उत्तराखंड: मेहनत और लगन से बिंदुखत्ता की बेटी ने पाया मुकाम , लड़कियों के लिए प्रेरणा बनी रेनू

- मेहनत और लगन से बिंदुखत्ता की बेटी ने पाया मुकाम , लड़कियों के लिए प्रेरणा बनी रेनू
लालकुआं। उत्तराखंड की बेटियां समाज के हर क्षेत्र में सफलता का परचम लहरा रही है वीरभूमि के बेटों के साथ ही बेटियां भी देश सेवा- सुरक्षा के क्षेत्र में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभा रही है। आज के इस दौर में बेटियां बेटों से कम नहीं, क्योंकि बेटियां कठिन परिश्रम और मेहनत से बड़ी सी बड़ी मुश्किल आसान कर देती है। और ऐसा ही कुछ कर दिखाया है नैनीताल जनपद अंतर्गत लालकुआं के बिन्दुखत्ता पटेल नगर की रहने वाली एक बेटी ने। जो 44 महीनों के कठिन परिश्रम और कठोर प्रशिक्षण के बाद आज सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स यानी सीआरपीएफ का हिस्सा बनी है। विषम परिस्थितियों और बेहद गरीब परिवार से निकलकर फौज में शामिल हुई बेटी की इस उपलब्धि से न सिर्फ परिवार में खुशी का माहौल है बल्कि क्षेत्र के लोग भी बहुत खुश हैं।
कठोर संघर्ष के बल पर गॉंव के गरीब परिवार से निकलकर मध्य प्रदेश के नीमच में सीआरपीएफ के 271 में पासिंग आउट परेड का हिस्सा बनी रेनू दानू अब गांव की लड़कियों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है। 19 जुलाई 2021 से 19 जून 2022 तक 1 साल कठोर ट्रेनिंग लेकर आज रेनू दानू 1313 जवानों के साथ सीआरपीएफ का हिस्सा बनी। मध्यप्रदेश के नीमच में सीआरपीएफ के कैंप में 918 बेटे और 395 बेटियों ने पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया।
बिंदुखत्ता की पटेल नगर की रहने वाली रेनू दानु के पिता प्रताप सिंह केएमओयू की बस चलाते हैं। जबकि माता दीपा देवी ग्रहणी है। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले रेनू दानू का बड़ा भाई भी कठिन मेहनत के बाद एयर फोर्स में चयनित होकर देश सेवा कर रहा है, जबकि छोटा भाई गोविंद घर में रहकर मां का हाथ बटाता है।
गांव की बेटी रेनू दानू की उपलब्धि पर परिजनों को गर्व की अनुभूति हो रही है साथ ही गांव में भी खुशी की लहर है । घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर 44 हफ्ते की कठोर ट्रेनिंग के बाद गांव की बेटी आज देश सेवा के लिए तैयार है लिहाजा लोग घर में बधाई देने आ रहे हैं।

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