एक्सक्लुसिव:उत्तराखंड मॉर्निंग पोस्ट, नैनीताल- इस गांव में धूप सेंकने निकल रहे हैं कोबरा, वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने एक माह में पकड़े तीन दर्जन सांप

वरदान बनी वन विभाग की स्नेक रेस्क्यू टीम , विभिन्न प्रजातियों के सांपों को रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगल में छोड़ा
हल्द्वानी-गर्मी व बरसात में बिलों से सांप बाहर निकलने की घटाएं तो अक्सर आपने सुनी या देखी होंगी लेकिन जाड़ो के मौसम में निरंतर सांपों का निकलना शायद ही कभी किसी ने सुना हो।
लेकिन यहां नैनीताल जनपद के अंतर्गत गौलापार गांव व आसपास के क्षेत्रों में पिछले 1 माह के भीतर वन विभाग की टीम द्वारा 3 दर्जन से अधिक सांपों का रेस्क्यू किया जा चुका है। स्नेक रेस्क्यू टीम के प्रभारी दया किशन हरबोला के माने तो जाड़ों में सांप धूप सेकने के लिए बिलों से बाहर निकल रहे हैं। श्री हरबोला ने बताया कि अब तक उन्होंने जितने भी सांप रेस्क्यू किए लगभग सभी दोपहर के समय घरों के आंगन में या दीवारों में एकदम शांत अवस्था में लेटे हुए मिले।

पिछले 19 जनवरी 2020 से अब तक हल्द्वानी डिवीजन तथा वन सुरक्षा दल की संयुक्त रेस्क्यू टीम द्वारा पकड़े गए सांपों के कुछ आंकड़ों पर नजर डालें तो
19 जनवरी- १ कोबरा किशनपुर रेक्वाल से ,23 जनवरी- 1 कोबरा सांप पूर्वी खेड़ा व 1 कल्याणपुर पश्चिमी से ,24 जनवरी- 1 कोबरा झुतपुर गोलापार व 1 मदनपुर से 25 जनवरी- को 1 कोबरा बसन्तपुर से ,26 जनवरी- 1 कोबरा नया गाव गोलापार से, 27 जनवरी – को 1 कोबरा सांप बसन्तपुर पूर्वी व 1 झुतपुर से ,30 जनवरी- को 1 कोबरा पूर्वी खेड़ा, 1 मदनपुर, जगतपुर से 2 31 जनवरी- 2 कोबरा पूर्वी खेड़ा, 1 रतनपुर नेगी से ,

1 फरवरी- 1 कोबरा बसन्तपुर, 1 रतनपुर पूर्वी से ,2 फरवरी- 1 कोबरा दौलतपुर से ,3 फरवरी- 1 कोबरा ज्वाला पोखरी से ,8 फरवरी- 1 कोबरा मदनपुर,9 फरवरी- 1 कोबरा लछमपुर से पकड़ा,12 फरवरी- 1 कोबरा मदनपुर से पकड़ा, 13 फरवरी- 3 कोबरा विवेकानंद कॉलेज किशनपुर व 1 दौलतपुर से , 14 फरवरी को बसंतपुर गौलापार से एक कोबरा व एक धामन प्रजाति के सांप का सफल रेस्क्यू कर सुरक्षित घने जंगलों में छोड़े गए।
सांपों को रेस्क्यू करने वाली टीम में दया किशन हरबोला , किशन कश्यप क्यूआरटी एवं वन सुरक्षा दल वन प्रभाग हल्द्वानी शामिल रहे।

वन संरक्षक पश्चिमी वृत डा पराग मधुकर धकाते कहते है कि जाडों मे भी सांपों का निकलना एक सामान्य प्रक्रिया है ऐसा नही कि सांप पहले नही निकलते थे लेकिन अब अधिक जागरूकता के चलते लोग सांप के रेस्क्यू के लिए वन विभाग को तुरन्त फोन करते है ।
जिससे सांपों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर उन्हे सुरक्षित जंगलों मे छोडा जा रहा है। उन्होने बताया कि वन विभाग निरन्तर सांप एवं अन्य वन्यजीव जन्तु संरक्षण के लिए ग्रामीणों क्षेत्रों मे व्यापक प्रचार प्रसार कर रहा है जिसका असर आज अधिक देखने को मिल रहा है अब ग्रामीण क्षेत्र के लोग सांपों को मारने की जगह उन्हे सुरक्षित जंगल मे छोडनें का सहारा ले रहे है गौलापार जंगल क्षेत्र से जुडे रहने के चलते वहां पर सांपों के निकलने की घटनाए अधिक है। जो सामान्य प्रक्रिया है उन्होने वन्यजीव जन्तु संरक्षण के लिए और व्यापक प्रचार प्रसार की बात भी कही।




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