिए बेमौसमी उच्च मूल्य फसलों को बढावा देने हेतु पॉलीहाऊस एवं पॉलीटनल का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें उत्पादक अधिक होने एवं बेमौसमी उत्पादकों के विक्रय से कृषकों की अधिक नियमित आय सुनिश्चित हुआ हैं। उन्होने अवगत कराया कि बारानी क्षेत्र के अंतर्गत सिंचित क्षेत्रफल में वृद्धि हेतु की गयी गतिविधियों के तहत 97 सिचांई टैंक, 23 सिंचाई गूल, 182 एल0डी0पी0र्इ0टैंक, 01 सोलर पॉवर साईड्स, 792रूफवाटर हार्वेस्टिंग तथा 03 जियो मैम्बरेन टैंक बनायें गयें है। जिसके परिणाम स्वरूप 292.33 हैक्टेयर सिंचित कृषि क्षेत्र में वृद्धि हुई है तथा 235.97 हैक्टेयर अतिरिक्त एरिया उद्यान स्थापना के अंतर्गत विकसित किया गया है। तथा वाटर होल्डिग क्षमता में वृद्धि 1238 लाख लीटर जिसमें से 1168 लाख लीटर पानी ग्राउंड रिचार्ज होता है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने उप परियोजना निदेशक जलागम को निर्देश दियें कि उनके द्वारा जो भी परियोजनायें संचालित की जा रही है जिसके लिए उन्हें वर्तमान समय में 05 करोड की धनराशि उपलब्ध करायी गयी है उस धनराशि का सफल क्रियान्वयन करते हुए संचालित योजनाओं में व्यय करना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि उन्हें लक्ष्य निर्धारित हैं तथा किन योजनाओं में प्राथमिकता से कार्य करने की आवश्यकता हैं इसके लिए उन्होने जो भी निर्माण कार्य कियें जाने हैं उन्हें गुणवत्ता के साथ प्राथमिकता से पूर्ण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दियें कि उनके द्वारा जो भी कार्य कियें जा रहें हैं वह भी संबंधित विभागीय अधिकारियों से समन्वय करते हुए उन कार्यो की सूची भी उपलब्ध करायें ताकि किसी एक योजना पर दो-दो विभागों द्वारा कार्य न किया जाय इसका विशेष ध्यान रखा जाय। उन्होने यह भी निर्देश दियें कि उनके द्वारा जो भी कार्य कियें जा रहें हैं उनका डाटा ठीक ढंग से तैयार किया जाय। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी बलवंत सिंह शाही, परियोजना निदेशक डी0आर0डी0ए0शिल्पी पंत, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 उदश शंकर, जिला उद्यान अधिकारी आर0के0 सिंह, महाप्रबंधक उद्योग जीपी दुर्गापाल, लीड बैंक अधिकारी एन0आर0 जौहरी, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास राजेन्द्र प्रसाद बिष्ट, अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई नरेश कुमार सहित संबंधित अधिकारी एवं महिला समन्वयक व प्रेरक मौजूद रहें।
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
हमारे व्हाट्सएप समाचार ग्रुप से जुड़ें
फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ को लाइक करें
टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें
हमारे इस नंबर 9927164214 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें