उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022: भाजपा का डैमेज कंट्रोल प्लान , शेर सिंह के बाद गजराज भी माने
- कुमाऊं में भाजपा का ऑपरेशन समझौता
हल्द्वानी। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने कुमाऊं मंडल के कई जगहों पर आपरेशन समझौते को सफल बनाने में सफलता हासिल की है। बागेश्वर के कपकोट में शेर सिंह गड़िया को मनाने के लिए मुख्यमंत्री को सिर्फ 12 मिनट ही लगे थे लेकिन कालाढूंगी में बगावत पर उतरे गजराज सिंह बिष्ट को मनाने में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को आधा घंटे से ज्यादा का समय लगा। लेकिन बगावत की इस कहानी का अंत सुखद ही रहा।
गजराज ने बाहर आकर मीडिया के सामने अपनी नाराजगी दूर हो जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इन दिनों जिस तरह से कालाढ़ूंगी की जनता उनके पीछे आ खड़ी हुई थी, कालाढूंगी के लोगों के इस अहसान को वे ता उम्र भर नहीं भूलेंगे।
यह कहते कहते उनका गला रूंध गया और आखें छलछला गई। फिलहाल अब गजराज कल अपना पर्चा वापस लेंगे और इसके बाद बंशीधर भगत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनका चुनाव प्रचार करेंगें।
- सीएम धामी से मुलाकात के बाद पूर्व विधायक शेर सिंह गढ़िया भी माने
बागेश्वर। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को कपकोट से नाराज चल रहे पूर्व विधायक शेर सिंह गड़िया को मना लिया। उन्होंने शेर सिंह से 12 मिनट तक बंद कमरे में वार्ता की तथा उनको भरोसा दिलाया कि पार्टी में उनका पूरा सम्मान है। उनके अनुरोध पर शेर सिंह गड़िया ने भाजपा के प्रत्याशी सुरेश गड़िया के पक्ष में प्रचार का निर्णय लिया। बातचीत के दौरान कमरे में मात्र सीएम धामी, शेर सिंह गड़िया तथा सांसद अजय टम्टा ही रहे। तीनों के बीच 12 मिनट तक वार्ता हुई। जिसके बाद सीएम ने पत्रकारों को बुलाकर गड़िया के मानने की बात कही।

भाजपा के पूर्व विधायक व वर्तमान में टिकट न मिलने से नाराज शेर सिंह गड़िया ने कहा कि वे पार्टी के समर्पित सिपाही रहे हैं तथा रहेंगे। कहा कि सुरेश गड़िया के पक्ष में जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में कार्य करेंगे।सीएम से वार्ता के बाद गड़िया ने कहा कि वे पार्टी से टिकट के दावेदार थे। परंतु किसी कारणवश उन्हें टिकट नहीं मिल पाया ।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नाराज सुभाष पांडे से की मुलाकात , नाराजगी हुई दूर
अल्मोड़ा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को जागेश्वर पहुंचे। वह नाराज चल रहे कार्यकर्ता व टिकट के दावेदार सुभाष पांडे से मुलाकात की। आरतोला में सीएम ने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने सुभाष पांडेय के साथ बंद कमरे में बातचीत की। बाद में कार्यकताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी हाईकमान सुभाष पांडेय के मामले में गंभीर है। पार्टी ने उन्हें सम्मान देने का फैसला किया है। कहा कि शुरू से ही सुभाष पांडेय का नाम टिकट के लिए सबसे आगे था। पार्टी को कुछ मजबूरी के चलते प्रत्याशी बदलना पङा। सुभाष पांडेय ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि प्रत्याशी को विजयी बनाने जाएगा।
जागेश्वर विधानसभा से 2017 में पार्टी टिकट से चुनाव लड़ चुके सुभाष पांडेय को इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी ने इस बार मोहन सिंह मेहरा को अपना प्रत्याशी बनाया है। जिसके बाद से वह नाराज चल रहे हैं। उनके समर्थकों ने उन पर निर्दल चुनाव का भी दबाव बनाया था। हालांकि उन्होंने नामांकन नहीं कराया। चुनाव में पार्टी प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित हो इसके लिए सीएम ने खुद मोर्चा संभाला लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पार्टी में किसी प्रकार की नाराजगी नहीं है। सभी लोग संगठित होकर चुनाव लड़ रहे हैं। जहां कुछ जगहों पर कार्यकर्ता नाराज हैं, उनको मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी की के अंदर लोकतंत्र है, हर किसी को अपनी बात रखने का हक है। लेकिन टिकट एक को ही मिलता है। सभी एकजुट हैं।
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