Uttarakhand: अभ्यर्थियों को मिले उनकी मेहनत का पूरा फल, परीक्षा व्यवस्था को वीआईपी ड्यूटी की तरह संपादित करें
“उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं में पारदर्शिता सर्वोपरि, सभी अधिकारी अलर्ट मोड में कार्य करें” – अध्यक्ष गणेश मर्तोलिया
Rudraprayag News- उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष गणेश मर्तोलिया द्वारा आज जनपद रुद्रप्रयाग का दौरा किया गया, जहां उन्होंने जिलाधिकारी प्रतीक जैन सहित संबंधित अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य आयोग द्वारा आगामी समय में प्रस्तावित परीक्षाओं को पूर्ण पारदर्शिता, निष्पक्षता एवं अभ्यर्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सुचारू रूप से संपन्न कराना रहा।
बैठक में अध्यक्ष गणेश मर्तोलिया ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश हैं कि प्रदेश में आयोजित सभी प्रतियोगी परीक्षाएं पूर्ण पारदर्शिता के साथ कराई जाएं तथा इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित अधिकारी परीक्षा आयोजन को लेकर अलर्ट मोड में रहकर कार्य करें।
अध्यक्ष ने परीक्षा केंद्रों के चयन को लेकर निर्धारित मानकों एवं एसओपी के अनुरूप विस्तृत दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आयोग की प्राथमिकता है कि अधिक से अधिक परीक्षा केंद्र राजकीय विद्यालयों में ही बनाए जाएं, जिससे व्यवस्था पर बेहतर नियंत्रण रखा जा सके।
उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने वाले सड़क मार्ग दुरुस्त हों, केंद्र में बाउंड्री वॉल अनिवार्य रूप से उपलब्ध हो, मोबाइल टावर परीक्षा केंद्र के अत्यधिक समीप न हों ताकि जैमर संचालन में कोई समस्या न आए। इसके साथ ही विद्युत आपूर्ति सुचारू, जनरेटर की वैकल्पिक व्यवस्था, शौचालयों की समुचित सुविधा एवं अन्य मानवीय मानकों का पूर्ण ध्यान रखा जाए।
बैठक में जिलाधिकारी प्रतीक जैन सहित संबंधित अधिकारियों के साथ परीक्षाओं को निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। अध्यक्ष ने कहा कि परीक्षा की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ऊपरी स्तर से लेकर निचले स्तर तक सभी को ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ कार्य करना होगा, इसे एक अत्यंत महत्वपूर्ण दायित्व मानते हुए संपादित किया जाए।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अध्यक्ष मर्तोलिया ने निर्देश दिए कि परीक्षा से एक दिन पूर्व ही संबंधित उप जिलाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक एवं अन्य जिम्मेदार अधिकारी परीक्षा केंद्रों का विस्तृत निरीक्षण करें, ताकि किसी भी प्रकार की कमी शेष न रहे। उन्होंने कहा कि परीक्षा से एक दिन पहले ही केंद्रों पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि परीक्षा केंद्रों में ऑब्जर्वर की नियुक्ति केवल शासकीय सेवा से जुड़े जिम्मेदार अधिकारियों में से ही की जाए, किसी भी स्थिति में निजी व्यक्ति को यह जिम्मेदारी न दी जाए।
अध्यक्ष ने कहा कि आयोग की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि प्रदेश के मेहनती अभ्यर्थियों को उनकी मेहनत का पूरा और सही परिणाम मिले।
इसके अतिरिक्त उन्होंने निर्देशित किया कि परीक्षा केंद्रों के आसपास स्थित होटल, ढाबा एवं अन्य प्रतिष्ठानों की परीक्षा से पूर्व चेकिंग सुनिश्चित की जाए तथा परीक्षा संचालन को वीआईपी ड्यूटी के रूप में लिया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता की संभावना न रहे।
बैठक में परीक्षा व्यवस्था से जुड़े सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने एवं आयोग के दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रमेन्द्र बिष्ट, पुलिस उपाधीक्षक विकास पुंडीर, कोषाधिकारी निशा बंगवाल आदि मौजूद रहे।
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