उत्तराखंड: सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार पहुंचे सेंचुरी पेपर मिल लालकुआं , बच्चों को दिए यह टिप्स

लालकुआं। सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार सेंचुरी पल्प एंड पेपर प्रबंधन के आह्वान पर पहुंचे लालकुआं सेंचुरी पल्प एंड पेपर और छात्र-छात्राओं के साथ साझा किए आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम के अनुभव, आनन्द कुमार बिहार के जाने-माने शिक्षक एवं विद्वान हैं।
बिहार की राजधानी पटना में सुपर-३० नामक आईआईटी कोचिंग संस्थान के जन्मदाता एवं कर्ता-धर्ता है। वह रामानुज स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स नामक संस्थान का भी संचालन करते हैं। आनंद कुमार सुपर-30 को इस गणित संस्थान से होने वाली आमदनी से चलाया जाता है। आनन्द कुमार की प्रसिद्धि सुपर-३० की अद्वितीय सफलता के लिए है। वर्ष २००९ में पूर्व जापानी ब्यूटी क्वीन और अभिनेत्री नोरिका फूजिवारा ने सुपर 30 इंस्टीट्यूट पर एक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई थी। इसी वर्ष नेशनल जियोग्राफिक चैनल द्वारा भी आनंद कुमार के सुपर ३० का सफल संचालन एवं नेतृत्व पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई थी।आनंद कुमार का जन्म 1 जनवरी, 1973 को बिहार के पटना में हुआ था। उनके पिता भारत के डाक विभाग में एक क्लर्क थे, जो पुत्र की निजी स्कूली शिक्षा नहीं दे सकते थे। अनैच्छिक रूप से आनंद ने एक हिंदी माध्यम सरकारी स्कूल में भर्ती कराया।

उन्होंने उस समय के दौरान गणित में अपनी गहरी रुचि विकसित की.उन्होंने मैथमेटिकल स्पेक्ट्रम और द मैथमेटिकल गजेटेड में प्रकाशित किए गए क्रम के दौरान संख्या सिद्धांतों के आधार पर कुछ नोट बनाए। इस बीच, उन्होंने Cambridge University में प्रवेश प्राप्त किया, लेकिन अपने वित्तीय संकट और पिता की मृत्यु के कारण इसमें शामिल नहीं हो सके।प्रोफेसर आनंद कुमार ने वर्ष 2001 में सुपर-30 की स्थापना की और गरीब व जरूरतमंद बच्चों को आईआईटी की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने लगे, सुपर 30 में कुल ३0 बच्चो का सलेक्शन होता है। ये संस्थान आईआईटी एंट्रेंस की तयारी करवाता है। इस संस्थान मे गणित, भौतिक विज्ञान व रसायन विज्ञान तीनो विषयो का पढाई कराई जाती है।इस संस्थान का संचालना खुद आनंद कुमार करते है । इस संस्थान का रिकार्ड रहा है की हर साल सुपर 30 से ३० से २८ बच्चे आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम पास करते है, यही इस संस्थान का खासियत है। इसलिए इसे सुपर 30 कहा जाता है । सुपर 30 जबसे बना है बिहार के बच्चो का शिक्षा के प्रति रुझान बढ़ रहा है। वर्तमान में सुपर 30 में अब तक 330 बच्चों ने दाखिला लिया है, जिसमें से 281 छात्र की आईआईटी प्रवेश परीक्षा में पास हुए हैं, शेष इंजीनियरिंग संस्थान में पहुंचे हैं। आनंद कुमार सुपर-30 को अपने गणित संस्थान से होने वाली आमदनी से चलाते है। आनन्द कुमार की प्रसिद्धि सुपर-३० की अद्वितीय सफलता के लिए है। वर्ष 2009 में पूर्व जापानी ब्यूटी क्वीन और अभिनेत्री नोरिका फूजिवारा ने सुपर 30 इंस्टीट्यूट पर एक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई थी। इसी वर्ष नेशनल जियोग्राफिक चैनल द्वारा भी आनंद कुमार के सुपर ३० का सफल संचालन एवं नेतृत्व पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई थी। 2010 में टाइम मैगजीन ने आनंद कुमार को सुपर 30 कार्यक्रम को सर्वश्रेष्ठ एशियाई संस्था के रूप में सम्मानित किया। उन्हें भारत सरकार से भी कई सारे प्रतिष्टित पुरस्कार भी मिल चुके है और उनके इस सुपर 30 अभियान के लिए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी आनंद कुमार की तारीफ़ की थी। आनंद कुमार के इस ‘सुपर 30’ अभियान पर मार्च 2009 में डिस्कवरी चैनल पर एक घंटे की डाक्यूमेंट्री भी दिखाई गयी थी।

