उत्तराखंड में पिरूल बनेगा आत्मनिर्भरता की कुंजी, वैज्ञानिक प्रशिक्षण से सशक्त होंगी महिलाएँ : प्रो. दुर्गेश पंत
Champawat News- मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड सरकार के दिशा-निर्देशन में उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट), देहरादून द्वारा जनपद चम्पावत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (S&T) आधारित हस्तक्षेपों के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों के अंतर्गत महिलाओं को तकनीकी दक्षता प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से नियमित रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
इसी क्रम में यूकॉस्ट द्वारा महिला उद्यमियों को स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए महिला प्रौद्योगिकी केन्द्र, चम्पावत में पिरूल आधारित विभिन्न उत्पादों के निर्माण हेतु दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित एससी/एसटी परियोजना के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य महिला उद्यमियों को पिरूल से उपयोगी उत्पादों के निर्माण हेतु वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करना है, ताकि वे स्थानीय संसाधनों के माध्यम से सतत आजीविका अर्जित कर सकें।
कार्यक्रम में देवेन्द्र सिंह द्वारा उपस्थित अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जनपद चम्पावत को आदर्श जनपद के रूप में विकसित करने हेतु यूकॉस्ट को नोडल एजेंसी नामित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस दिशा में यूकॉस्ट द्वारा निरंतर कार्य किया जा रहा है तथा महिला प्रौद्योगिकी केन्द्र, चम्पावत में समय-समय पर कौशल विकास एवं उद्यमिता आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
प्रो. पंत ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि जनपद चम्पावत में पिरूल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाएँ पिरूल से विभिन्न उपयोगी उत्पादों के निर्माण की वैज्ञानिक एवं तकनीकी विधियाँ सीखेंगी, जिससे उनके लिए स्वरोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। साथ ही, पिरूल के वैज्ञानिक संग्रह एवं उपयोग से वनाग्नि की घटनाओं में कमी लाने में भी सहायता मिलेगी।
उन्होंने जानकारी दी कि यूकॉस्ट द्वारा चम्पावत जनपद के भिंगराड़ा क्षेत्र में पिरूल ब्रिकेटिंग इकाई की स्थापना की गई है, जिससे वर्तमान में लगभग 75 महिला उद्यमियों को स्वरोजगार प्राप्त हो रहा है। भविष्य में जनपद के अन्य विकासखंडों में भी इस प्रकार की इकाइयाँ स्थापित किए जाने की योजना है।
इस अवसर पर डाॅ. एस.एस. गौराया ने कहा कि चम्पावत जनपद में टिशू कल्चर के क्षेत्र में भी महिला उद्यमियों को प्रशिक्षित किया जा सकता है, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
डाॅ. जी.एस. रौतेला ने यूकॉस्ट द्वारा जनपद चम्पावत में स्थापित किए जा रहे विज्ञान केन्द्र में प्रस्तावित विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों की जानकारी दी।
डाॅ. पीयूष जोशी द्वारा यूकॉस्ट एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के माध्यम से जनपद चम्पावत में संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी प्रतिभागियों को प्रदान की गई।
कार्यक्रम में नलिन शर्मा ने एससी/एसटी परियोजना के उद्देश्यों एवं इससे होने वाले लाभों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
मास्टर ट्रेनर दीप चन्द्र बिष्ट ने पिरूल से निर्मित विभिन्न उत्पादों के नमूने प्रदर्शित करते हुए बताया कि प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को पिरूल से कोयला, फाइल फोल्डर, मीटिंग फोल्डर सहित अन्य उत्पादों के निर्माण की वैज्ञानिक एवं व्यावहारिक तकनीकें सिखाई जाएँगी।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर डाॅ. राजेश मठपाल ने महिला उद्यमियों को समूह में कार्य कर उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हेस्को से विनोद खाती, यूकॉस्ट से संतोष कुमार एवं अरुण पाण्डे, भारतीय रिज़र्व बैंक से पंकज बिष्ट सहित जनपद चम्पावत के विभिन्न गाँवों—बचकोट, तामली, नरसिंह डांडा, पोखरी, दूधपोखरा, भिंगराड़ा, शक्तिपुरबुंगा, चौंकुनी बोरा, कमलेख लधौन, खर्ककार्की कारी, चौकी एवं खेतीखान—से 80 से अधिक महिला उद्यमियों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया।
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