देहरादून-DGP अशोक कुमार 30 नवंबर को संभालेंगे कार्यभार ,पढ़िए विशेष उपलब्धियां
उत्तराखण्ड के नये डीजीपी बने अशोक कुमार (आई.पी.एस.) आगामी 30 नवम्बर 2020 को लेंगे पुलिस महानिदेशक पद की शपथ
अशोक कुमार का जन्म और पालन-पोषण हरियाणा के जिला पानीपत के एक छोटे से गाँव कुराना में हुआ था। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा गाँव के सरकारी स्कूल से प्राप्त की और IIT दिल्ली से BTech (1986) और MTech (1988) किया।
श्री अशोक कुमार वर्ष 1989 में भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए और उन्होंने इलाहाबाद, अलीगढ़, चमोली, मथुरा, शाहजहाँपुर, मैनपुरी, रामपुर, नैनीताल और हरिद्वार जैसे स्थानों में यूपी और उत्तराखंड राज्य में अपनी सेवाएं देते हुए कई चुनौतीपूर्ण कार्य किए। उत्तराखण्ड बनने से पूर्व वे चार जनपदों में सेवा दे चुके हैं, जो अब 5 जनपदों में तबदील हो चुके हैं। उन्होंने कुमाऊं के तराई क्षेत्र से आतंकवाद के खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 22 जनवरी 1994 को ऊधमसिंहनगर में हीरा सिंह गैंग के साथ हुए एक बड़े एन्काउन्टर को उन्होंने खुद लीड किया। इस एन्काउन्टर में 3000 राउण्ड फायरिंग हुई थी।
वर्ष 1994 में पुलिस अधीक्षक चमोली के पद नियुक्त रहे। इस दौरान जनता के साथ परसपर संवाद एवं सहयोग से वहां उत्तराखण्ड आन्दोलन काफी शान्तिपूर्ण रहा। वर्ष 1995-96 में वे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार तथा वर्ष 1999 में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नैनीताल के पद पर सेवारत रहे।
वर्ष 2013 में केदारनाथ में आयी आपदा के समय वे BSF में IG प्रशासन के पद पर नियुक्त थे, इस दौरान उन्होंने कालीमठ घाटी में राहत एवं पुनर्वास कार्य कराए थे। 14 गांव गोद लिए थे और कालीमठ मन्दिर को भी बहने से बचाया था।
श्री अशोक कुमार “खाकी में इंसान” विषय पर जोर देते हैं। उनका मानना है कि अच्छी पुलिस व्यवस्था से सचमुच गरीब व असहाय लोगों की जिन्दगी में फर्क लाया जा सकता है।
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