उनकी इस जबरदस्त कहानी को ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में भी प्रकाशित किया गया था।गरीब बच्चो को आईआईटी-जेईई की कोचिंग देने के लिए उनका नाम सन 2009 में लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में भी शामिल किया गया है। उनका जो सुपर 30 अभियान था उसे ‘टाइम’ मैगज़ीन में ‘बेस्ट ऑफ़ एशिया 2010’ की सूची में भी शामिल किया गया था। 2010 में उन्हें इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च एंड डॉक्यूमेंटेशन इन सोशल साइंसेज (आईआरडीएस) की तरफ़ से ‘रामानुजन अवार्ड’ दिया गया था।भारत में ही उन्हें राजकोट के आठवे राष्ट्रीय गणित सम्मलेन में रामानुजन गणित पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। मध्य प्रदेश सरकार ने भी उन्हें महर्षि वेद व्यास पुरस्कार से सम्मानित किया था और उन्हें कर्पगम यूनिवर्सिटी से डी एस सी की डिग्री भी दी गयी थी।परदेश में भी उन्हें ब्रिटिश कोलम्बिया सरकार, कनाडा और जर्मनी के सैक्सनी शिक्षा मंत्रालय की तरफ़ से भी उन्हें सम्मानित किया गया है। आईआईएफए, राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार जितने वाले निर्देशक विकास बहल ने मई 2016 में यह घोषित कर दिया था की गणितज्ञ आनंद कुमार के जीवन पर एक फ़िल्म बन रही है। इस फिल्म में उनका
इस फिल्म में उनका किरदार जाने-माने अभिनेता रितिक रोशन ने निभाया है।
आनंद कुमार से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि अगर उत्तराखंड सरकार उन्हें इंस्टिट्यूट खोलने के लिए भूमि उपलब्ध कराती है या कोई अन्य व्यक्ति तो वह बिहार की तर्ज पर यहां भी सुपर 30 की स्थापना कर सकते हैं।
जिसका लाभ उत्तराखंड की युवा पीढ़ी को मिलेगा।
सेंचुरी पल्प एंड पेपर के एचआर हेड अरुण प्रकाश पांडे ने बताया कि आनंद कुमार को सेंचुरी प्रबंधन की विशेष पहल पर बुलाया गया है।

- आनंद कुमार और उनके संस्थान की पहचान (Recognition)
कुमार के जीवन में ऐसे कई मौके आये जिससे इन्हें पहचान मिली उन्ही में से कुछ हम आपको बताने जा रहें है.
आनंद कुमार को सबसे बड़ा राष्ट्रीय अवार्ड “राष्ट्रीय बाल कल्याण अवार्ड” राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी के द्वारा दिया गया है.
साल 2009 में डिस्कवरी पर आनंद कुमार और उनके संस्थान के बारे में एक घंटे के एपिसोड दिखाया गया था, और “द न्यू यॉर्क टाइम्स” में इन्हें आधे पेज का कवरेज मिला था. जिससे उन्हें पहचान मिली.
इसके बाद मिस जापान नोरिका फुजिवारा की फॉर्मर और एक्ट्रेस ने पटना में इनसे मुलाकात कर इनपर एक डाक्यूमेंट्री बनाने की इच्छा व्यक्त की थी. इसके बाद बीबीसी द्वारा आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रम में भी कुमार को कवरेज मिला था. जिससे जनता के बीच इनकी पहचान बड़ी थी.
इसके बाद उन्हें अपने एक्सपीरियंस को विभिन्न संस्थानों जैसे आईआईटी इंस्टिट्यूट, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, यूनिवर्सिटी ऑफ़ ब्रिटिश कोलंबिया, टोक्यो यूनिवर्सिटी, स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी आदि में शेयर करने का मौका मिला, जिससे उनकी पहचान का दायरा बढ़ा.
गरीब छात्रों की मदद करने और उन्हें आईआईटी जैसे संस्थानों में प्रवेश दिलाने के लिए आनंद कुमार का नाम “लिमका बुक ऑफ़ रिकार्ड्स” में शामिल किया गया है.
इसके बाद टाइम मैगज़ीन द्वारा उनके इंस्टिट्यूट सुपर 30 को बेस्ट ऑफ़ एशिया 2010 में शामिल किया गया और यह एक बहुत बढ़ा सम्मान था.
साल 2010 में इंस्टिट्यूट ऑफ़ रिसर्च एंड डॉक्यूमेंटेशन इन सोशल साइंस द्वारा आनंद कुमार को एस. रामानुजन अवार्ड से सम्मानित किया गया.
आनंद कुमार के इस इंस्टिट्यूट को सयुक्त राष्ट्र के राष्ट्रपति बराक ओबामा के दूत रषद हुसैन से भी प्रशंसा मिली, उन्होंने इसे देश के बेस्ट इंस्टिट्यूट का दर्जा दिया है.
न्यूज़वीक मैगज़ीन में भी आनंद कुमार और उनके सुपर 30 इंस्टिट्यूट को जगह मिली, इसी के साथ उनके इंस्टिट्यूट को विश्व के 4 मोस्ट इनोवेटिव स्कूल की श्रेणी में शामिल किया गया.
इसके अलावा साल 2010 में आनंद कुमार को बिहार का सर्वश्रेष्ट सम्मान “मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा पुरस्कार” दिया गया है. इसके अलावा इसी साल उन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा बैंगलोर में “प्रोफेसर यशवंत केलकर युवा पुरस्कार” अवार्ड भी दिया गया है.
इनका नाम सयुक्त राष्ट्र की मैगज़ीन मोनोकले द्वारा विश्व के 20 अग्रणी शिक्षको की सूचि में शामिल किया गया है. इसके अलावा ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा आदि की सरकारों द्वारा भी इनका सम्मान किया गया है .
इसके अलावा बैंक ऑफ़ बड़ोदा मुंबई द्वारा इन्हें बड़ोदा सन लाइफ अचिवेमेंट अवार्ड भी दिया गया है. इसके अलावा इन्हें राजकोट में आयोजित आठवे नेशनल मैथमेटिक्स कन्वेंशन कार्यक्रम में “रामानुजन मैथमेटिक्स अवार्ड्स से सम्मानित किया गया.
इन्हें कोयम्बटूर में कर्पगम यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्टरेट ऑफ़ साइंस की उपाधि से सम्मानित किया गया है. इसके अलावा इन्हें मध्य प्रदेश में महर्षि वेदव्यास अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था.
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