टिहरी गढ़वाल: हिमालय के इस दुर्लभ क्षेत्र में साधना में लीन हैं सत्य साधक , देखें तस्वीरें
लोक मंगल की कामना को लेकर विगत 10 फरवरी से 36 दिवसीय साधना में लीन हैं सत्य साधक गुरुजी
9 मार्च को होगा मां बगलामुखी महायज्ञ
भिलंगना के दक्षिण तट पर स्थित है मां बगलामुखी जी का मंदिर

टिहरी गढ़वाल। जय मां पीतांबरी साधना एवं दिव्य योग ट्रस्ट के संस्थापक सत्य साधक श्री विजेंद्र पांडे गुरुजी हिमालय की पावन भूमि अत्यंत दुर्लभ क्षेत्र बगलाधार में विगत 10 फरवरी से लोकमंगल की कामना को लेकर 36 दिवसीय निराहार साधनारत है। माई बगलामुखी का यह क्षेत्र टिहरी गढ़वाल जनपद के घनस्याली तहसील क्षेत्र अंतर्गत आता है। घुत्तू से 5 किलोमीटर आगे जाकर यहां मां बगलामुखी का प्राचीन मंदिर स्थित है। मंदिर के व्यवस्थापक श्री रामकृष्ण शरण महाराज ने बताया कि सत्य साधक गुरु जी की साधना आगामी 9 मार्च को पूर्ण होगी जिस उपलक्ष्य में मां बगलामुखी जी का विशेष हवन यज्ञ का आयोजन किया जाएगा और 10 मार्च की सुबह भंडारा व प्रसाद वितरण कार्यक्रम आयोजित होगा।

श्री रामकृष्ण शरण महाराज ने बताया कि यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है इसका उल्लेख स्कंद पुराण के केदारखंड में भी मिलता है उन्होंने बताया भिलंगना नदी के दक्षिण तट पर यह मंदिर स्थित है मंदिर के दक्षिण ओर पुण्य प्रमोदिनी नदी है इस प्रमोदिनी नदी के दक्षिण पर शिला है। उन्होंने बताया मां बगलामुखी जी को यहां मां भगवती के रूप में पूजन होता है। उन्होंने बताया जेठ के महीने में यहां से मां की डोलियां शिला पर ले जाई जाती हैं जो कि यहां से डेढ़ कोस की दूरी पर है ,शिला में विधिवत पूजा पाठ के बाद डोली फिर वापस मंदिर में लाई जाती है। उन्होंने बताया माई के इस मंदिर की महिमा अपरंपार है यहां अनेक अदभुत चमत्कार प्रतिदिन होते रहते हैं माई अनेक रूपों में भक्तों को यहां पर दर्शन देती है।
- देवभूमि उत्तराखंड के विभिन्न शक्तिपीठों में गुरुजी कर चुके हैं साधना
सत्य साधक गुरु जी उत्तराखंड ,उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, नेपाल ,भूटान, राजस्थान समेत देश विदेश के तमाम शक्तिपीठों में लोक मंगल की कामना को लेकर निराहार 36 दिवसीय साधनाएं कर चुके हैं। देवभूमि उत्तराखंड की बात करें तो गुरु जी यहां रानीबाग के शीतला देवी मंदिर, लालकुआं के फलाहारी बाबा मंदिर, द्वाराहाट स्थित दूनागिरी मंदिर, श्रीनगर के भीलेश्वर महादेव मंदिर, रुद्रप्रयाग जनपद स्थित कालीशिला पर्वत, बागेश्वर के मां भद्रकाली मंदिर,डीडीहाट स्थित बाबा मलयनाथ मंदिर, पुटगांव स्थित ग्वेलज्यू दरबार में मां बगलामुखी जी की साधनाएं कर चुके है। इसके अलावा मध्य प्रदेश स्थित अमरकंटक मंदिर , उत्तर प्रदेश के बहराइच जनपद स्थित सोनपथरी आश्रम में गुरु जी द्वारा लोक कल्याण के लिए 36 दिवसीय साधना की गई। सोनपथरी आश्रम, राप्ती नदी तट के अलावा देश के अनेक क्षेत्रों में सत्य साधक गुरु जी के निर्देशन में वर्षभर हवन यज्ञ का कार्यक्रम चलता रहता है। देवभूमि उत्तराखंड में गुरु जी की मां बगलामुखी साधना के उपरांत यहां चार धाम यात्रा निर्विघ्न सफल हो रही है।










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